चरखी दादरी: अधर में लटके ग्रीन कॉरिडोर (haryana Green corridor) का निर्माण जल्द शुरू होगा. गुरुवार को चार जिलों की पुलिस के साथ प्रशासनिक अमले ने हाईवे के लिए अधिग्रहित करीब चार किलोमीटर जमीन पर कब्जा लिया. इसके बाद कुछ किसानों ने विरोध करना शुरू कर (protest against green corridor project in charkhi dadri) दिया. इस दौरान कुछ किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. किसानों ने प्रशासन पर जबरदस्ती कब्जा करने का आरोप लगाया. कब्जा लेने के बाद एसपी, एसडीएम सहित सात ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हाईवे निर्माण का काम शुरू करवाया गया.
हरियाणा ग्रीन कॉरिडोर नेशनल हाईवे 152डी के लिए सरकार ने साल 2018 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था. तब कुछ गांवों के किसानों ने सरकार पर उचित मुआवजा नहीं देने का आरोप लगाया. इनमें खातीवास गांव के किसान भी शामिल थे. मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर सालभर किसानों का धरना भी चला. किसानों की बात मानते हुए सरकार की ओर से मुआवजा राशि को बढ़ा दिया गया. जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म कर दिया.
इसके बाद खातीवास गांव के किसान बढ़े हुए मुआवजा से सहमत नहीं हुए. गांव के किसी भी किसान ने निर्धारित मुआवजा नहीं लिया. ऐसे में करीब चार किलोमीटर के क्षेत्र में नेशनल हाईवे का निर्माण काम रूका हुआ था. यहां काम शुरू करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक भी की, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला. किसान अपनी जमीन का कानूनी रूप से मुआवजे की मांग कर रहे थे.
नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कारिडोर-152डी नेशनल हाईवे का निर्माण लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है. दादरी जिला की सीमा में गांव खातीवास के 439 किसानों की करीब 70 एकड़ अधिगृहीत जमीन पर कब्जा नहीं होने के कारण नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ था. जिसको लेकर प्रशासनिक अमले ने कब्जा लेते हुए निर्माण काम शुरू करवाया. किसान नेता अनूप सिंह की अगुवाई में किसानों ने इसका विरोध किया और प्रशासन की टीम पर जबरदस्ती कब्जा लेने का आरोप लगाया.
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अधिग्रहीत जमीन का कब्जा लेने पहुंची प्रशासन की टीम का किसानों ने रोष जताते हुए विरोध किया. मौके पर मौजूद भारी पुलिस फोर्स और प्रशासनिक टीम के साथ किसानों की कहासुनी भी हुई. एसपी दीपक गहलावत ने बताया कि किसानों के विरोध के चलते पुलिस ने किसान नेता अनूप सिंह समेत 14 किसानों को हिरासत में लिया है. चार जिलों की पुलिस फोर्स के साथ शांतिपूर्ण कब्जा की कार्रवाई की जा रही है.
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एसडीएम विरेंद्र सिंह ने बताया कि इस मुद्दे पर प्रशासन और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन किसान अपनी जिद्द पर अड़े रहे. जिसके बाद प्रशासन ने ये कदम उठाया. उन्होंने कहा कि अगर किसानों को कोई ऑब्जेक्शन है तो वो मुआवजा बढ़ाने के लिए कोर्ट का सहारा ले सकते हैं.
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