चरखी दादरी: पूर्व विधायक और एचपीएससी के सदस्य रहे गणपत राय ने सुषमा स्वराज की राजनीति से संबंधित विचार हमसे साझा किए. गणपत राय ने बताया कि 70 के दशक में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में उन्होंने सुषमा स्वराज के साथ काम किया था. उन्होंने कहा कि सुषमा अपने आप में एक नेता थी ओर उनके निधन से बीजेपी के लिए किसी बड़ी दुर्घटना से कम नहीं है.
अंबाला कैंट से बनीं थी विधायक
पूर्व विधायक ने बताया कि जनता पार्टी के गठन के दौरान सुषमा स्वराज ने राजनीति शुरू की थी. उन्होंने बताया कि जनता पार्टी बनी तो सुषमा अपने पति के साथ जयप्रकाश नारायण के मकान पर टिकट मांगने पहुंची थी. पूर्व विधायक के अनुसार, सुषमा को विधानसभा की टिकट दिलवाने की पैरवी उन्होंने ही की थी. टिकट मिलने पर सुषमा अंबाला कैंट से विधायक बनीं.
राजनीतिक और पारिवारिक रिश्ते
गणपत राय ने बताया कि चुनाव जीतते ही सुषमा स्वराज दादरी स्थित उनके घर आई थी. दोनों के बीच घंटों बैठकर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि सुषमा के साथ उनके राजनीतिक के साथ-साथ पारिवारिक रिश्ते भी रहे हैं. उनके मुताबिक सुषमा स्वराज जब भी दादरी में आई तो उनसे मिले बिना नहीं गई. उन्होंने बताया कि गंदी राजनीति से दूर रहते हुए सुषमा ने हमेशा जनहित में कार्य किया है.