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सुषमा का दादरी से था पुराना रिश्ता, पूर्व विधायक गणपत राय ने साझा की कुछ खास बातें

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Published : Aug 7, 2019, 10:14 PM IST

Updated : Aug 8, 2019, 12:58 AM IST

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर छा गई है. इसी कड़ी में दादरी के पूर्व विधायक गणपत राय ने सुषमा स्वराज के साथ बिताए पलों को ईटीवी भारत के साथ साझा किया.

गणपत राय, पूर्व विधायक

चरखी दादरी: पूर्व विधायक और एचपीएससी के सदस्य रहे गणपत राय ने सुषमा स्वराज की राजनीति से संबंधित विचार हमसे साझा किए. गणपत राय ने बताया कि 70 के दशक में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में उन्होंने सुषमा स्वराज के साथ काम किया था. उन्होंने कहा कि सुषमा अपने आप में एक नेता थी ओर उनके निधन से बीजेपी के लिए किसी बड़ी दुर्घटना से कम नहीं है.

पूर्व विधायक गणपत राय.

अंबाला कैंट से बनीं थी विधायक
पूर्व विधायक ने बताया कि जनता पार्टी के गठन के दौरान सुषमा स्वराज ने राजनीति शुरू की थी. उन्होंने बताया कि जनता पार्टी बनी तो सुषमा अपने पति के साथ जयप्रकाश नारायण के मकान पर टिकट मांगने पहुंची थी. पूर्व विधायक के अनुसार, सुषमा को विधानसभा की टिकट दिलवाने की पैरवी उन्होंने ही की थी. टिकट मिलने पर सुषमा अंबाला कैंट से विधायक बनीं.

राजनीतिक और पारिवारिक रिश्ते
गणपत राय ने बताया कि चुनाव जीतते ही सुषमा स्वराज दादरी स्थित उनके घर आई थी. दोनों के बीच घंटों बैठकर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि सुषमा के साथ उनके राजनीतिक के साथ-साथ पारिवारिक रिश्ते भी रहे हैं. उनके मुताबिक सुषमा स्वराज जब भी दादरी में आई तो उनसे मिले बिना नहीं गई. उन्होंने बताया कि गंदी राजनीति से दूर रहते हुए सुषमा ने हमेशा जनहित में कार्य किया है.

चरखी दादरी: पूर्व विधायक और एचपीएससी के सदस्य रहे गणपत राय ने सुषमा स्वराज की राजनीति से संबंधित विचार हमसे साझा किए. गणपत राय ने बताया कि 70 के दशक में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में उन्होंने सुषमा स्वराज के साथ काम किया था. उन्होंने कहा कि सुषमा अपने आप में एक नेता थी ओर उनके निधन से बीजेपी के लिए किसी बड़ी दुर्घटना से कम नहीं है.

पूर्व विधायक गणपत राय.

अंबाला कैंट से बनीं थी विधायक
पूर्व विधायक ने बताया कि जनता पार्टी के गठन के दौरान सुषमा स्वराज ने राजनीति शुरू की थी. उन्होंने बताया कि जनता पार्टी बनी तो सुषमा अपने पति के साथ जयप्रकाश नारायण के मकान पर टिकट मांगने पहुंची थी. पूर्व विधायक के अनुसार, सुषमा को विधानसभा की टिकट दिलवाने की पैरवी उन्होंने ही की थी. टिकट मिलने पर सुषमा अंबाला कैंट से विधायक बनीं.

राजनीतिक और पारिवारिक रिश्ते
गणपत राय ने बताया कि चुनाव जीतते ही सुषमा स्वराज दादरी स्थित उनके घर आई थी. दोनों के बीच घंटों बैठकर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि सुषमा के साथ उनके राजनीतिक के साथ-साथ पारिवारिक रिश्ते भी रहे हैं. उनके मुताबिक सुषमा स्वराज जब भी दादरी में आई तो उनसे मिले बिना नहीं गई. उन्होंने बताया कि गंदी राजनीति से दूर रहते हुए सुषमा ने हमेशा जनहित में कार्य किया है.

Intro:यादों के झरोखों से...
सुषमा स्वराज को विधानसभा की टिकट दिलाने की पैरवी की, राजनीति में हुआ प्रर्दापण
: सुषमा का दादरी से पुराना रिश्ता रहा है, पूर्व विधायक गणपतराय ने की थी पैरवी
: पूर्व राज्यपाल चंद्रावती व पूर्व विधायक गणपत राय ने सुषमा स्वराज के साथ राजनीति के अनुभव को किया सांझा
प्रदीप साहू
चरखी दादरी : पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर छा गई है। इसी कड़ी में हरियाणा की पहली महिला लोकसभा सांसद और विधायक चंद्रावती पूर्व विधायक गणपत राय ने सुषमा स्वराज के साथ बिताए पलों को सांझा किया। 1977 के दौर में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में सुषमा स्वराज भी उनके साथ थी। पहली बार विधानसभा का टिकट लेने के लिए अपने पति के साथ जयप्रकाश नारायण की दिल्ली कोठी पर पहुंची तो गणपत राय ने टिकट की पैरवी की थी। टिकट मिलने पर सुषमा अंबाला कैंट से विधायक बनी और पहली दफा दादरी पहुंचकर गणपत राय व चंद्रावती से मिली। Body:पूर्व उप राज्यपाल चंद्रावती ने बतायाकि सुषमा की पॉलिटिक्स में बहुत रूचि थी और वो एक सेल्फ मेड महिला थी। और उनकी मुलाकात एक भाई के केस के दौरान कोर्ट में हुई थी। उन्होंने कहा कि जब सुषमा स्वराज कोर्ट में मुझसे मिली तो मैंने कहा कि लोग मुझसे बहुत डरते हैं, तो सुषमा ने बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि मैं नहीं डरती हूं आपसे। सुषमा स्वराज के साथ राजनीति का उनका बेहतर अनुभव रहा है। हम दोनों विधानसभा में साथ मिलकर चर्चा करती थी। सुषमा अपने आप में एक नेता थी ओर उनके निधन से बीजेपी के लिए बड़ा दुर्घटना है।Conclusion:दादरी के पूर्व विधायक व एचपीएससी के पूर्व सदस्य रहे वयोवृद्ध नेता गणपत राय ने सुषमा स्वराज की राजनीति से संबंधित विचार साझा किए। गण्पत राय ने बताया कि 70 के दशक में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में उन्होंने सुषमा स्वराज के साथ कार्य किया था। जनता पार्टी के गठन के दौरान सुषमा स्वराज ने राजनीति शुरू की थी। जनता पार्टी बनी तो सुषमा अपने पति के साथ जयप्रकाश नारायण के मकान पर टिकट मांगने पहुंची थी। पूर्व विधायक के अनुसार, सुषमा को विधानसभा की टिकट दिलवाने की पैरवी उन्होंने ही की थी। टिकट मिलने पर सुषमा अंबाला कैंट से विधायक बनी। चुनाव जीतते की सुषमा स्वराज दादरी स्थित उनके घर आई थी। दोनों के बीच घंटों बैठकर चर्चा हुई। सुषमा के साथ उनका राजनीति का लंबा अनुभव लिया और पारिवारिक रिश्ते भी निभाए। हालांकि बाद में सुषमा स्वराज अनेक बार दादरी में आई तो उनसे मिले बिना नहीं गई। उन्होंने बताया कि गंदी राजनीति से दूर रहते हुए सुषमा ने हमेशा जनहित में कार्य किया।
विजवल:- 1
पूर्व विधायक गणपत राय के कट शाटस
बाईट:- 2
गणपत राय, पूर्व विधायक
Last Updated : Aug 8, 2019, 12:58 AM IST
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