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ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट चरखी दादरी: किसान महापंचायत बोली- प्रशासन से बात करने के बाद लिया जाएगा बड़ा फैसला

चरखी दादरी में ग्रीन कॉरिडोर का विरोध (green corridor Charkhi Dadri) बढ़ता जा रहा है. किसानों ने खापों और किसान संगठनों के साथ मिलकर शनिवार को महापंचायत(Farmer Mahapanchayat In Charkhi Dadri) किया. किसानों का कहना है कि अब वे जमीन के मुआवजे के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

Farmer Mahapanchayat In Charkhi Dadri
खातीवास गांव में किसान नेता रमेश दलाल की अध्यक्षता में किसान महापंचायत करते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है.
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Published : Dec 11, 2021, 5:42 PM IST

चरखी दादरी: नेशनल हाईवे 152डीकी अधिग्रहीत जमीन का खातीवास गांव के किसानों को मुआवजा भी नहीं मिला. जमीन भी चली गई. प्रशासन का अमला पुलिस फोर्स के साथ तीन दिन से कब्जे की कार्रवाई में जुटा हुआ है. इसको लेकर खातीवास गांव में किसान नेता रमेश दलाल की अध्यक्षता में किसान महापंचायत करते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान (Farmer Mahapanchayat In Charkhi Dadri) किया. पंचायत में किसान संगठनों के साथ खापों के पदाधिकारी भी पहुंचे.

शनिवार को हुई किसान महा पंचायत में एक कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी किसानों का मुआवजा बढ़वाने और कब्जा कार्रवाई के दौरान किसानों की फसल, ट्यूब्वेल उखाडने को लेकर कार्रवाई करेगी. बता दें कि ग्रीन कारिडोर 152डी नेशनल हाईवे का निर्माण अंतिम चरण में है. इसके लिए अधिग्रहीत की गई जमीन का दादरी सीमा में करीब चार किलोमीटर क्षेत्र में कब्जा नहीं मिलने के कारण निर्माण अधूरा था. इसको लेकर प्रशासन द्वारा चार जिलों की पुलिस फोर्स के साथ तीन दिन से कब्जा कार्रवाई की जा रही है.

किसानों द्वारा कार्रवाई का विरोध करने पर गिरफ्तार कर लिया गया(protest against green corridor project in Charkhi Dadri) था. इसी सिलसिले में खातीवास गांव में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. पंचायत में किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन का मुआवजा बढ़ाना तो दूर फसलें तक बर्बाद कर दी. रास्तों और ट्यूबवेलों को उखाड़ दिया गया. हालांकि वे कानूनी रूप से अपनी जमीन का उचित मुआवजा की मांग कर रहे हैं. ऐसे में अब किसान चुप नहीं बैठेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

किसान नेता रमेश दलाल ने बताया कि किसानों को उचित मुआवजा व उनकी फसलें नष्ट करने को लेकर कमेटी बनाई गई है. कमेटी पहले प्रशासन से वार्ता करेगी. अगर समाधान नहीं होता है तो खापों के सहयोग से आंदोलन शुरू करेंगे. किसानों की जमीन कौडियों के भाव नहीं जाने देंगे. इसके लिए आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें-बढ़ रहा हरियाणा ग्रीन कॉरिडोर का विरोध, अब खापों व किसान संगठनों के साथ मिलकर धरना शुरू करेंगे किसान

क्या है मामला
हरियाणा ग्रीन कॉरिडोर नेशनल हाईवे 152डी के लिए सरकार ने साल 2018 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था. तब कुछ गांवों के किसानों ने सरकार पर उचित मुआवजा नहीं देने का आरोप लगाया. इनमें खातीवास गांव के किसान भी शामिल थे. मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर सालभर किसानों का धरना भी चला. किसानों की बात मानते हुए सरकार की ओर से मुआवजा राशि को बढ़ा दिया गया. जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म कर दिया.

इसके बाद खातीवास गांव के किसान बढ़े हुए मुआवजा से सहमत नहीं हुए. गांव के किसी भी किसान ने निर्धारित मुआवजा नहीं लिया. ऐसे में करीब चार किलोमीटर के क्षेत्र में नेशनल हाईवे का निर्माण काम रूका हुआ था. यहां काम शुरू करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक भी की, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला. किसान अपनी जमीन का कानूनी रूप से मुआवजे की मांग कर रहे थे.

ये भी पढ़ें-हरियाणा ग्रीन कॉरिडोर: चरखी दादरी में जमीन का कब्जा लेने पहुंची टीम का विरोध, कई किसान हिरासत में

नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कारिडोर-152डी नेशनल हाईवे का निर्माण लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है. दादरी जिला की सीमा में गांव खातीवास के 439 किसानों की करीब 70 एकड़ अधिगृहीत जमीन पर कब्जा नहीं होने के कारण नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ था. जिसको लेकर प्रशासनिक अमले ने कब्जा लेते हुए निर्माण काम शुरू करवाया. किसान नेता अनूप सिंह की अगुवाई में किसानों ने इसका विरोध किया और प्रशासन की टीम पर जबरदस्ती कब्जा लेने का आरोप लगाया.

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चरखी दादरी: नेशनल हाईवे 152डीकी अधिग्रहीत जमीन का खातीवास गांव के किसानों को मुआवजा भी नहीं मिला. जमीन भी चली गई. प्रशासन का अमला पुलिस फोर्स के साथ तीन दिन से कब्जे की कार्रवाई में जुटा हुआ है. इसको लेकर खातीवास गांव में किसान नेता रमेश दलाल की अध्यक्षता में किसान महापंचायत करते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान (Farmer Mahapanchayat In Charkhi Dadri) किया. पंचायत में किसान संगठनों के साथ खापों के पदाधिकारी भी पहुंचे.

शनिवार को हुई किसान महा पंचायत में एक कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी किसानों का मुआवजा बढ़वाने और कब्जा कार्रवाई के दौरान किसानों की फसल, ट्यूब्वेल उखाडने को लेकर कार्रवाई करेगी. बता दें कि ग्रीन कारिडोर 152डी नेशनल हाईवे का निर्माण अंतिम चरण में है. इसके लिए अधिग्रहीत की गई जमीन का दादरी सीमा में करीब चार किलोमीटर क्षेत्र में कब्जा नहीं मिलने के कारण निर्माण अधूरा था. इसको लेकर प्रशासन द्वारा चार जिलों की पुलिस फोर्स के साथ तीन दिन से कब्जा कार्रवाई की जा रही है.

किसानों द्वारा कार्रवाई का विरोध करने पर गिरफ्तार कर लिया गया(protest against green corridor project in Charkhi Dadri) था. इसी सिलसिले में खातीवास गांव में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. पंचायत में किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन का मुआवजा बढ़ाना तो दूर फसलें तक बर्बाद कर दी. रास्तों और ट्यूबवेलों को उखाड़ दिया गया. हालांकि वे कानूनी रूप से अपनी जमीन का उचित मुआवजा की मांग कर रहे हैं. ऐसे में अब किसान चुप नहीं बैठेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

किसान नेता रमेश दलाल ने बताया कि किसानों को उचित मुआवजा व उनकी फसलें नष्ट करने को लेकर कमेटी बनाई गई है. कमेटी पहले प्रशासन से वार्ता करेगी. अगर समाधान नहीं होता है तो खापों के सहयोग से आंदोलन शुरू करेंगे. किसानों की जमीन कौडियों के भाव नहीं जाने देंगे. इसके लिए आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया गया है.

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क्या है मामला
हरियाणा ग्रीन कॉरिडोर नेशनल हाईवे 152डी के लिए सरकार ने साल 2018 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था. तब कुछ गांवों के किसानों ने सरकार पर उचित मुआवजा नहीं देने का आरोप लगाया. इनमें खातीवास गांव के किसान भी शामिल थे. मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर सालभर किसानों का धरना भी चला. किसानों की बात मानते हुए सरकार की ओर से मुआवजा राशि को बढ़ा दिया गया. जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म कर दिया.

इसके बाद खातीवास गांव के किसान बढ़े हुए मुआवजा से सहमत नहीं हुए. गांव के किसी भी किसान ने निर्धारित मुआवजा नहीं लिया. ऐसे में करीब चार किलोमीटर के क्षेत्र में नेशनल हाईवे का निर्माण काम रूका हुआ था. यहां काम शुरू करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक भी की, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला. किसान अपनी जमीन का कानूनी रूप से मुआवजे की मांग कर रहे थे.

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नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कारिडोर-152डी नेशनल हाईवे का निर्माण लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है. दादरी जिला की सीमा में गांव खातीवास के 439 किसानों की करीब 70 एकड़ अधिगृहीत जमीन पर कब्जा नहीं होने के कारण नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ था. जिसको लेकर प्रशासनिक अमले ने कब्जा लेते हुए निर्माण काम शुरू करवाया. किसान नेता अनूप सिंह की अगुवाई में किसानों ने इसका विरोध किया और प्रशासन की टीम पर जबरदस्ती कब्जा लेने का आरोप लगाया.

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