चरखी दादरी: जिला डीआईटीएस विभाग में करीब 9 लाखों का भ्रष्टाचार होने का मामला सामने आया है. डीआईटीएस की एसडीएम द्वारा की गई जांच में ये खुलासा हुआ है. डीआईटीएस द्वारा सरकारी फीस की राशि को इकट्ठा तो कर लिया गया, लेकिन बैंक में जमा नहीं करवाया गया.
अब प्रशासन ने डीआईटीएस के गठन से लेकर अब तक की वित्तीय मामलों की जांच करवाने का निर्णय लिया है और इसके लिए हरियाणा सरकार द्वारा नामित रोहतक पीजीआईएमएस के सेवानिवृत्त निदेशक एवं हरियाणा सरकार के मेडिको लीगल एडवाइजर डॉक्टर डीआर यादव को इंक्वायरी ऑफिसर नियुक्त कर दिया है. जो अपनी जांच रिपोर्ट 10 दिन में डीसी को सौंपेंगे. जिस आधार पर रिकवरी सहित विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
ये है पूरा मामला
बता दें, पिछले दिनों डीसी राजेश जोगपाल को डीआईटीएस विभाग में लाखों रुपये की हेराफेरी करने की शिकायत मिली थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने बाढड़ा एसडीएम शंभू राठी को डीआईटीएस में वित्तीय मुद्दों की जांच का जिम्मा सौंपा था. एसडीएम शंभू राठी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट डीसी को सौंपी, जिसमें खुलासा हुआ कि डीआईटीएस विभाग में लगभग 8 लाख 90 हजार रुपये की अनियमितताएं सामने आई हैं.
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बताया गया है कि सरल केंद्र सहित विभिन्न सरकारी कार्यों के लिए आने वाली फीस को डीआईटीएस द्वारा एकत्रित किया गया, लेकिन सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाया गया. जांच की गई तो डीआईटीएस के रिकॉर्ड में सरकारी फीस की रसीदें भी गायब मिली. शुरुआती जांच में करीब 9 लाख रुपये का गबन सामने आने पर डीसी द्वारा अब तक की आने वाली सरकारी फीस की जांच के लिए रोहतक पीजीआई के रिटायर्ड निदेशक डॉक्टर डीआर यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया है.
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