चरखी दादरी: अब जिले में जलभराव के बाद खेतों से पेस्टीसाइड युक्त जहरीले पानी को नहरों में नहीं छोड़ा जाएगा. इसके लिए जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष परियोजना तैयार की गई है. जिसके तहत ड्रेन का निर्माण कर गंदे पानी को जिले से बाहर किया जाएगा.
सीवरेज वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के सुधारीकरण का काम जारी
ये जानकारी उपायुक्त धर्मवीर सिंह ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान दी. उन्होंने बताया कि सीवरेज वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के सुधारीकरण के लिए कार्य योजना बना दी गई है. जल्द ही ठोस वैकल्पिक उपाय कर किसानों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाई जाएगी. फिलहाल करीब बीस लाख रुपये की लागत से फौरी तौर पर एक छोटी कार्य रूपरेखा बनाई गई है. इसके बाद मुख्य मार्ग के साथ एक ड्रेन बनाकर उसमें पानी छोड़ने की योजना पर विचार चल रहा है.
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उन्होंने बताया कि सीवरेज वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के सुधारीकरण के लिए 28 दिसंबर को सांसद धर्मबीर सिंह के साथ जनस्वास्थ्य एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बैठक होनी है. जिसमें विस्तार से इस परियोजना पर चर्चा की जाएगी.
जल्द शुरू की जाएगी विशेष परियोजना
उपायुक्त धर्मवीर सिंह ने कहा कि लघु सचिवालय और न्यायिक परिसर के निर्माण के लिए हुडा की करीब पचास एकड़ जमीन का प्रस्ताव अभी सरकार के पास विचाराधीन है. जिसकी परमिशन मिलने के बाद इस परियोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा. बता दें कि हर साल खेतों में जलभराव होने के बाद किसान कैमिकल युक्त पानी नहरों में छोड़ देते हैं. जिससे नहर का पानी दूषित हो जाता है. इसे रोकने के लिए अब जिला प्रशासन की ओर से जल्द परियोजना की शुरूआत की जा रही है.