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चरखी दादरी में लोगों के बीच चुनाव से ज्यादा सब्जी के बढ़े दामों की चर्चा

हरियाणा में इस समय चुनावी रंग में रंगा हुआ, जहां एक तरफ चौपाल और बैठकों पर चुनावी चर्चाएं होती हैं वहीं अब प्याज और सब्जी के दाम भी इन चर्चाओं का हिस्सा बन गए हैं. गांव में बनी चौपालों पर अब ग्रामीण चुनाव से ज्यादा सब्जी के दामों की चर्चा करते दिखते हैं.

चौपाल
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Published : Sep 28, 2019, 8:50 PM IST

चरखी दादरी: हरियाणा विधानसभा चुनाव के मौसम में प्याज की बढ़ती कीमतों का असर चुनाव पर पड़ सकता है. चुनावी मौसम में सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं. जहां विधानसभा चुनाव को लेकर चौपाल और बैंठकों में चुनावी चर्चाएं होती थी, वहां अब सिर्फ सब्जियों के बढ़े दामों को लेकर लोग चर्चा कर रहे हैं.

मंडी में सब्जी खरीदने पहुंचे ग्रामीण जगपाल ने बताया कि उन्हें चुनाव को लेकर कोई रूचि नहीं है, क्योंकि इस समय उसे परिवार के पालन-पोषण को लेकर समस्या है. इस समय सब्जियों के भाव इतने आसमान छू रहे हैं कि आम आदमी के लिए खरीदना मुश्किल हो गया है.

चरखी दादरी में लोगों के बीच चुनाव से ज्यादा सब्जी के बढ़े दामों की चर्चा, देखें वीडियो

दुकानदार राजेश जाखड़ ने बताया कि महंगाई बढ़ने के कारण लोगों में चुनाव को लेकर खास रूचि नहीं है बल्कि सब्जियों के बढ़े दामों को लेकर बातें होती हैं. वहीं नागरिक रतीराम ने बताया कि सब्जियों के बढ़े दामों के बाद लोग चुनावी बातें भूल गए हैं, क्योंकि आमजन को खाने के लाले पड़े हैं और चौपालों पर महंगाई को लेकर ही चर्चाएं हैं.

गौरतलब है कि हरियाणा में प्याज अब राशन की सरकारी दुकानों पर मिलेगा. शहरों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के जरिये राशन डिपो होल्डर उपभोक्ताओं को 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज देंगे. ये फैसला हरियाणा सरकार ने ठीक विधानसभा चुनाव से पहले लिया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार की बढ़ सकती है मुसीबतें! प्याज के मामले में चुनाव आयोग पहुंची शिकायत

चरखी दादरी: हरियाणा विधानसभा चुनाव के मौसम में प्याज की बढ़ती कीमतों का असर चुनाव पर पड़ सकता है. चुनावी मौसम में सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं. जहां विधानसभा चुनाव को लेकर चौपाल और बैंठकों में चुनावी चर्चाएं होती थी, वहां अब सिर्फ सब्जियों के बढ़े दामों को लेकर लोग चर्चा कर रहे हैं.

मंडी में सब्जी खरीदने पहुंचे ग्रामीण जगपाल ने बताया कि उन्हें चुनाव को लेकर कोई रूचि नहीं है, क्योंकि इस समय उसे परिवार के पालन-पोषण को लेकर समस्या है. इस समय सब्जियों के भाव इतने आसमान छू रहे हैं कि आम आदमी के लिए खरीदना मुश्किल हो गया है.

चरखी दादरी में लोगों के बीच चुनाव से ज्यादा सब्जी के बढ़े दामों की चर्चा, देखें वीडियो

दुकानदार राजेश जाखड़ ने बताया कि महंगाई बढ़ने के कारण लोगों में चुनाव को लेकर खास रूचि नहीं है बल्कि सब्जियों के बढ़े दामों को लेकर बातें होती हैं. वहीं नागरिक रतीराम ने बताया कि सब्जियों के बढ़े दामों के बाद लोग चुनावी बातें भूल गए हैं, क्योंकि आमजन को खाने के लाले पड़े हैं और चौपालों पर महंगाई को लेकर ही चर्चाएं हैं.

गौरतलब है कि हरियाणा में प्याज अब राशन की सरकारी दुकानों पर मिलेगा. शहरों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के जरिये राशन डिपो होल्डर उपभोक्ताओं को 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज देंगे. ये फैसला हरियाणा सरकार ने ठीक विधानसभा चुनाव से पहले लिया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार की बढ़ सकती है मुसीबतें! प्याज के मामले में चुनाव आयोग पहुंची शिकायत

Intro:चुनावी बातें छोड़ सब्जियों के भाव को लेकर हो रही चर्चा
: चुनावी मौसम में सब्जियों के भाव छू रहे आसमान
: थाली में घटीं हरी सब्जियां, आलू-प्याज के भी भाव चढ़े
चरखी दादरी। हरियाणा विधानसभा चुनाव के मौसम में प्याज की बढ़ती कीमतों का असर चुनाव पर पड़ सकता है। चुनावी मौसम में सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। जहां विधानसभा चुनाव को लेकर चौपाल व बैंठकों में चुनावी चर्चाएं होती हैं, वहां सिर्फ सब्जियों के बढ़े दामों को लेकर लोग चर्चा कर रहे हैं। प्याज के साथ-साथ अन्य सब्जियां महंगी होने के चलते लोगों के बीच चुनावी बातें गौण हो गई हैं।Body:विधानसभा चुनाव को लेकर इस समय चुनाव प्रचार के साथ-साथ चौपालों पर चर्चाएं चलती हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से सब्जियों के भावों में बढौतरी होने के चलते लोग अब चुनावी बातें छोडक़र सब्जियों के बढ़े दामों को लेकर चर्चाएं कर रहे हैं। मंडी में सब्जि खरीदने पहुंचा ग्रामीण जगपाल ने बताया कि उन्हें चुनाव को लेकर कोई रूचि नहीं है। क्योंकि इस समय उसे परिवार के पालन-पोषण को लेकर समस्या है। इस समय सब्जियों के भाव इतने आसमान छू रहे हैं कि आम आदमी के लिए खरीदना मुश्किल हो गया है। दुकानदार राजेश जाखड़ ने बताया कि महंगाई बढऩे के कारण लोगों में चुनाव को लेकर खास रूचि नहीं बल्कि सब्जियों के बढ़े दामों को लेकर बातें होती हैं। वहीं नागरिक रतीराम ने बताया कि सब्जियों के बढ़े दामों के बाद लोग चुनावी बातें भूल गए हैं। क्योंकि आमजन को खाने के लाले पड़े हैं। चौपालों पर महंगाई को लेकर ही चर्चाएं हैं।
विजवल:- 1
सब्जी मंडी गेट, मंडी में रखी सब्जियां, लोग सब्जियां खरीदते व सब्जियों के बढ़े दामों पर चर्चाएं करते लोगों के कट शाटस
बाईट:- 2
जगपाल, ग्रामीण
बाईट:- 3
राजेश जाखड़, दुकानदार
बाईट:- 4
रतीराम, किसानConclusion:
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