चरखी दादरी: हाल ही में रिलीज हुई 'पानीपत' फिल्म में महाराजा सूरजमल को लालची शासक के रूप में दिखाया गया है. इतिहास के बारे में गलत तरीके से तत्थ्य पेश करने के आरोप लगाते हुए सांगवान और फोगाट खाप का पारा गुस्सां सातवें आसमान पर पहुंच गया है.
खाप नेताओं ने सरकार से फिल्म निर्माता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही खाप नेताओं का कहना है कि फिल्म के बीच से गलत इतिहास को हटाया जाए तब फिल्म की स्क्रीनिंग हो. अगर फिल्म निर्माताओं ने ऐसा नहीं किया तो खाप पंचायत और जाटों को बुलाकर बड़ा आंदोलन करेंगी.
बड़े आंदोलन की तैयारी में जाट समुदाय
वहीं सांगवान खाप के पदाधिकारी रणधीर घिकाड़ा ने कहा कि महाराजा सूरजमल की भूमिका गलत पेश कर जाट समाज को बदनाम करने का प्रयास किया गया है. इस मामले पर सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और फिल्म से महाराज सूरजमल से संबंधित जानकारी को हटवाकर निर्माता के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर समाज एकजुट होकर बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होगा.
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फिल्म का विवादित सीन
दरअसल विरोध करने वालों का कहना है कि फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने और आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया है. इस पर मराठा पेशवा सदाशिवराव आपत्ति जताते हैं और अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से सूरजमल इनकार कर देते हैं. सूरजमल को हरियाणवी और राजस्थानी बोली के टच में भी दिखाया गया है. जिसका विरोध अब हो रहा है.