चरखी दादरी: बीते शुक्रवार को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का विरोध करने जा रहे बर्खास्त पीटीआई की रेस्ट हाउस के बाहर पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद पुलिस ने 8 नामजद सहित 300 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. इस मामले में अभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. वहीं बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने प्रशासन व पुलिस पर उनके साथ अत्याचार करने का आरोप लगाया है.
पुलिस प्रवक्ता सुमित सांगवान ने बताया कि शुक्रवार को बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों द्वारा पुलिस के झड़प मामले में पीटीआई संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष धर्मेंद्र पहलवान, जिलाध्यक्ष सज्जन सांवड़ सहित आठ लोगों को नामजद किया गया है. वहीं करीब 300 अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न सरकारी काम में बांधा पहुंचाने, तोड़फोड़ करने व कोरोना नियमों की उल्लंघना के आरोप में केस दर्ज किया है. वहीं एसपी विनोद कुमार ने कहा कि पुलिस ने लाठीचार्ज नहीं किया, बल्कि आगे बढ़ने से रोका था.
ये था पूरा मामला
दरअसल शुक्रवार को स्व. देवीलाल की जयंती पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दादरी दौरे पर थे. इसी दौरान बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने अन्य संगठनों के साथ मिलकर रेस्ट हाउस के बाहर हंगामा किया और डिप्टी सीएम से मिलने के आगे बढ़े थे. रेस्ट हाउस के मेन गेट पर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हो गई. जिसमें पांच प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे.
बर्खास्त पीटीआई टीचर यूनियन के जिलाध्यक्ष सज्जन सांवड़ ने कहा कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए डिप्टी सीएम से मिलने रेस्ट हाउस गए थे. जहां पुलिस ने जानबूझकर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. जिसमें उनके पांच साथी घायल हो गए. पुलिस व प्रशासन द्वारा उनकी अवाज को दबाने का प्रयास किया है. अब वे आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और लाठीचार्ज की उच्च स्तरीय जांच करवाने के साथ-साथ दोषी पुलिस कर्मियों पर केस दर्ज करने की मांग करेंगे.
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