चंडीगढ़: जापान की राजधानी टोक्यो में 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 तक ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा. टोक्यो ओलंपिक्स (tokyo olympics) के लिए हरियाणा के 19 खिलाड़ी अभी तक क्वालीफाई कर चुके हैं. इनमें एक नाम पहलवान बजरंग पूनिया (bajrang punia) का भी है. बजरंग पूनिया से देश और मेडल की आस लगाए बैठा है. बजरंग पूनिया अब तक कुल 5 गोल्ड, 3 ब्रोनज, 4 सिल्वर मेडल जीत चुके हैं.
एशियन गेम्स में दो बार गोल्ड जीत चुके हैं पूनिया
भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने एशियन गेम्स 2018 में पुरुषों की 65 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा के फाइनल में जापान के पहलवान तकातानी डियाची को एकतरफा मुकाबले में 11-8 से शिकस्त दी थी. जिसके बाद पूनिया एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के 9वें पहलवान बन गए. बजरंग ने अपना ये गोल्ड मेडल पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया. इसके अलावा बजरंग वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी अपने नाम कर चुके हैं.
#olympicskiAasha
बजरंग पूनिया के साथ हरियाणा की ही नहीं बल्कि पूरे देश की उम्मीदें बंधी हुई हैं. केंद्रीय खेल मंत्री द्वारा बजरंग पूनिया को लेकर एक वीडियो भी जारी किया गया है. इसमें बजरंग काफी उत्साह और जोश में दिखाई दे रहे हैं. वीडियो काफी मोटिवेशनल और इंस्पिरेशनल है. किरण रिजिजू ने ट्वीट में #olympicskiAasha भी लिखा है.
बजरंग पूनिया के बारे में-
भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया का जन्म 26 फरवरी, 1994 को हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ. बजरंग के पिता का नाम बलवान सिंह पूनिया है. इनके पिताजी भी एक पेशेवर पहलवान रहे हैं. इनकी माता का नाम ओमप्यारी हैं और इनके भाई का नाम हरिंदर पूनिया है. अगर ये कहा जाए कि बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली तो गलत नहीं होगा.
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बजरंग की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही पूरी हुई. सात साल की उम्र में कुश्ती शुरू की और उन्हें उनके पिता द्वारा बहुत सहयोग मिला. जिसके बाद बजरंग ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. बजरंग पूनिया ने भारतीय रेलवे में टिकट चेकर (TTE) का भी काम किया. अब वही बजरंग दुनियाभर में भारत देश का नाम ऊंचा कर रहा है.
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