चंडीगढ़: दुनिया में लगातार लिवर से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं. इसका नतीजा है लिवर की बीमारी से रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत हो जाना. दिन पर दिन लिवर से संबंधित बीमारियों का सामने आना किसी भी देश और स्वास्थ्य संस्थान के लिए मरीजों को संभालना मुश्किल है. लेकिन, विशेषज्ञों की मानें तो लिवर से जुड़ी हर गंभीर बीमारी का इलाज संभव है. लिवर से जुड़ी बीमारियों को लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है.
समय पर कराएं लिवर जांच: लिवर डे पर विशेषज्ञों की मानें तो लिवर से जुड़ी जितनी बीमारियां हैं. उन्हें समय पर जांच करते हुए ठीक किया जा सकता है. ऐसे में रोजाना लिवर को लेकर हो रही रिसर्च और नई दवाओं से कई गंभीर बीमारियों को ठीक किया जा रहा है. लिवर से जुड़ी एक गंभीर बीमारी जो अधिकतर लोगों में देखी जाती है. वह शराब के सेवन से होने वाली समस्या है. जिसमें एक व्यक्ति का लिवर डैमेज, सिरोसिस और लिवर फेलियर की भी देखी गई है.
लोगों में सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस वायर की समस्या: वहीं, दूसरी ओर सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस बी वायरस और सी वायरस की समस्या लोगों में देखी जाती है. इन वायरस से भी लिवर खराब होने सिरोसिस होने का खतरा बना रहता है. वहीं इस वर्ल्ड लिवर डे के मौके पीजीआई हीपैटोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड एंड प्रोफेसर अजय देसूजा ने लिवर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी ईटीवी के साथ साझा की है.
PGI में इस दिन करवाएं लिवर की जांच: पीजीआई एक ऐसा ही संस्थान है, जहां हर लिवर से संबंधित बीमारियों को लेकर रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते हैं. वहीं पीजीआई में इन सैकड़ों मरीजों को एक साथ देख पाना थोड़ा मुश्किल है. जिसके चलते लिवर क्लीनिक चलाया जा रहा है. जिसमें सोमवार और शुक्रवार विशेष ओपीडी रहती है. ऐसे में लिवर डिपार्टमेंट को साइकोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट की जरूरत रहती है. क्योंकि शराब का सेवन करने वाले सभी मरीजों को एक साइकोलॉजिस्ट द्वारा काउंसलिंग की जाती है.
लिवर पेशेंट को सुविधा: ऐसे में लिवर डिपार्टमेंट और साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के मिलकर आउटरीच डीएडिक्शन प्रोग्राम इसे अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लीनिक के कहा जाएगा. ऐसे में इस विशेष ओपीडी में मरीजों को एक वार्ड के अंदर ही सभी तरह की सुविधा दी जा सकेगी.
अपने शरीर और हेल्थ का रखें खास ख्याल: डॉ. अजय देसूजा ने बताया कि लिवर की बीमारियां लगातार बढ़ने का मुख्य कारण है. हमारा जीवन शैली में बदलाव आया है. जीवनशैली बदलने का मतलब है कि हमारे पास अपना शरीर का ख्याल रखने का समय नहीं है. ऐसे में डाइडेटिंव इनटेक और फिजिकल एक्टिविटी पर लोगों का ध्यान जरूरत के मुकाबले कम है. वहीं दूसरा सबसे बड़ा कारण लिवर की बीमारियों का शराब के सेवन से जुड़ा है. लगातार शराब का सेवन करने से उनके लिवर में समस्या और गंभीर हो जाती है.
कैसे ठीक होगी लिवर की समस्या: तीसरा बड़ा कारण है आईवी इंजेक्शन का इस्तेमाल करना. इंजेक्शन इंजेक्शन स्कूल नशा करने वाले लोग अधिकतर इस्तेमाल करते हैं. सबसे पहले उनके लिवर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. वहीं, सबसे अच्छी बात यह है कि यह तीनों बीमारियों से जूझ रहे व्यक्ति के लिए दवाएं और इलाज उपलब्ध है. जिसके इस्तेमाल से व्यक्ति पूरी तरह ठीक हो सकता.
दवा लेने से बचें: प्रोफेसर अजय देसूजा ने बताया कि बहुत ही अधूरी जानकारी जो समस्या में डाल सकती है. ऐसे में दवाओं से लिवर का खराब होना भी एक वहम से ज्यादा कुछ नहीं. डॉक्टर के द्वारा अगर दवाएं मरीज को लिखी जाती हैं. ऐसे में कैसे कोई डॉक्टर मरीज को मुश्किल में डाल सकता है. वहीं, दवा का साइड इफेक्ट भी किसी मरजी पर हो सकता है. इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता.
ये भी पढ़ें: Haryana Corona Update: सोमवार को हरियाणा में कोरोना के 898 नए मामले आए सामने, पंचकूला में एक मरीज की मौत
डॉ. की सलाह के बिना न लें दवा: इसके साथ ही आईवीवाई का इस्तेमाल नहीं करना. जिन लोगों को पहले से ही लिवर की समस्याएं रही है, उन लोगों को डॉक्टर को दिखाने से पहले अपनी लिवर से संबंधित समस्या के बारे में अवगत कराना जरूरी है. वहीं, लोगों को भी सेल्फ मेडिकेशन करना बंद करना चाहिए. जो लोग अक्सर शरीर में होने वाले दर्द के बाद केमिस्ट की दुकान पर जाकर अपने आप से दवा लेते हैं. उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के दवा नहीं लेनी चाहिए. यह उनके लिवर को और गंभीर अवस्था में डाल सकता है. ऐसे में अच्छा लिवर रखने के लिए कुछ मामूली चीजों पर ध्यान रखना होगा. इसमें सबसे पहले हर एक व्यक्ति को 30 से 35 मिनट कसरत के लिए निकालने होंगे. वहीं, बाहर जंक फूड खाना बंद करना होगा.
टीबी वाले मरीज सावधान: उदाहरण के तौर पर डॉ अजय देसूजा ने बताया जब किसी मरीज को टीबी की दवा दी जाती है. कुछ ऐसी दवा होती है. जिसका साइड इफेक्ट लिवर पर सीधे तौर पर पड़ता है. जिससे लिवर में सूजन हो जाती है. इस दौरान डॉक्टरों का काम रहता है कि वे टीबी के मरीज का लिवर समय-समय पर चेक करते रहें. डॉक्टर अजय ने बताया कि कुछ का बचपन से ही कमजोर लिवर होता है. जिसके कारण कोई भी दवा का सेवन करने पर अक्सर उल्टी आना, सिर चकराना, शरीर में कमजोरी या बुखार जैसी समस्याएं आती हैं.
शराब पीने वाले ध्यान दें: शराब का सेवन करने वाले व्यक्ति को सबसे पहले शराब पीना बंद करना होगा. लिवर की समस्या सामने आने के बाद शराब ड्रग्स और अन्य घातक चीजों से दूर रहना होगा. वहीं फैटी लिवर वाले मरीजों को अपने खानपान में शुगर और नमक की मात्रा को कम करना है. कसरत और अच्छे खानपान का ध्यान रखना है. वहीं हेपेटाइटिस बी सी के लिए समय-समय पर वैक्सीनेशन करवानी है.
लिवर खराब होने के लक्षण: आंखें और त्वचा जो पीली दिखाई देती है, यानी पीलिया भी लिवर खराब होने का लक्षण है. साथ ही सूजन और पेट में दर्द होना. टखनों और पांव में एडिमा होना भी लिवर खराब का लक्षण है. इसके साथ ही अगर त्वचा पर खुजली होना, गहरे रंग का मूत्र और हल्के रंग का मल भी लिवर के लक्षण हैं. लंबे समय तक थकान यदि रहती हो तो ये भी लिवर खराब होने का लक्षण माना जाता है और मतली या दस्त होना भी दर्शाता है की लिवर में कुछ गड़बड़ है.
लिवर के लक्षण दिखने पर तुरंत करवाएं जांच: डॉ. अजीत देसुजा ने बताया कि आजकल स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा लोगों को हेल्थ चेकअप के तौर पर पैकेज दिए जाते हैं. जिसमें लिवर की भी जांच शामिल होती है. ऐसे में हेल्थ चेक अप पैकेज के अलावा लिवर फंक्शन टेस्ट करवाना जरूरी हैं. जबकि, लिवर से जुड़ी समस्या या लक्षण सामने आते हैं, तभी वे टेस्ट करवा सकते हैं.