चंडीगढ़: अनियमित दिनचर्या और अनुचित खान-पान की वजह से लोग कम उम्र में कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. अनियमित जीवनशैली से रक्त चाप पर भी सीधा असर पड़ता है, जिसके कारण व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर या फिर लो ब्लड प्रेशर का मरीज हो जाता है. दोनों ही तरह के रक्तचाप होने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. इसलिए इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) मनाया जाता है.
चंडीगढ़ के जाने मान वरिष्ठ होम्योपैथी एक्सपर्ट और पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर एचके खरबंदा ने बताया कि ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर है, इसको बिना नापे नहीं पता लगता कितना है. इसलिए सभी व्यक्तियों को महीने में 3 बार ब्लड प्रेशर नापना चाहिए. उन्होंने बताया कि एक स्टडी में सामने आया है कि हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) की समस्या पिछले एक दशक में काफी तेजी से बढ़ती हुई देखी गई है. इसे हृदय रोगों के प्रमुख कारक के तौर पर जाना जाता है. हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
ब्लड प्रेशर के रोगियों को हृदय रोग और स्ट्रोक का सबसे अधिक खतरा रहता है. गतिहीन जीवनशैली, खराब आहार, मोटापा, धूम्रपान और तनाव जैसे कई कारक हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ा देते हैं. इस समस्या को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है. दवाइयों से सिर्फ इसे नियंत्रित किया जा सकता है. डॉक्टर खरबंदा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार 30 से 79 वर्ष के 128 करोड़ वयस्क हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं.
मेडिकल जर्नल लैंसेट (The Lancet) के अनुसार 75 परसेंट से अधिक भारतीयों का ब्लड प्रेशर अनकंट्रोल्ड है. पीजीआई की स्टडी के मुताबिक 63 प्रतिशत पुरुष और 83 प्रतिशत महिलाएं चंडीगढ़ में सेडेंटरी लाइफ स्टाइल (निष्क्रिय जीवनशैली) व्यतीत करते हैं. यदि आप एक हफ्ते में 30 मिनट से ज्यादा फोन पर बात करते हैं तो ब्लड प्रेशर हाई होने की संभावना औरों से 12 प्रतिशत अधिक पाई गई है. बीते दिनों चंडीगढ़ के युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर का ज्यादा खतरा पाया गया है. स्टडी में सामने आया है कि हर 5 में से 1 व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या है.
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