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World Environment Day: चंडीगढ़ पीजीआई निदेशक ने की बड़ी बात, जानें कोरोना काल में कितने जरूरी पेड़

चंडीगढ़ पीजीआई निदेशक जगत राम ने विश्व पर्यावरण दिवस (world environment day) के मौके पर पेड़-पौधों को लगाने की सलाह दी है. वहीं कोरोना काल में भी पेड़-पौधों के महत्व को बारीकी से बताया.

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जानें कोरोना काल में कितने जरूरी पेड़
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Published : Jun 5, 2021, 5:59 PM IST

चंडीगढ़: शनिवार को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस (world environment day ) मनाया जा रहा है. चंडीगढ़ में भी पर्यावरण दिवस का आयोजन किया गया. जिसके तहत पीजीआई के कोविड अस्पताल (Covid-19 Hospital, Chandigarh) के परिसर में स्वास्थ्य कर्मियों ने पौधे लगाए. इस मौके पर पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगतराम भी मौजूद रहे.

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रोफेसर जगत राम ने कहा पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाना सबसे ज्यादा जरूरी है. अगर एक पेड़ काटा जाता है तो उसकी जगह पर 10 पेड़ लगाए (Tree Planting) जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 दौरान लोगों को यह बेहतर तरीके से समझ आया कि पर्यावरण साफ हवा और ऑक्सीजन हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है.

चंडीगढ़ पीजीआई निदेशक ने की बड़ी बात, जानें कोरोना काल में कितने जरूरी पेड़

'कोरोना काल में पेड़-पौधों का महत्व समझ आया'

प्रोफेसर जगत राम ने कहा कि अब अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को बताया जा सके, लेकिन साफ ऑक्सीजन तो हर इंसान को चाहिए और इसके लिए पेड़ लगाना सबसे ज्यादा जरूरी है दूसरी ओर ग्लोबल वार्मिंग भी लगातार बढ़ रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. अगर हमें ग्लोबल वार्मिंग को रोकना है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पेड़ लगाए जाने चाहिए.

ये पढें- कोरोना वैक्सीन पर सुरजेवाला का सीएम मनोहर लाल से सवाल, किसी की मौत हो गई तो कौन होगा जिम्मेदार?

ऐसा भी देखा गया है कि लोग पेड़ तो लगा देते हैं, लेकिन बाद में उनकी देखभाल नहीं करते जिससे ज्यादातर को दें सूख जाते हैं. उन्होंने कहा कि लोग बढ़ चढ़कर पौधे लगाएं और उनकी देखभाल भी करें, क्योंकि पौधे लगाने का तभी फायदा है जब हम उनकी देखभाल भी करें.

'तीसरी लहर से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार रखें'

प्रोफेसर जगत राम ने कहा कि भले ही कोरोना का दूसरी लहर का असर अब कम होने लगा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि करोना खत्म हो गया है. तीसरी लहर का खतरा अभी भी बना हुआ है. इसके लिए हमारे ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह है कि हम तीसरी लहर को लेकर पहले से तैयार रहें और अपना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार रखें.

अब कोविड अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है. ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, ताकि उनकी कमी ना हो. इसके अलावा बच्चों के लिए भी अलग से अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं, ताकि तीसरी लहर अगर आती है तो उससे निपटा जा सके.

ये पढ़ें- वैक्सीनेशन पर हरियाणा और दिल्ली सरकार में जुबानी जंग, अब सीएम खट्टर के मीडिया एडवाइजर ने दिया जवाब

'लापरवाही से स्थितियां ओर बिगड़ सकती हैं'

प्रोफेसर जगत राम ने कहा कि अगर हम चाहें तो तीसरी लहर (Corona Third Wave) को आने से रोक सकते हैं. जब पहली लहर कमजोर हुई थी तो लोगों ने बेहद लापरवाही बरती थी. वहीं कोरोना के लेकर नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया है. जिस वजह से हमें दूसरी लहर से जूझना पड़ा. अब जिस तरह से दूसरी लहर कम हो रही है. मगर लोग लापरवाही ना बरतें और सभी नियमों का गंभीरता से पालन करें, तो हम तीसरी लहर से बच सकते हैं नहीं तो हमें किसी लहर से भी भेजना पड़ेगा.

चंडीगढ़: शनिवार को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस (world environment day ) मनाया जा रहा है. चंडीगढ़ में भी पर्यावरण दिवस का आयोजन किया गया. जिसके तहत पीजीआई के कोविड अस्पताल (Covid-19 Hospital, Chandigarh) के परिसर में स्वास्थ्य कर्मियों ने पौधे लगाए. इस मौके पर पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगतराम भी मौजूद रहे.

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रोफेसर जगत राम ने कहा पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाना सबसे ज्यादा जरूरी है. अगर एक पेड़ काटा जाता है तो उसकी जगह पर 10 पेड़ लगाए (Tree Planting) जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 दौरान लोगों को यह बेहतर तरीके से समझ आया कि पर्यावरण साफ हवा और ऑक्सीजन हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है.

चंडीगढ़ पीजीआई निदेशक ने की बड़ी बात, जानें कोरोना काल में कितने जरूरी पेड़

'कोरोना काल में पेड़-पौधों का महत्व समझ आया'

प्रोफेसर जगत राम ने कहा कि अब अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को बताया जा सके, लेकिन साफ ऑक्सीजन तो हर इंसान को चाहिए और इसके लिए पेड़ लगाना सबसे ज्यादा जरूरी है दूसरी ओर ग्लोबल वार्मिंग भी लगातार बढ़ रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. अगर हमें ग्लोबल वार्मिंग को रोकना है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पेड़ लगाए जाने चाहिए.

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ऐसा भी देखा गया है कि लोग पेड़ तो लगा देते हैं, लेकिन बाद में उनकी देखभाल नहीं करते जिससे ज्यादातर को दें सूख जाते हैं. उन्होंने कहा कि लोग बढ़ चढ़कर पौधे लगाएं और उनकी देखभाल भी करें, क्योंकि पौधे लगाने का तभी फायदा है जब हम उनकी देखभाल भी करें.

'तीसरी लहर से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार रखें'

प्रोफेसर जगत राम ने कहा कि भले ही कोरोना का दूसरी लहर का असर अब कम होने लगा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि करोना खत्म हो गया है. तीसरी लहर का खतरा अभी भी बना हुआ है. इसके लिए हमारे ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह है कि हम तीसरी लहर को लेकर पहले से तैयार रहें और अपना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार रखें.

अब कोविड अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है. ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, ताकि उनकी कमी ना हो. इसके अलावा बच्चों के लिए भी अलग से अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं, ताकि तीसरी लहर अगर आती है तो उससे निपटा जा सके.

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'लापरवाही से स्थितियां ओर बिगड़ सकती हैं'

प्रोफेसर जगत राम ने कहा कि अगर हम चाहें तो तीसरी लहर (Corona Third Wave) को आने से रोक सकते हैं. जब पहली लहर कमजोर हुई थी तो लोगों ने बेहद लापरवाही बरती थी. वहीं कोरोना के लेकर नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया है. जिस वजह से हमें दूसरी लहर से जूझना पड़ा. अब जिस तरह से दूसरी लहर कम हो रही है. मगर लोग लापरवाही ना बरतें और सभी नियमों का गंभीरता से पालन करें, तो हम तीसरी लहर से बच सकते हैं नहीं तो हमें किसी लहर से भी भेजना पड़ेगा.

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