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भैया-दूज की धूम, भाई के माथे पर तिलक लगा बहन करती है लंबी उम्र की कामना - भैया-धूज खबर

भैया दूज का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. दिवाली के दो दिन के बाद मनाया जाने वाला यह त्‍योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक समझा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं.

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Published : Oct 29, 2019, 10:13 AM IST

Updated : Oct 29, 2019, 12:14 PM IST

चंडीगढ़: देश और प्रदेश में भैया दूज का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. भैया दूज का यह त्योहार दिवाली के दो दिन के बाद आता है. इस त्‍योहार को भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक समझा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं.

भाई-बहन के रिश्तों की डोर को मजबूत करता है ये त्योहार

इस दिन भाइयों को चावल खिलाना अच्‍छा माना जाता है. बहन भाई का स्वागत सत्कार करती हैं और उनके लम्बी आयु की कामना करती हैं और एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं.

देखें वीडियो

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी बधाई

त्योहार के इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी लोगों को बधाई दी है और कहा कि भाई-बहन के बीच का प्यार सदा मजबूत बना रहे तथा उनकी हर मनोकामनाएं पूरी हों.

  • भाई-बहन के स्नेह के पावन पर्व भाई-दूज की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। भाई-बहन के बीच का प्यार सदा मजबूत बना रहे तथा उनकी हर मनोकामनाएं पूरी हों।#BhaiDooj pic.twitter.com/mLBOvDKXOq

    — Manohar Lal (@mlkhattar) October 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बहन भाई की लंबी आयु के लिए करती है प्रार्थना

हिन्‍दू धर्म में भैया दूज का विशेष महत्‍व है. इस पर्व को 'यम द्वितीया' और 'भ्रातृ द्वितीया' भी कहा जाता है. रक्षाबंधन के बाद भैया दूज दूसरा ऐसा त्‍योहार है, जिसे भाई-बहन बेहद उत्‍साह के साथ मनाते हैं. जहां, रक्षाबंधन में भाई अपनी बहन को सदैव उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं, वहीं भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है.

इस कारण मनाया जाता है 'भैया दूज'

पौराणिक कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि यमराज की बहन यमुना अपने भाई से बड़ा स्नेह करती थी. बहन हमेशा अपने भाई को घर पर आने के लिए निवेदन करती रहती थी. लेकिन यमराज अपने कामों में ज्यादा व्यस्त होने के कारण अपनी बहन के पास नहीं जा पाते थे. एक बार कार्तिक शुक्ल के दिन यमुना ने अपने भाई को घर में आने के लिए वचनबद्ध कर लिया.

यमराज भी इस बात को मानते हुए, अपनी बहन के घर पहुंच गए, लेकिन बहन के घर जाने से पहले उन्होंने नरक में आने वाले सभी जीवों को मुक्त कर दिया. इसके बाद यमराज अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे, जिन्हें देख उनकी बहन का खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. उस दिन उनकी बहन ने अपने भाई का स्वागत बड़े ही खुशी के साथ किया और टीका चंदन लगाकर भाई की आरती उतारी और कई तरह के पकवान बनाकर भी उन्हें खिलाए. यमराज अपनी बहन के इस प्रेम भक्ति को देख बड़े ही खुश हुए और उनसे कुछ मांगने को कहां जिसके बाद बहन ने उनसे कहा कि मेरी मांग यही है कि आप हर साल इसी दिन मेरे घर आया करो. यमराज ने उनकी बात स्वीकार कर ली और वहां से चले गए.

इन देवताओं की होती है पूजा

तब से लेकर आज तक इस रीति को लोग मानते चले आ रहे है. इसी कारण आज के दिन भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है. कुल मिलाकर कहे तो इसी रीति की वजह से इस त्योहार को भाई-बहन के रिश्ते की डोर को मजबूत करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

ये भी जाने- दिवाली के बाद चंडीगढ़ की हवा में घुला 'जहर', खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण

चंडीगढ़: देश और प्रदेश में भैया दूज का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. भैया दूज का यह त्योहार दिवाली के दो दिन के बाद आता है. इस त्‍योहार को भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक समझा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं.

भाई-बहन के रिश्तों की डोर को मजबूत करता है ये त्योहार

इस दिन भाइयों को चावल खिलाना अच्‍छा माना जाता है. बहन भाई का स्वागत सत्कार करती हैं और उनके लम्बी आयु की कामना करती हैं और एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं.

देखें वीडियो

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी बधाई

त्योहार के इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी लोगों को बधाई दी है और कहा कि भाई-बहन के बीच का प्यार सदा मजबूत बना रहे तथा उनकी हर मनोकामनाएं पूरी हों.

  • भाई-बहन के स्नेह के पावन पर्व भाई-दूज की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। भाई-बहन के बीच का प्यार सदा मजबूत बना रहे तथा उनकी हर मनोकामनाएं पूरी हों।#BhaiDooj pic.twitter.com/mLBOvDKXOq

    — Manohar Lal (@mlkhattar) October 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बहन भाई की लंबी आयु के लिए करती है प्रार्थना

हिन्‍दू धर्म में भैया दूज का विशेष महत्‍व है. इस पर्व को 'यम द्वितीया' और 'भ्रातृ द्वितीया' भी कहा जाता है. रक्षाबंधन के बाद भैया दूज दूसरा ऐसा त्‍योहार है, जिसे भाई-बहन बेहद उत्‍साह के साथ मनाते हैं. जहां, रक्षाबंधन में भाई अपनी बहन को सदैव उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं, वहीं भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है.

इस कारण मनाया जाता है 'भैया दूज'

पौराणिक कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि यमराज की बहन यमुना अपने भाई से बड़ा स्नेह करती थी. बहन हमेशा अपने भाई को घर पर आने के लिए निवेदन करती रहती थी. लेकिन यमराज अपने कामों में ज्यादा व्यस्त होने के कारण अपनी बहन के पास नहीं जा पाते थे. एक बार कार्तिक शुक्ल के दिन यमुना ने अपने भाई को घर में आने के लिए वचनबद्ध कर लिया.

यमराज भी इस बात को मानते हुए, अपनी बहन के घर पहुंच गए, लेकिन बहन के घर जाने से पहले उन्होंने नरक में आने वाले सभी जीवों को मुक्त कर दिया. इसके बाद यमराज अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे, जिन्हें देख उनकी बहन का खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. उस दिन उनकी बहन ने अपने भाई का स्वागत बड़े ही खुशी के साथ किया और टीका चंदन लगाकर भाई की आरती उतारी और कई तरह के पकवान बनाकर भी उन्हें खिलाए. यमराज अपनी बहन के इस प्रेम भक्ति को देख बड़े ही खुश हुए और उनसे कुछ मांगने को कहां जिसके बाद बहन ने उनसे कहा कि मेरी मांग यही है कि आप हर साल इसी दिन मेरे घर आया करो. यमराज ने उनकी बात स्वीकार कर ली और वहां से चले गए.

इन देवताओं की होती है पूजा

तब से लेकर आज तक इस रीति को लोग मानते चले आ रहे है. इसी कारण आज के दिन भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है. कुल मिलाकर कहे तो इसी रीति की वजह से इस त्योहार को भाई-बहन के रिश्ते की डोर को मजबूत करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

ये भी जाने- दिवाली के बाद चंडीगढ़ की हवा में घुला 'जहर', खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश भिवानी
दिनांक 28 अक्तूबर। 
दिपावली के बाद अन्नकूट की धूम
जगह जगह लगे है अन्नकूट के भंडारे
गोर्वधन पूजा के साथ ही अन्नकूट
    भिवानी सहित प्रदेश के दूसरे जिलों में गोवर्धन पर्व पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया। गोवर्धन पर्व पर जहां गोवर्धन पूजा की गई, वही अन्नकूट का प्रसाद बांटा गया।
    देश भर में दीपावली के बाद गोवर्धन का त्यौहार मनाया गया। खासकर गांवो में गोवर्धन की पूजा पारंपरिक तरीके से की गई। लोककथाओं के अनुसार इंद्र देवता के प्रकोप से बचने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उगुंली पर उठाकर लोगों की रक्षा की थी। वही पर मौजूद लोगों को अन्नकूट खिलाया गया था, तभी से गोवर्धन की पूजा की जाती है तथा अन्नकूट का प्रसाद भी खिलाया जाता है।
  Body:  भिवानी के आर्य कन्या स्कूल में स्थित ढाई सौ साल पुराना टेका सूजी मंदिर में ट्रस्ट द्वारा अन्नकूट भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें शहर से गणमान्य सहित सैकड़ो लोग ने अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण किया तथा विधायक घनश्याम सर्राफ भी वहाँ पहुचे।  विधायक ने कहा कि दिवाली से अगले दिन अन्नकूट के प्रसाद का भंडारा लगाया जाता है, जिसमें कड़ी चावल विशेष रूप से तैयार किए जाते है। उसके साथ साथ और भी नमकीन व्यंजन तैयार किए जाते है।
   Conclusion: भिवानी को मंत्री मण्डल हिस्से में शामिल किए जाने के सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मनोहर लाल खट्टर सबको साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं वे इस बार भिवानी को मंत्रिमंडल हिस्से में शामिल करेंगे।
बाइट : घनश्याम सर्राफ (विधायक) व मंगत राम ट्रस्टी
Last Updated : Oct 29, 2019, 12:14 PM IST
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