चंडीगढ़: कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा के पूर्व बिजली मंत्री रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ 16 साल पुराने एक मामले में जांच शुरू की गई है. मामला ईपीएफ में गड़बड़ियों से जुड़ा है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि इस मामले में सुरजेवाला की कोई भूमिका नहीं है लेकिन वे उस वक्त बिजली मंत्री थे इसलिए विजिलेंस जांच में उनका नाम शामिल किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में कुल 31 लोगों को नोटिस भेजा गया है. विजिलेंस इस मामले में बिजली कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है. पंचकूला विजिलेंस ब्यूरो के डीएसपी देविंद्र सिंह ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण के भिवानी जिले के सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिखकर 8 कर्मचारियों को 24 मई को जांच में शामिल होने को कहा है. 10 कर्मियों को 23 मई को बुलाया है. इससे पहले 18 मई को उनको जांच में शामिल होना था लेकिन कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा.
क्या है मामला- हिसार के कौत कलां निवासी सिक्योरिटी एजेंसी संचालक अजय संधू ने 2019 में गृहमंत्री अनिल विज को शिकायत दी थी. संधू ने विज को दी गई शिकायत में बताया था कि साल 2009-10 में रणदीप सिंह सुरेजवाला बिजली मंत्री थे. नैन ने सुरजेवाला से उसकी मुलाकात करवाई. बदले में नैन को उसे अपने टेंडर में पार्टनर बनाया. उस समय प्रदेशभर में करीब चार हजार लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की भर्ती ठेके के तहत की गई. इन्हें न तो ईपीएफ दिया न ईएसआई. इस पर बिजली निगम ने सर्विस टैक्स चोरी और ईपीएफ, ईएसआई चोरी की शिकायत कर दी. भिवानी सहित 11 जिलों में एफआईआर दर्ज की गई. संधू ने बताया कि केवल उसे ही आरोपी बना दिया गया जबकि अन्य किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई.
विवादों मे रह चुकी है संधू मैन पावर एजेंसी- बता दें कि रणदीप सुरजेवाला के कार्यकाल में जिस संधू मैनपावर सप्लाई एजेंसी के कर्मचारियों की भर्ती का ठेका दिया गया है वो पहले से विवादों में रह चुकी है. एजेंसी के खिलाफ 32 अन्य मामलों में ईपीएफ गड़बड़ी के केस चल रहे हैं.
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