चंडीगढ़: फसल की कटाई के बाद किसान के सामने पराली को लेकर हर साल समस्या खड़ी हो जाती है. किसान जहां पराली में आग लगा देता है वहीं सरकार पराली जलाने को लेकर किसान पर जुर्माना लगा देती है.
किसानों का कहना है कि पराली को जलाने के अलावा उनके पास कोई दूसरा उपाय नहीं होता. इसी को देखते हुए हरियाणा में एक कंपनी पराली प्रबंधन का काम कर रही है और साथ-साथ कमाई भी करवा रही है.
'वर्व रिन्यूएबल्स' नाम की कंपनी पराली को किसानों से लेती है और फिर प्रोसेस करने के बाद इसे चीनी मिल में सप्लाई करती है और इससे चीनी मिल बिजली बनाती है. कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुव्रत खन्ना ने बताया कि पराली की समस्या को देखते हुए 2018 में कंपनी में कंपनी शुरू की थी.
उन्होंने बताया कि हम किसान से पराली की गांठ लेते हैं और फिर इसे प्रोसेस करके मिल को दे देते हैं जिससे वो बिजली बनाते हैं. कंपनी एक गांठ के लिए किसान को 2000 रुपये देती है. पिछले साल हमने 75,000 टन पराली इकट्ठा की थी और इस साल 1.5 लाख टन पराली इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है.
उन्होंने आगे बताया कि पराली प्रबंधन को लेकर हमने नारायणगढ़ की चीनी मिल के साथ टाइअप किया है. उनके पास 25 मेगावाट का कोजेनरेशन प्लांट है, जो गन्ना पेराई सत्र के दौरान बगास पर चलता था और सीजन खत्म होने के बाद रहता था.
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सुव्रत खन्ना ने बताया कि हमने मिल से कहा कि ऑफ सीजन में आप पराली से मिल को चलाएं, और ये कार्य सफल रहा. अब हम किसानों से पराली इकट्ठा करते हैं, इसे प्रोसेस करते हैं, और फिर प्लांट को सप्लाई करते हैं जिसके बाद वे इससे बिजली पैदा करते हैं. इस तरह पराली जलाने से भी निजात मिलती है और साथ-साथ ये आय का एक जरिया भी बन गया है.