चंडीगढ़: तीन दिसंबर को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो जाएंगे. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम इन पांच राज्यों की जनता अपने फैसले को ईवीएम में कैद कर चुकी है. इस बीच एग्जिट पोल के आंकड़े भी आ गए हैं. जिसमें कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है. हरियाणा कांग्रेस भी पांच राज्यों के चुनावी एग्जिट पोल को लेकर उत्साहित है. पार्टी आने वाले दिनों में हरियाणा में और तेजी के साथ जमीनी स्तर पर काम करने की तैयारी में है. इस बीच बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस में संगठन के पदाधिकारियों की नियुक्ति कब तक होगी? इन मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
सवाल- एग्जिट पोल के नतीजे पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत लेकर आए हैं, आप इसको लेकर क्या कहेंगे?
जवाब- उम्मीद है कि 2024 कांग्रेस का है. इंडिया गठबंधन का है. एग्जिट पोल के नतीजे का साफ संकेत है कि इंडिया गठबंधन 2024 में जीतेगा. इंडिया गठबंधन की 2024 में केंद्र में सरकार बनेगी.
सवाल- हरियाणा के कई नेता इन राज्यों में चुनावी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, क्या इससे उन नेताओं के साथ-साथ हरियाणा कांग्रेस को भी मजबूती मिलेगी?
जवाब- सारे देश में कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्साहित हैं. नया राज्य तेलंगाना जहां हमने सोचा नहीं था, वहां भी कांग्रेस पार्टी बहुत अच्छे से जीतने जा रही है.
सवाल- हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के आने वाले दिनों में क्या कार्यक्रम रहने वाले हैं
जवाब- कांग्रेस की 6 तारीख को विधायक दल की बैठक है. उसमें पार्टी के तमाम विधायक शामिल होंगे. विधानसभा में जिन मुद्दों को उठाया जाएगा. उसको लेकर उस बैठक में चर्चा होगी. जन आक्रोश रैली में भी अब तेजी लाई जाएगी. 6 तारीख को उसको लेकर भी बैठक होगी. क्योंकि अब सारे पार्टी के नेता चुनाव से फ्री हो गए हैं, तो अब उसमें भी तेजी लाई जाएगी.
सवाल- प्रदेश में अभी जो ताजा राजनीतिक हालात हैं, स्वास्थ्य मंत्री अपना विभाग नहीं देख रहे हैं, इसको आप कैसे देखते हैं?
जवाब- ये सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है. ना उनके मुख्यमंत्री और मंत्री में कोई तालमेल है, ना ही इनकी कोई प्रशासन पर पकड़ है. अधिकारी किसी भी मंत्री और विधायक की सुनते नहीं हैं. आज सरकार पूरे तरीके से विफल हो चुकी है. ये बड़ी अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री और मंत्री में कोई संवाद नहीं है. पांच अक्टूबर से एक विभाग को पूरी तरीके से पैरालाइज कर दिया गया. उसकी ओर कोई ध्यान नहीं. 5 अक्टूबर से वहां से कोई एक फाइल नहीं निकल रही. अक्टूबर और नवंबर पूरे 2 महीने इसी में चले गए. विभाग की सारी फाइलें 2 महीने से रुकी पड़ी हैं. मंत्री कोप भवन में बैठे हैं, ऐसे ही गृह मंत्री के तौर पर भी वे पूरी तरीके से फेल हुए हैं. उनकी नाक के नीचे जहरीली शराब के कारखाने चल रहे थे. अधिकारी उनकी मानने को तैयार नहीं है. वो पुलिस विभाग के सभी अधिकारियों की शिकायत करने बैठे हैं, आईओ की शिकायत करने बैठे हैं. 372 आईओ को सस्पेंड करने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनता नहीं है. ना ही उनको कोई गृह विभाग में पूछ रहा है और ना ही स्वास्थ्य मंत्रालय में. उनको बाईपास करके मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी बैठक ले रहे हैं. ये एक तरह से उनका अपमान भी है. मैं तो अनिल विज को एक स्वाभिमानी आदमी समझता था. ये कैसे टिके हुए हैं और कुर्सी से चिपके हुए हैं. इनको तो त्यागपत्र दे देना चाहिए था, जब उनकी कोई सुनता नहीं है.
सवाल- क्या कांग्रेस पार्टी विधायक दल की बैठक में इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाएगी?
जवाब- बिल्कुल कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर भी सरकार को घेरेगी, और इसके साथ ही एक दूसरे मंत्री हैं. जेपी दलाल, वो कितना आपे से बाहर हैं. उसका दिमाग कहां पर है. वो किस तरह से बहन, बेटी और किसानों को अपमानित कर रहे हैं. वो मंत्रिमंडल में कैसे बैठे हुए हैं. उनको तो तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए. नैतिकता नाम की इस सरकार में कोई जगह नहीं है. खेल मंत्री रहे संदीप सिंह का प्रकरण सबको पता है. हरियाणा की महिला पहलवानों के साथ क्या हुआ, वो सबको पता है. अब कृषि मंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं. क्या ये एक मंत्री की भाषा है? ऐसे मंत्री को क्या पद पर बने रहना चाहिए. उनको तो तुरंत सार्वजनिक तौर पर सबसे माफी मांगनी चाहिए. मुख्यमंत्री को तुरंत उन पर एक्शन लेते हुए इन्हें बर्खास्त करना चाहिए.
सवाल- कुमारी सैलजा लोकसभा क्षेत्र में प्रचार करने की तैयारी में है, और विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाह रही हैं. इसको आप कैसे देखते हैं?
जवाब- अच्छी बात है कांग्रेस की बड़ी नेता हैं. उनको ऐसा करना चाहिए. सारे प्रदेश में भी जा रही हैं. जो भी कांग्रेस कार्यकर्ता हैं. उन सभी का फर्ज है कि सभी एक साथ फील्ड में उतरे. सभी को कांग्रेस पार्टी किस तरीके से सत्ता में आए. इस रणनीति पर काम करना चाहिए.
सवाल- संगठन में अभी पदाधिकारी की नियुक्ति होना बाकी है क्या पांच राज्यों के चुनावी नतीजे के बाद इसकी घोषणा हो जाएगी?
जवाब- हमें पूरी उम्मीद है कि दिसंबर महीने में इसकी घोषणा हो जानी चाहिए.
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