चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुपर 100 कार्यक्रम के तहत जेईई में चयनित हुए 23 बच्चों और उनके अभिभावकों को चंडीगढ़ हरियाणा निवास में सम्मानित किया. इस दौरान हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर भी मौजूद रहे.
इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब 2 साल पहले रेवाड़ी और पंचकूला में बिहार के सुपर 30 की तर्ज में सुपर 100 के 2 सेंटर खोले गए थे, जिनमें 50- 50 बच्चों को सरकारी खर्च पर तैयारी करवाई गई थी. सीएम ने आगे कहा कि ये कार्यक्रम सफल रहा है और इस बार सुपर 100 के 23 बच्चे जेईई में चयनित हुए हैं.
इसके साथ ही सीएम ने ऐलान किया कि इस कार्यक्रम के तहत और 2 सेंटर खोले जाएंगे. पश्चिमी हरियाणा और मध्य हरियाणा में एक-एक सुपर 100 के तहत जल्द ही खोला जाएगा, ताकि गरीब बच्चों को सरकारी खर्चे पर पढ़ाया जा सके.
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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बिहार में सुपर 30 के तहत एक कार्यक्रम शुरू किया गया था, इसी से प्रेरित होकर बिहार के ही नवीन मिश्रा ने 2 साल पहले उनसे मुलाकात की थी. नवीन मिश्रा ऑल इंडिया सर्विस में दो बार सफल रहे चुके हैं. नवीन मिश्रा के मन में भी कसक थी कि सामान्य परिवार के बच्चों को किस तरह से आगे बढ़ाया जाए. इसके तहत उन्हें रेवाड़ी में स्थान उपलब्ध करवाया गया. बाद में पंचकूला में भी एक सेंटर खोला गया.
2018 में शुरू हुआ सुपर-100 का पहला बैच
सुपर-100 प्रोग्राम के तहत छात्रों के चयन के लिए 2018 में पहली बार प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा का आयोजन हुआ. जिसमें कोचिंग के लिए 200 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ.
कैसे होता है छात्रों का चयन ?
सुपर-100 प्रोग्राम के तहत पढ़ाई के लिए छात्र या छात्रा के 10वीं में कम से कम 80 फीसदी अंक होने चाहिए. इसके लिए उन्हें एक टेस्ट भी देना पड़ता है. ये टेस्ट सरकारी स्तर पर आयोजित किया जाता है. जो छात्रों के गृह जिले में ही होता है. इसकी जानकारी स्कूल और विज्ञापन के जरिए बच्चों और उनके परिजनों को दी जाती है. जिला स्तर पर होने वाले टेस्ट में सेलेक्ट होने के बाद छात्र चार दिन रेवाड़ी और पंचकूला के विकल्प संस्थान में पढ़ाई करते हैं, उसके बाद उनका एक और टेस्ट लिया जाता है. दूसरे टेस्ट में पास होने के बाद ही छात्र का चयन विकल्प संस्थान के सुपर-100 बैच में पढ़ने के लिए होता है.