चंडीगढ़: आज से चंडीगढ़ प्रशासन की देखरेख में इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर पर दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन शुरू होगा. इस सम्मेलन में 20 देशों से आए 100 प्रतिनिधियों को चंडीगढ़ की बेहतरीन जगहों पर ठहराया गया है. वहीं, दो दिवसीय सम्मेलन में विश्व से जुड़ी ग्लोबल संस्थाओं के साथ-साथ अर्थव्यवस्था से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा भी की जाएगी. जिनमें विशेषतौर पर गरीब देशों की अर्थव्यवस्था, कोरोना काल में बिगड़ी अर्थव्यवस्था, प्रतिनिधित्व कर रहे देशों की मौजूद आर्थिक समस्याओं पर किए जा रहे काम और विश्व की बड़ी संस्थाओं द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी.
भारत कर रहा जी-20 की अध्यक्षता: बता दें कि कई विश्व आर्थिक संकटों के जवाब छोड़ने के लिए 1999 में जी-20 शिखर सम्मेलन को स्थापित किया गया था. यह जी-20 शिखर सम्मेलन सालाना तौर पर करवाया जाता है. जिसकी अध्यक्षता इस बार भारत देश कर रहा है, जो कि देश के लिये गौरव की बात है. चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा दो दिनों में विश्व से आऐ प्रतिनिधियों का देश की संस्कृति के साथ-साथ शहरों का भी विस्तृत दौरा करवाया जा रहा है.
प्रतिनिधियों के स्वागत की तैयारी पूरी: प्रशासन द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन के 100 प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत के इंतजाम पूरे किये जा चुके हैं. केंद्र सरकार के नेतृत्व में करवाए जा रहे इस सम्मेलन को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो और मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स द्वारा दो दिनों में होने वाले चर्चा का विस्तार सामने रखा जाएगा. वहीं, 100 अर्थशास्त्री को तनाव मुक्त करने के लिए चंडीगढ़ के सारंगपुर में भारतीय रिजर्व बटालियन मैदान में आपसी देशों के प्रतिनिधियों के बीच पोलो मैच भी करवाया जाएगा.
दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन: दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर की मीटिंग चंडीगढ़ के ललित होटल में करवाई जा रही है. यह मीटिंग 30 और 31 जनवरी के बीच ही रखी गई है. इस मीटिंग के लिये चंडीगढ़ प्रशासन ने पिछले एक महीने से कड़ी मेहनत भी की है. इसके लिये प्रशासन द्वारा अलग से बजट रखते हुए तैयारियां करवाई गई है. जगह जगह जी-20 के पोस्टर और बैनर लगाते हुए लोगों को इस सम्मेलन के लिए आकर्षित किया गया है. वहीं, भारत में एक साल तक जी-20 शिखर सम्मेलन की मीटिंग देश के 50 अलग-अलग शहरों में रखी गई है.
शहर की बेहतरीन जगहों पर ठहराए गये सभी प्रतिनिधि: इन्हीं में से दो मीटिंग चंडीगढ़ में की जा रही हैं. जिसकी पहली मीटिंग यहां 30 और 31 जनवरी को इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर वर्किंग ग्रुप के रूप में शहर के फाइव स्टार होटल ललित में रखी गई. वहीं दूसरी मीटिंग मार्च 2023 के अंत में करवाई जानी है. प्रशासन ने प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसे में इन मेहमानों को ठहरने के लिए शहर की बेहतरीन जगहों को चुना गया है. जिनमें औद्योगिक क्षेत्र में होटल ललित, होटल हयात और सेक्टर-35 में होटल जेडब्ल्यू मैरियट शामिल है.
अतिथि देवो भव: की तर्ज पर सजे मेहमानों के होटल: इन होटलों को 'अतिथि देवो भव' की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले स्मृति चिन्ह और चित्रों से सजाया गया है. इसके अलावा, इन 72 एसयूवी कारों के लिए किराए पर लिया गया है. ताकि मेहमानों को दो दिनों के अंदर शहर की सभी आकर्षित जगहों का दौरा करवाया जा सके. इन सभी कारों में विभिन्न भाषाओं के जानकार गाइडों को मेहमानों के साथ देश की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराने में मदद करेंगे.
जी-20 विकसित देशों का समूह: जी-20 दुनिया के विकसित और विकासशील देशों का एक समूह है, जो दुनिया की 80 प्रतिशत जीडीपी संभालते हैं. वहीं, 75 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार इन देशों के जरिए होता है. वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर जी-20 शिखर सम्मेलन में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, केनेडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इंडिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मैक्सिको, रशिया, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, टर्की, इंग्लैंड, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं.
उत्तर भारत की संस्कृति से रूबरू होंगे अतिथि: इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में UN, IMF, वर्ल्ड बैंक, WHO, WTO, ILO, एफएसबी, ओईसीडी, एयू चेयर, एनईपीएडी चेयर, एएसईएएन चेयर, एडीबी, आईएसए तथा CDII जैसी संस्थान आये हैं. जो आज और कल यानि सोमवार और मंगलवार को चंडीगढ़ में रहते हुए उत्तर भारत की खासियत को जानेगें. वहीं, इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए एडवाइजर अनूप पी मथाई ने बताया कि पहली मीटिंग में सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्राएं अवसर और चुनौतियां' नामक कार्यक्रम आर्थिक मामलों में मजबूत देशों के अनुभवों को साझा करते हुए और CBDC के संबंध में लिये जाने वाले फैसलों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी.
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आर्थिक नीति पर होगा मंथन: इस बैठक का मतलब है जो देश आर्थिक नीतियों को लेकर कामयाब हो या जो देश गरीबी का सामना कर रहे हैं, यह उन देशों के बीच की बातचीत होगी. ऐसे में आर्थिक तौर पर समस्याएं झेल रहे देशों की स्थिति को कैसे ठीक किया जा सकता है. खासकर कोरोना काल के समय में आई दिक्क्तों, ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज के समय में आई सभी समस्यों को आर्थिक तौर पर समझने और सुलझाने पर जोर दिया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री करेंगे बैठक का उद्घाटन: इस बैठक का उद्घाटन कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने करेंगे. बैठक के दौरान संयुक्त रूप से वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा और साथ में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह के सह-अध्यक्षों, फ्रांस और दक्षिण कोरिया द्वारा, संचालित किया जाएगा.
कमजोर को शक्तिशाली बनाने पर चर्चा: इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना की स्थिरता और सामंजस्य को बढ़ाने के तरीकों और 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए इसे कैसे योग्य बनाया जाए, इस चर्चा में 8 ग्रुपों में बनाई गई टीम द्वारा चर्चा की गई. साथ ही बैठक में गरीब और कमजोर देशों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के तरीके ढूंढने पर भी ध्यान दिया जाएगा.
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