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टोक्यो ओलंपिक से निलंबित हरियाणा के इस पहलवान को आखिरी मौका, 10 जून को होगा दूसरा डोप टेस्ट

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में देश के लिए 125 किलो वर्ग कुश्ती खेल में गोल्ड मेडल आने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन खेलों से कुछ हफ्ते पहले ही हरियाणा के इस अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी का डोप टेस्ट में फेल (Dope test Fail) हो जाना, बेहद निराशाजनक है. ऐसे में अब 10 जून को होने वाले डोप टेस्ट 'बी' की रिपोर्ट पर देश की निगाह टिकी है.

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टोक्यो ओलंपिक के लिए डोप टेस्ट में फेल
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Published : Jun 9, 2021, 4:30 PM IST

Updated : Jun 9, 2021, 5:08 PM IST

चंडीगढ़: टोक्यो ओलंपिक (tokyo olympic) की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. देशभर के खिलाड़ी ओलंपिक में गोल्ड मेडल पक्का करने के लिए जी तोड़ मेहनत करने में लगे हैं, लेकिन इसी बीच हरियाणा से एक निराश करने वाली खबर सामने आई है. पहलवान सुमित मलिक (Wrestler Sumit Malik) डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं.

डोप टेस्ट में फेल होने के बाद सुमित मलिक को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है. सुमित मलिक से देश को 125 किलो वर्ग में गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, अब सुमित मलिक को 10 जून को डोप टेस्ट के लिए दूसरी और आखिरी बाद मौका दिया जाएगा.

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पहलवान सुमित मलिक (फाइल फोटो)

सुमित मलिक का होगा डोप टेस्ट 'बी'

आपको बता दें कि डोप टेस्ट 'ए' में पॉजीटिव आने पर खिलाड़ी को बैन कर दिया जाता है, लेकिन खिलाड़ी के पास 'बी' टेस्ट के लिए एंटी डोपिंग पैनल में अपील करने का चांस होता है. अपील मंजूर होने के बाद फिर से सैंपल लिए जाते हैं. यदि 'बी' टेस्ट भी पॉजीटिव आए तो पैनल खिलाड़ी पर पाबंदी लगा सकती है.

ये पढे़ं- ओलंपिक टिकट हासिल करने वाले सुमित डोप जांच में विफल, अस्थाई तौर पर निलंबित

125 किलो वर्ग में किया था क्वालीफाई

साल 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सुमित मलिक ने बुल्गारिया स्पर्धा में 125 किग्रा वर्ग में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था. जो पहलवानों के लिए कोटा हासिल करने का आखिरी मौका था. सुमित मलिक से देश को काफी उम्मीदें हैं, जोकि डोप टेस्ट के नतीजे सामने आने बाद टूटती हुई नजर आ रही हैं.

ये पढे़ं- टोक्यो ओलंपिक में भारत के 8 पहलवान, 7 केवल हरियाणा के, देखिए पूरी लिस्ट

क्या होता है डोप टेस्ट?

खिलाड़ियों का समय-समय पर डोप टेस्ट होता रहता है. ज्यादातर डोप टेस्ट की जरूरत तब होती है जब किसी खिलाड़ी का किसी बड़ी प्रतियोगिता या अंतर्राष्ट्रीय खेलों में चयन होता है. डोप टेस्ट करने का मकसद ये जांचना होता है कि प्रतियोगी खिलाड़ी को किसी नशे की लत में तो नहीं है.

ये पढे़ं- हरियाणा के इन खिलाड़ियों पर टोक्यो ओलंपिक में मेडल की आस, देखिए 19 प्लेयर्स की लिस्ट

भारत में डोप टेस्ट नाडा (National Anti-Doping Agency) या फिर वाडा (World Anti-Doping Agency) की तरफ से कराए जाते हैं. खिलाड़ियों का यूरिन टेस्ट लेबोरेट्री में भेजा जाता है, जहां से खिलाड़ियों के सैंपल से नशे की मात्रा के बारे रिपोर्ट दी जाती है.

चंडीगढ़: टोक्यो ओलंपिक (tokyo olympic) की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. देशभर के खिलाड़ी ओलंपिक में गोल्ड मेडल पक्का करने के लिए जी तोड़ मेहनत करने में लगे हैं, लेकिन इसी बीच हरियाणा से एक निराश करने वाली खबर सामने आई है. पहलवान सुमित मलिक (Wrestler Sumit Malik) डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं.

डोप टेस्ट में फेल होने के बाद सुमित मलिक को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है. सुमित मलिक से देश को 125 किलो वर्ग में गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, अब सुमित मलिक को 10 जून को डोप टेस्ट के लिए दूसरी और आखिरी बाद मौका दिया जाएगा.

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पहलवान सुमित मलिक (फाइल फोटो)

सुमित मलिक का होगा डोप टेस्ट 'बी'

आपको बता दें कि डोप टेस्ट 'ए' में पॉजीटिव आने पर खिलाड़ी को बैन कर दिया जाता है, लेकिन खिलाड़ी के पास 'बी' टेस्ट के लिए एंटी डोपिंग पैनल में अपील करने का चांस होता है. अपील मंजूर होने के बाद फिर से सैंपल लिए जाते हैं. यदि 'बी' टेस्ट भी पॉजीटिव आए तो पैनल खिलाड़ी पर पाबंदी लगा सकती है.

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125 किलो वर्ग में किया था क्वालीफाई

साल 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सुमित मलिक ने बुल्गारिया स्पर्धा में 125 किग्रा वर्ग में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था. जो पहलवानों के लिए कोटा हासिल करने का आखिरी मौका था. सुमित मलिक से देश को काफी उम्मीदें हैं, जोकि डोप टेस्ट के नतीजे सामने आने बाद टूटती हुई नजर आ रही हैं.

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क्या होता है डोप टेस्ट?

खिलाड़ियों का समय-समय पर डोप टेस्ट होता रहता है. ज्यादातर डोप टेस्ट की जरूरत तब होती है जब किसी खिलाड़ी का किसी बड़ी प्रतियोगिता या अंतर्राष्ट्रीय खेलों में चयन होता है. डोप टेस्ट करने का मकसद ये जांचना होता है कि प्रतियोगी खिलाड़ी को किसी नशे की लत में तो नहीं है.

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भारत में डोप टेस्ट नाडा (National Anti-Doping Agency) या फिर वाडा (World Anti-Doping Agency) की तरफ से कराए जाते हैं. खिलाड़ियों का यूरिन टेस्ट लेबोरेट्री में भेजा जाता है, जहां से खिलाड़ियों के सैंपल से नशे की मात्रा के बारे रिपोर्ट दी जाती है.

Last Updated : Jun 9, 2021, 5:08 PM IST
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