चंडीगढ़: टोक्यो ओलंपिक (tokyo olympic) की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. देशभर के खिलाड़ी ओलंपिक में गोल्ड मेडल पक्का करने के लिए जी तोड़ मेहनत करने में लगे हैं, लेकिन इसी बीच हरियाणा से एक निराश करने वाली खबर सामने आई है. पहलवान सुमित मलिक (Wrestler Sumit Malik) डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं.
डोप टेस्ट में फेल होने के बाद सुमित मलिक को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है. सुमित मलिक से देश को 125 किलो वर्ग में गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, अब सुमित मलिक को 10 जून को डोप टेस्ट के लिए दूसरी और आखिरी बाद मौका दिया जाएगा.
सुमित मलिक का होगा डोप टेस्ट 'बी'
आपको बता दें कि डोप टेस्ट 'ए' में पॉजीटिव आने पर खिलाड़ी को बैन कर दिया जाता है, लेकिन खिलाड़ी के पास 'बी' टेस्ट के लिए एंटी डोपिंग पैनल में अपील करने का चांस होता है. अपील मंजूर होने के बाद फिर से सैंपल लिए जाते हैं. यदि 'बी' टेस्ट भी पॉजीटिव आए तो पैनल खिलाड़ी पर पाबंदी लगा सकती है.
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125 किलो वर्ग में किया था क्वालीफाई
साल 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सुमित मलिक ने बुल्गारिया स्पर्धा में 125 किग्रा वर्ग में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था. जो पहलवानों के लिए कोटा हासिल करने का आखिरी मौका था. सुमित मलिक से देश को काफी उम्मीदें हैं, जोकि डोप टेस्ट के नतीजे सामने आने बाद टूटती हुई नजर आ रही हैं.
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क्या होता है डोप टेस्ट?
खिलाड़ियों का समय-समय पर डोप टेस्ट होता रहता है. ज्यादातर डोप टेस्ट की जरूरत तब होती है जब किसी खिलाड़ी का किसी बड़ी प्रतियोगिता या अंतर्राष्ट्रीय खेलों में चयन होता है. डोप टेस्ट करने का मकसद ये जांचना होता है कि प्रतियोगी खिलाड़ी को किसी नशे की लत में तो नहीं है.
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भारत में डोप टेस्ट नाडा (National Anti-Doping Agency) या फिर वाडा (World Anti-Doping Agency) की तरफ से कराए जाते हैं. खिलाड़ियों का यूरिन टेस्ट लेबोरेट्री में भेजा जाता है, जहां से खिलाड़ियों के सैंपल से नशे की मात्रा के बारे रिपोर्ट दी जाती है.