चंडीगढ़: अप्रैल का महीना शुरु हो चुका है. महीने के शुरुआत से ही गर्मी का प्रकोप भी दिखना शुरू हो गया (Heat Wave in haryana) है. यहां तक कि मार्च के महीने में भी तापमान जिस स्तर तक पहुंचा गया था आमतौर पर उतना नहीं पहुंचता. बढ़ते हुए तापमान को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस साल गर्मी काफी तेज होगी. मार्च के महीने में भी चंडीगढ़ और हरियाणा के कई हिस्सों का तापमान सामान्य से ज्यादा था. जबकि राजधानी चंडीगढ़ में भी पारा काफी ऊपर जा चुका है.
समय से पहले इतनी ज्यादा गर्मी को लेकर हमने मौसम विभाग चंडीगढ़ के निदेशक डॉ मनमोहन सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि मार्च के महीने में तापमान सामान्य से 7 से 8 डिग्री ज्यादा रहे. इसका मुख्य कारण यह रहा कि मार्च का महीना सूखा रहा. इस महीने में बारिश नहीं हुई. जिस वजह से तापमान ज्यादा बढ़े. दिन के तापमान के साथ-साथ रात के तापमान भी सामान्य से ज्यादा थे.
15 मार्च के आस-पास तापमान इतना था जितना अप्रैल के महीने में होना चाहिए. इस साल मार्च के तापमान पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा है. मार्च के महीने में हरियाणा के कई हिस्सों में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया. जो आमतौर पर 33-34 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. जबकि अप्रैल के महीने की शुरुआत में ही दक्षिण हरियाणा के कई हिस्सों का तापमान 40 डिग्री को पार कर चुका है.
इसको देखते हुए मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों के लिए हीट वेव (गर्म हवा) चलने की चेतावनी भी जारी कर रखी है. तापमान बढ़ने का मुख्य कारण है बारिश का न होना और पश्चिमी विक्षोभ का भी अनुपस्थित रहना. पश्चिमी विक्षोभ अगर सक्रिय होता है तो तापमान में गिरावट दर्ज की जाती है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि 13 और 14 अप्रैल को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है. इससे तापमान में गिरावट आएगी. हालांकि बारिश की संभावना ना के बराबर है.
दक्षिण हरियाणा में तापमान सामान्य से ज्यादा बना हुआ है. धीरे-धीरे उत्तर हरियाणा में भी तापमान बढ़ता जा रहा है. अप्रैल के महीने में ही उत्तर हरियाणा में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच जाएगा. दक्षिण हरियाणा में इस साल तापमान 45 डिग्री तक पहुंचेगा. अगर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ तो यह और ज्यादा भी हो सकता है.
फिलहाल गर्मी से कोई राहत की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. क्योंकि मॉनसून को लेकर फिलहाल कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकी है. आने वाले दिनों में अगर 13 और 14 अप्रैल को छोड़ दिया जाए तो पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की भी कोई संभावना नहीं है और बारिश की भी कोई उम्मीद नहीं है जिससे तापमान बढ़ना तय है.
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इस साल क्यों बढ़ रहा है ज्यादा तापमान- इस साल गर्मियों में तापमान सामान्य से ज्यादा क्यों बढ़ रहा है इसको लेकर मौसम विभाग के निदेशक डॉ मनमोहन सिंह ने बताया कि इस साल बारिश जल्दी खत्म हो गई. आमतौर पर मार्च के महीने में भी एक दो बार बारिश होती है जिससे तापमान सामान्य रहता है. इस बार मार्च के महीने में बारिश नहीं हुई. पूरा मार्च का महीना सूखा रहा. इस वजह से तापमान जल्दी बढ़ गए.
दूसरा मुख्य कारण है पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय ना होना. जिस महीने में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहता है उस महीने में भी तापमान नियंत्रित रहते हैं लेकिन पश्चिमी विक्षोभ ना तो मार्च के महीने में सक्रिय हुआ और ना ही आने वाले दिनों में उसके सक्रिय होने की कोई संभावना दिखाई दे रही है. इस वजह से तापमान लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस साल बारिश की संभावना भी सामान्य से कम हो सकती है. इस वजह से गर्मी का प्रकोप ज्यादा देखने को मिलेगा.