चंडीगढ़: बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड में मुख्य आरोपी तौसीफ की ओर से पंजाब हरियाणा में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में तौसीफ ने पुलिस कमिश्नर पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा है कि उसके खिलाफ जो कार्रवाई की जा रही है वो राजनीति से प्रेरित है. इस मामले में सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को 22 जनवरी के लिए बहस के आदेश दिए हैं.
मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इसकी जांच एसआईटी को सौंप दी है. एसआईटी की जांच ने 5 घंटे के अंदर मुख्य आरोपी तौसीफ को गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ रेहान और हथियार उपलब्ध कराने वाले अजरु को भी पुलिस ने पकड़ा. तमाम साक्ष्य और सबूतों को एकत्र करके महज 11 दिन में ही 600 पेज की चार्जशीट तैयार करके 6 नवंबर को कोर्ट में दाखिल कर दी. चार्जशीट में निकिता की सहेली समेत कुल 60 गवाह बनाए गए हैं.
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तौसीफ और रेहान के वकील अनीस खान ने कहा था कि शरारती तत्वों ने सोशल मीडिया पर कई आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और जान से मारने की धमकी भी दी थी. अनीस खान ने पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह से मुलाकात करके कार्रवाई करने की मांग की थी.
आरोप है कि जब उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया तो वो पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में चले गए. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की जस्टिस अरुण कुमार त्यागी की सिंगल बेंच ने पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह को वकील की जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया था.
ये है हत्या का पूरा मामला
हरियाणा के बल्लभगढ़ में परिवार के साथ रह रही उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी निकिता तोमर अग्रवाल कॉलेज में बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा थी. 26 अक्टूबर को शाम करीब 3:45 बजे जब वो परीक्षा देकर कॉलेज के बाहर निकली तो सोहना निवासी तौसीफ और रेहान ने कार में अगवा करने की कोशिश की. विरोध करने पर तौसीफ ने निकिता को गोली मार दी. अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. दिनदहाड़े हुई वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. जिसके आधार पर कार्रवाई करते हुए तौसीफ और रेहान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.