चंडीगढ़: एसवाईएल यानी सतलुज यमुना लिंक नहर मामले इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में बुधवार, 15 मार्च को सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट का समय पूरा होने के कारण इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी. वहीं, आज इस मामले में उच्चतम न्यायालय में इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन अन्य मामलों की सुनवाई के कारण समय नहीं बचा. ऐसे में आज भी इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी.
इस मामले में बुधवार को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को जो भी निर्देश हो सभी को मानना पड़ेगा. सीएम ने कहा कि इस मामले में पंजाब के सीएम का अपना स्टैंड है और हमारा अपना स्टैंड है लेकिन उच्चतम न्यायालय का जो भी फैसला हो. उसे सभी स्वीकार करें. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री को इस मामले में बैठक कर आपसी सहमति से हल निकालने के लिए कहा था. लेकिन इस मामले में कोई हल नहीं निकल सका.
क्या है एसवाईएल?: सतलुज यमुना लिंक नहर यानी एसवाईएल सतलुज और यमुना नदी को जोड़ने के लिए बनाई जा रही तकरीबबन 214 किलोमीटर लंबी नहर है. यह नहर हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे के रूप में भी प्रस्तावित है. यह नहर पंजाब से निकलने वाली सतलुज नदी को हरियाणा में यमुना नदी से जोड़ेगी. वहीं, हरियाणा ने अपने हिस्से की करीब 92 किलोमीटर नहर का निमार्ण कार्य पूरा कर लिया लेकिन पंजाब के द्वारा पानी देने से इनकार करने के कारण नहर का निर्माण कार्य आज तक अधर में लटका है. इस मामले के निपटारा के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
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