चंडीगढ़: हरियाणा शुरू से ही दूध, किसानी और पहलवानी में अव्वल रहा है. हरियाणा में गांवों की संख्या भी ज्यादा है. इसलिए यहां अधिकतर लोग कृषि पर आधारित हैं. गांव की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए शहरों और गांवों में दूरी को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने स्वामित्व योजना का आगाज किया है. ये योजना देश के 6 कृषि और गांव के जीवन पर आधारित राज्यों में शुरू की गई है. जिनमें हरियाणा भी शामिल है. इस बात की घोषणा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है.
पीएम मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर देश के सरपंचों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इस मौके पर पीएम ने कहा कि सरकार ने दो बड़े प्रोजेक्ट ग्राम स्वराज और स्वामित्व शुरू किए हैं. इसमें दूसरी एप की विशेषता हर ग्रामवासी के लिए मालिक बनने का तरीका है. ये एक तरीके से पंचायतों के संपूर्ण डिजिटलीकरण की शुरुआत है. इन दो योजनाओं से अपने मोबाइल पर सारी जानकारी लोग रख पाएंगे.
क्या है स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना गांव की संपत्तियों को ठीक करने का प्रयास है. देश के सभी गांवों में की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी. गांव के लोगों को एक मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा. संपत्ति को लेकर जो भ्रम की स्थिति रहती है वो दूर हो जाएगी. इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग सही तरीके से होगी. शहरों की तरह ही गांवों में भी आप बैंकों से लोन ले सकते हैं.
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जब आपके पास स्वामित्व होगा तो उस संपत्ति के आधार पर आप बैंक से लोन ले सकते हैं. जो आपके जीवन में काफी काम आ सकता है. यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में इस योजना को पहले शुरू किया जा रहा है. साथ ही पीएम ने कहा कि काम करेंगे तो अनुभव आएगा, गलतियां क्या हैं वो ध्यान में आएंगी. जब इसमें सुधार हो जाएगा तो ये योजना हिंदुस्तान के हर गांव में लागू की जाएगी.
गांव सुधार क्षेत्र में हरियाणा की कई योजनाएं
हरियाणा सरकार पहले से ही गांव सुधार को लेकर गंभीर है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में पहले से स्टार योजना चल रही है. जिसके तहत गांव में सुविधाओं के आधार पर उन्हें सरकार स्टार देती है. जिसमें गांव में साफ-सफाई, पढ़ाई, प्लानिंग समेत कई पैमाने तय किए गए हैं. अब इस तरह की योजना के आने से गांव के विकास में तेजी आने की उम्मीद है.