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बुजुर्गों को बोझ समझते हैं ज्यादातर परिवार, ये रिपोर्ट आपको शर्मसार कर देगी!

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Published : Jun 15, 2019, 12:51 PM IST

Updated : Jun 15, 2019, 1:14 PM IST

एक सर्वे में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. चंडीगढ़ में 25 % बुजुर्ग दुर्व्यवहार का शिकार हो रहे हैं. वही 29% लोग ऐसे हैं जो बुजुर्गों को  बोझ समझते है.

चंडीगढ़: बुजुर्गों की हालत खराब, सामने आए चौकाने वाले आंकड़े

चंडीगढ़: 15 जून को दुनिया भर में वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को बुजुर्गों के खिलाफ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में जागरूक करना और उसे रोका जा सके

चंडीगढ़ में 25 % बुजुर्ग है दुर्व्यवहार के शिकार
चंडीगढ़ में बुजुर्गों की स्थिति जानने के लिए 'हेल्प एज इंडिया' नाम की संस्था की ओर से एक सर्वे कराया गया. जिसमें चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

  • 25% बुजुर्ग हैं दुर्व्यवहार का शिकार
  • 29% लोग बुजुर्गों को समझते है बोझ
  • 15% लोग बुजुर्गों की सेवा करना बोझ मानते है
  • 35% लोग अपने घर में मौजूद बुजुर्गों से है नाखुश
    चंडीगढ़ में 25 % बुजुर्ग है दुर्व्यवहार के शिकार

खराब आर्थिक स्थिति है बड़ा कारण
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले हेल्प एज इंडिया संस्था के सदस्यों ने बताया की बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार होना और उन्हें अपने ऊपर बोझ समझने का सबसे बड़ा कारण लोगों की आर्थिक स्थिति है, क्योंकि बुजुर्गों के लिए ज्यादातर पैसा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होता है. जिस वजह से लोग बुजुर्गों से परेशान हो जाते हैं.

बुजुर्गों का इलाज मुफ्त कराने की मांग
सर्वे में लोगों ने कहा कि वो चाहते हैं कि सरकार उन्हें बुजुर्गों के पालन के लिए आर्थिक सहायता दे. इसके साथ ही लोगों ने बुजुर्गों के इलाज को मुफ्त कराने की भी मांग की. सर्वे कराने वाली संस्थान की ओर से बुजुर्गों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. कोई भी 1800 -180 -1253 नंबर पर कॉल कर मदद मांग सकता है.

चंडीगढ़: 15 जून को दुनिया भर में वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को बुजुर्गों के खिलाफ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में जागरूक करना और उसे रोका जा सके

चंडीगढ़ में 25 % बुजुर्ग है दुर्व्यवहार के शिकार
चंडीगढ़ में बुजुर्गों की स्थिति जानने के लिए 'हेल्प एज इंडिया' नाम की संस्था की ओर से एक सर्वे कराया गया. जिसमें चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

  • 25% बुजुर्ग हैं दुर्व्यवहार का शिकार
  • 29% लोग बुजुर्गों को समझते है बोझ
  • 15% लोग बुजुर्गों की सेवा करना बोझ मानते है
  • 35% लोग अपने घर में मौजूद बुजुर्गों से है नाखुश
    चंडीगढ़ में 25 % बुजुर्ग है दुर्व्यवहार के शिकार

खराब आर्थिक स्थिति है बड़ा कारण
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले हेल्प एज इंडिया संस्था के सदस्यों ने बताया की बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार होना और उन्हें अपने ऊपर बोझ समझने का सबसे बड़ा कारण लोगों की आर्थिक स्थिति है, क्योंकि बुजुर्गों के लिए ज्यादातर पैसा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होता है. जिस वजह से लोग बुजुर्गों से परेशान हो जाते हैं.

बुजुर्गों का इलाज मुफ्त कराने की मांग
सर्वे में लोगों ने कहा कि वो चाहते हैं कि सरकार उन्हें बुजुर्गों के पालन के लिए आर्थिक सहायता दे. इसके साथ ही लोगों ने बुजुर्गों के इलाज को मुफ्त कराने की भी मांग की. सर्वे कराने वाली संस्थान की ओर से बुजुर्गों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. कोई भी 1800 -180 -1253 नंबर पर कॉल कर मदद मांग सकता है.

Intro:15 जून को दुनिया भर में वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे मनाया जाता है इस दिन को मनाने का मकसद है कि लोगों को बुजुर्गों के खिलाफ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में जागरूक किया जा सके और उसे रोका जा सके


Body:हमने इस दिन चंडीगढ़ में बुजुर्गों की स्थिति को जानने के लिए हेल्प एज इंडिया नाम की संस्था के सदस्यों से बात की ।यह संस्था देशभर में बुजुर्गों को लेकर सर्वे करती है और उनकी स्थिति के बारे में रिपोर्ट को पेश करती है। जब हमने इस संस्था के सदस्यों से चंडीगढ़ को लेकर बात की तो कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए।

इस संस्था के सदस्यों ने बताया कि चंडीगढ़ में 25% बुजुर्ग लोग दूर व्यवहार का शिकार है ।वही 29% लोग अपने घर में किसी बुजुर्ग के होने को अपने ऊपर बोझ समझते हैं ।इसके अलावा 15% लोगों को बुजुर्गों की सेवा करना बोझ लगता है ।35% लोग अपने घर में मौजूद बुजुर्ग लोगों के होने से नाखुश हैं।

इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले हेल्प एज इंडिया संस्था के सदस्यों ने बताया की बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार होना और उन्हें अपने ऊपर बोझ समझने का सबसे बड़ा कारण लोगों की आर्थिक स्थिति है। क्योंकि बुजुर्गों के लिए ज्यादातर पैसा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होता है और लोग बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर पैसा खर्च करना नहीं चाहते । इसलिए वह अपने ही बुजुर्गों से परेशान हो जाते हैं। और उन्हें घर से निकालना चाहते हैं। साथ ही उनके साथ दुर्व्यवहार भी करते हैं। उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि सरकार उनकी इस मामले में सहायता करें जैसे बुजुर्गों को अस्पताल लाना ले जाना और वहां पर इलाज करना यह सब मुक्त होना चाहिए ताकि किसी भी घर में कोई भी बुजुर्ग बोझ ना समझा जाए।

साथ ही उन्होंने कहा कि देश में बुजुर्गों की देखभाल को लेकर कानून भी पारित हुए हैं ।लेकिन इससे बुजुर्गों की हालात में कोई सुधार नहीं आया। क्योंकि कानून बना देने से कोई बदलाव नहीं आ सकता ।जब तक उन कानूनों को सही ढंग से लागू नहीं किया जाएगा ।इन कानूनों के ढीले होने की सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिन अफसरों को इस कानून की जिम्मेदारी दी गई है उनके पास और भी कई विभाग हैं जिस वजह से वह बुजुर्गों के लिए बने कानूनों को नजरअंदाज कर देते हैं ।अगर इस कानून को गंभीरता से लागू करना है तो इसके लिए खास तौर पर अलग से अफसर तैनात किए जाने चाहिए।

संस्था की युवा सदस्या ने बताया कि हर बात को लेकर युवाओं को दोष नहीं दिया जा सकता। कई बार बुजुर्ग भी इसका कारण खुद बनते हैं । क्योंकि आजकल युवाओं को नौकरी के लिए दूसरे शहरों में जाना पड़ता है और जब युवा अपने माता पिता को साथ ले जाना चाहते हैं तो उनके माता-पिता अपने शहर को छोड़ना नहीं चाहते ।इस वजह से युवाओं को अपने मां बाप को पीछे छोड़ कर दूसरे शहरों में जाना पड़ता है ।और जिस वजह से अकेले रह रहे मां बाप की ठीक से सेवा नहीं हो पाती ऐसे में मां बाप को भी समझना चाहिए कि वे बच्चों का साथ दें।




Conclusion:जहां तक बुजुर्गों से मारपीट की बात है तो बुजुर्ग पुलिस की सहायता ले सकते हैं या फिर हमें भी इस नंबर पर कांटेक्ट कर सकते हैं जो भी बुजुर्ग हम से संपर्क करेगा हम व्यक्तिगत तौर पर उसकी हर संभव सहायता करेंगे नंबर है 1800 -180 -1253।
Last Updated : Jun 15, 2019, 1:14 PM IST
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