चंडीगढ़: दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग का असर देखने को मिल रहा है. आए दिन ग्लेशियर्स के बड़े-बड़े खंड टूटकर समुद्र में समा रहे हैं. अभी हाल ही में आर्कटिक महाद्वीप पर मुंबई शहर से तीन गुना बड़े ग्लेशियर में दरार आया है. जो कभी भी समुद्र में समा सकता है. इन सब का कारण सिर्फ एक है और वो है ग्लोबल वार्मिंग.
हमारे देश में भी ग्लोबल वार्मिंग का सीधा असर देखने को मिल रहा है. इस साल गर्मी का मौसम समय से पहले शुरू हो गया है. चंडीगढ़ जैसे ग्रीन सिटी में मार्च महीने की शुरुआत होते ही तापमान भी 30 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. आमतौर पर इतना तापमान मार्च महीने के तीसरे हफ्ते में दर्ज किया जाता है. मार्च के शुरूआती दिनों में ही अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.
इस बारे में हमने चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि जिस तरीके से मार्च की शुरुआत में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. उसे देखकर कहा जा सकता है कि आने वाली गर्मियों में भी तापमान ज्यादा रहेगा.
44 डिग्री पहुंच सकता है तापमान
उन्होंने बताया कि इस साल मार्च-अप्रैल और मई में तापमान सामान्य से ज्यादा रहेंगे. मई के बाद तापमान 40 डिग्री से ज्यादा पहुंच जाएगा. अधिकतम तापमान 44 डिग्री तक भी पहुंच सकता है. मॉनसून के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा की तापमान मानसून के लिए महत्वपूर्ण कारक है, लेकिन इसके अलावा मॉनसून के अन्य बातों पर निर्भर करता है. इसलिए फिलहाल मॉनसून के बारे में भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी.
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मौसम के अचानक बदलने से लोगों की सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे वक्त में लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत होती है. इस बारे में हमने राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल ऑफिसर डॉ राजीव कपिला से बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि बदलते मौसम स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है.
इस मौसम में हो सकते हैं बिमार
फिलहाल जो मौसम चल रहा है. उसमें दिन में गर्मी होती है जबकि सुबह और रात के वक्त ठंड होती है. ऐसे मौसम में बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे मौसम में खांसी, बुखार, नजला और जुकाम जैसी कई बीमारियां लग सकती है. इसके अलावा ऐसे मौसम में बैक्टीरिया और वायरस भी ज्यादा पनपते हैं. इसलिए लोगों को अपने खान-पान और अपने पहनावे का खास ध्यान रखना चाहिए. लोग दिन में ऐसे कपड़े पहने जिसमें ज्यादा गर्मी ना लगे और सुबह और रात के वक्त थोड़े गर्म कपड़े पहनें ताकि सर्दी ना लगे.
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बीमारी से बचने के लिए ये खाएं-
उन्होंने कहा कि खानपान में ऐसी वस्तुओं का सेवन ज्यादा करें. जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं. उदाहरण के लिए शहद काली मिर्च और अदरक का सेवन करें. शहद में काली मिर्च और अदरक मिलाकर भी खाया जा सकता है. जो आपको सर्दी लगने और बुखार से बचाएगा. इसके अलावा बाहर का भोजन बिल्कुल नहीं खाएं. घर का बना साफ-सुथरा और शुद्ध खाना ही खाएं.
सुखना लेक से प्रवासी पक्षियों का पलायन शुरू
समय से पहले गर्मियां शुरु होने का असर पशु पक्षियों पर भी देखने को मिल रहा है. खासकर प्रवासी पक्षी इस साल समय से पहले ही पलायन कर गए. इस बारे में हमने चंडीगढ़ में माइग्रेटेड बर्ड ऑफ सुखना लेक के एडमिन कुलभूषण कंवर से बात की. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की बात की जाए तो यहां पर कई किस्मों के प्रवासी पक्षी हर साल आते हैं. इस साल फरवरी महीने में ही तापमान में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई. जिससे प्रवासी पक्षियों का पलायन भी शुरू हो गया.
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जानकारों के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के चलते 0.5 डिग्री सेल्सियस औसतन तापमान बढ़ा है. मौसम विभाग के मुताबिक औसतन तापमान बढ़ने से क्षेत्रीय स्तर पर मौसम में बदलावा आना स्वाभाविक है, लेकिन ये मानव सभ्यता के लिए चिंता का विषय है. पर्यावरण में आ रहे बदलाव से हाल ही में उत्तराखंड में हुई तबाही की तरह ही खतरनाक नतीजें सामने आने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में मौसम में हो रहे बदलाव इंसानों के लिए एक चेतावनी है, जिसे गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.
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