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लचर व्यवस्था के बीच प्रदेश में हो रही है फसल खरीद! ना बिक रही पूरी फसल, ना हो रहा उठान

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Published : Oct 3, 2020, 10:49 PM IST

हरियाणा की मंडियों में सरकारी खरीद शुरू हो गई है. एमएसपी पर किसानों से फसल खरीदी जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है. कई जिलों में खरीद शुरू नहीं हुई है. तो कई जिलों में किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा है. किसान मंडी में अव्यवस्थाओं से भी परेशान हैं.

summary of crop purchased in haryana on saturday
summary of crop purchased in haryana on saturday

चंडीगढ़: प्रदेशभर की मंडियों में फसलों की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. अच्छी खबर ये है कि हरियाणा में बाजरे की फसल पर किसानों को अब तक का अधिकतम रेट मिल रहा है. सरकार का दावा है कि इस बार किसानों को धान और बाजरे पर सबसे ज्यादा एमएसपी दिया जा रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश की कुछ मंडियों का जायजा लिया.

  • पंचकूला

ईटीवी भारत की टीम ने पंचकूला में अनाज मंडी का दौरा किया तो किसान पूरी व्यवस्था से नाखुश नजर आए. किसान करीब 3 दिन से मंडियों में बैठे अपनी फसलों के बिकने के इंतजार में हैं. कई किसान 2 दिनों से लगातार मंडी में अपनी फसल के उठान का इंतजार कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ मंडी के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि कुछ ही घंटों में खरीद के बाद किसानों को फ्री कर दिया जाता है.

क्लिक कर देखें वीडियो.
  • अंबाला

अंबाला में सरकारी खरीद को लेकर किसानों ने अंबाला-हिसार हाईवे जाम कर दिया. किसानों ने कहा कि जब तक मंडियों में धान की खरीद को लेकर पुख्ता बंदोबस्त नहीं किए जाएंगे तब तक धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. इसके बाद शाम होते ही प्रशासन ने किसानों को धरने से उठा दिया और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया.

  • गोहाना

सोनीपत के गोहाना में भी किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा. यहां एक किसान के पास 95 क्विंटल बाजरे की खरीद का मैसेज पहुंचा, लेकिन उसका गेट पास सिर्फ 40 क्विंटल का बना और उसे 55 क्विंटल बाजरा वापस ले जाने को कहा गया.

  • यमुनानगर

यमुनानगर की अनाज मंडी में धान की सरकारी खरीद जारी है. लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते यहां भी किसानों को कई तरह की समस्याओं से दोचार होना पड़ रहा है.

  • रादौर

रादौर अनाज मंडी में उठान ना होने की वजह से मंडी अब अटने लगी है. हालात ऐसे हैं कि पूरी मंडी धान की फसल से खचाखच भर चुकी है. आढ़तियों का कहना है कि उठान ना होने की वजह से आढ़तियों और किसान दोनों को परेशानी उठानी पड़ रही है.

ये भी पढ़ें- नूंह में बरसाती प्याज की रिकॉर्ड खेती, किसानों को अच्छा दाम मिलने की उम्मीद

शनिवार को पूरे प्रदेश की मंडियों में कुछ यही आलम दिखा, फसल खरीद तो शुरू हुई, लेकिन व्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें कम नहीं हुई. नतीजतन कहीं धरना हुआ, कहीं हाईवे जाम किया गया और कहीं किसानों को अपनी आधी फसल वापस ले जानी पड़ी.

चंडीगढ़: प्रदेशभर की मंडियों में फसलों की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. अच्छी खबर ये है कि हरियाणा में बाजरे की फसल पर किसानों को अब तक का अधिकतम रेट मिल रहा है. सरकार का दावा है कि इस बार किसानों को धान और बाजरे पर सबसे ज्यादा एमएसपी दिया जा रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश की कुछ मंडियों का जायजा लिया.

  • पंचकूला

ईटीवी भारत की टीम ने पंचकूला में अनाज मंडी का दौरा किया तो किसान पूरी व्यवस्था से नाखुश नजर आए. किसान करीब 3 दिन से मंडियों में बैठे अपनी फसलों के बिकने के इंतजार में हैं. कई किसान 2 दिनों से लगातार मंडी में अपनी फसल के उठान का इंतजार कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ मंडी के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि कुछ ही घंटों में खरीद के बाद किसानों को फ्री कर दिया जाता है.

क्लिक कर देखें वीडियो.
  • अंबाला

अंबाला में सरकारी खरीद को लेकर किसानों ने अंबाला-हिसार हाईवे जाम कर दिया. किसानों ने कहा कि जब तक मंडियों में धान की खरीद को लेकर पुख्ता बंदोबस्त नहीं किए जाएंगे तब तक धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. इसके बाद शाम होते ही प्रशासन ने किसानों को धरने से उठा दिया और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया.

  • गोहाना

सोनीपत के गोहाना में भी किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा. यहां एक किसान के पास 95 क्विंटल बाजरे की खरीद का मैसेज पहुंचा, लेकिन उसका गेट पास सिर्फ 40 क्विंटल का बना और उसे 55 क्विंटल बाजरा वापस ले जाने को कहा गया.

  • यमुनानगर

यमुनानगर की अनाज मंडी में धान की सरकारी खरीद जारी है. लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते यहां भी किसानों को कई तरह की समस्याओं से दोचार होना पड़ रहा है.

  • रादौर

रादौर अनाज मंडी में उठान ना होने की वजह से मंडी अब अटने लगी है. हालात ऐसे हैं कि पूरी मंडी धान की फसल से खचाखच भर चुकी है. आढ़तियों का कहना है कि उठान ना होने की वजह से आढ़तियों और किसान दोनों को परेशानी उठानी पड़ रही है.

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शनिवार को पूरे प्रदेश की मंडियों में कुछ यही आलम दिखा, फसल खरीद तो शुरू हुई, लेकिन व्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें कम नहीं हुई. नतीजतन कहीं धरना हुआ, कहीं हाईवे जाम किया गया और कहीं किसानों को अपनी आधी फसल वापस ले जानी पड़ी.

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