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3 मिनट देरी से पहुंचे छात्र को नहीं देने दी अंग्रेजी की परीक्षा, छात्र ने मांगा परीक्षा या 10 लाख का मुआवजा - BHATINDA

याची ने कहा कि वो एमबीबीएस में एडमिशन के लिए NEET की परीक्षा दे रहा है. यदि उसे विशेष व्यवस्था कर अंग्रेजी के पेपर को देने की अनुमति नहीं मिलेगी तो उसके जीवन का एक कीमती साल खराब हो जाएगा.

पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट, चंडीगढ़.
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Published : Mar 20, 2019, 10:22 PM IST

चंडीगढ़: 2 मार्च को अंग्रेजी की परीक्षा के लिए तीन मिनट देरी से पहुंचने पर परीक्षा देने से रोके जाने वाले छात्र एक बार फिर मुआवजे की मांग की है. छात्र की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी बठिंडा से स्कूल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज तलब की है.याचिकाकर्ता ने दोबारा विशेष परीक्षा आयोजित करने या एक साल बर्बाद किए जाने की एवज में 10 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की है.


याचिका दाखिल करते हुए छात्र ने हाईकोर्ट को बताया कि 2 मार्च को 12वीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा थी. इस परीक्षा के लिए वो बठिंडा के मॉडल टाऊन स्थित सेंट जेवियर स्कूल में 10 बजकर 3 मिनट पर पहुंचा था. तीन मिनट की देरी के चलते सेंटर सुप्रीटेंडेंट ने उसके लिए सेंटर का गेट खोलने से इनकार कर दिया. इसके बाद डीसी को शिकायत दी गई, जिसके बाद डीसी ने डीईओ को जिम्मेदारी सौंपी. डिप्टी डीईओ इस विवाद का निपटारा करने के लिए स्कूल पहुंचे लेकिन वो इसका निपटारा नहीं कर पाए. इसके बाद डीसी ने तहसीलदार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की पावर देते हुए स्कूल भेजा उनके कहने पर भी गेट नहीं खुला, जिसपर मैजिस्ट्रेट ने एसएचओ और पुलिस कर्मियों को मौके पर पहुंचने को कहा.


छात्र की मानें तो पुलिस के सहयोग से गेट खोला गया, लेकिन इतने में परीक्षा का समय समाप्त हो गया था. याची ने कहा कि वो एमबीबीएस में एडमिशन के लिए नीट की परीक्षा दे रहा है. यदि उसे विशेष व्यवस्था कर अंग्रेजी के पेपर को देने की अनुमति नहीं मिलेगी तो उसके जीवन का एक कीमती साल खराब हो जाएगा.


याची ने सीबीएसई को ऐसे छात्रों के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए जाने की अपील की और सेंट जेवियर स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ एक्शन लेने की अपील की है. याची ने कहा कि यदि परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है तो उसे उसके एक साल के लिए 10 लाख रुपये बतौर मुआवजे के तौर दिए जाए.

चंडीगढ़: 2 मार्च को अंग्रेजी की परीक्षा के लिए तीन मिनट देरी से पहुंचने पर परीक्षा देने से रोके जाने वाले छात्र एक बार फिर मुआवजे की मांग की है. छात्र की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी बठिंडा से स्कूल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज तलब की है.याचिकाकर्ता ने दोबारा विशेष परीक्षा आयोजित करने या एक साल बर्बाद किए जाने की एवज में 10 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की है.


याचिका दाखिल करते हुए छात्र ने हाईकोर्ट को बताया कि 2 मार्च को 12वीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा थी. इस परीक्षा के लिए वो बठिंडा के मॉडल टाऊन स्थित सेंट जेवियर स्कूल में 10 बजकर 3 मिनट पर पहुंचा था. तीन मिनट की देरी के चलते सेंटर सुप्रीटेंडेंट ने उसके लिए सेंटर का गेट खोलने से इनकार कर दिया. इसके बाद डीसी को शिकायत दी गई, जिसके बाद डीसी ने डीईओ को जिम्मेदारी सौंपी. डिप्टी डीईओ इस विवाद का निपटारा करने के लिए स्कूल पहुंचे लेकिन वो इसका निपटारा नहीं कर पाए. इसके बाद डीसी ने तहसीलदार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की पावर देते हुए स्कूल भेजा उनके कहने पर भी गेट नहीं खुला, जिसपर मैजिस्ट्रेट ने एसएचओ और पुलिस कर्मियों को मौके पर पहुंचने को कहा.


छात्र की मानें तो पुलिस के सहयोग से गेट खोला गया, लेकिन इतने में परीक्षा का समय समाप्त हो गया था. याची ने कहा कि वो एमबीबीएस में एडमिशन के लिए नीट की परीक्षा दे रहा है. यदि उसे विशेष व्यवस्था कर अंग्रेजी के पेपर को देने की अनुमति नहीं मिलेगी तो उसके जीवन का एक कीमती साल खराब हो जाएगा.


याची ने सीबीएसई को ऐसे छात्रों के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए जाने की अपील की और सेंट जेवियर स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ एक्शन लेने की अपील की है. याची ने कहा कि यदि परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है तो उसे उसके एक साल के लिए 10 लाख रुपये बतौर मुआवजे के तौर दिए जाए.

Intro:तीन मिनट देरी से पहुंचे छात्र को नहीं देने दी अंग्रेजी की परीक्षा, छात्र ने मांगा पुन: परीक्षा या 10 लाख मुआवजा 

-याचिका पर हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी से मांगी स्कूल गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मांगी 

-डीसी, शिक्षा अधिकारी के प्रयास के बावजूद नहीं खोला गया था सेंट जेवियर स्कूल का दरवाजा 

-ड्यूटी मैजिस्ट्रेट और पुलिस की मदद से खुलवाया गया दरवाजा, तब तक परीक्षा का समय हो गया था खत्म


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2 मार्च को अंग्रेजी की परीक्षा के लिए तीन मिनट देरी से पहुंचने के चलते परीक्षा से वंचित करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी बठिंडा से स्कूल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज तलब कर ली है। याचिकाकर्ता ने दोबारा विशेष परीक्षा आयोजित करने या एक साल बर्बाद किए जाने की एवज में 10 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की है। 




Conclusion:याचिका दाखिल करते हुए छात्र ने हाईकोर्ट को बताया कि 2 मार्च को 12वीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा थी। इस परीक्षा के लिए वह बठिंडा के मॉडल टाऊन स्थित सेंट जेवियर स्कूल में 10 बजकर 3 मिनट पर पहुंचा था। तीन मिनट की देरी के चलते सेंटर सुप्रीटेंडेंट ने उसके लिए सेंटर का गेट खोलने से इनकार कर दिया। इसके बाद डीसी को शिकायत दी गई जिसके बाद डीसी ने डीईओ को जिम्मेदारी सौंपी। डिप्टी डीईओ इस विवाद का निपटारा करने के लिए स्कूल पहुंचे लेकिन वह इसका निपटारा नहीं कर पाए। इसके बाद डीसी ने तहसीलदार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की पावर देते हुए स्कूल भेजा। उनके कहने पर भी गेट नहींं खुला जिसपर मैजिस्ट्रेट ने एसएचओ और पुलिस कर्मियों को मौके पर पहुंचने को कहा। पुलिस के सहयोग से गेट खोला गया लेकिन इतने में परीक्षा का समय समाप्त हो गया था। याची ने कहा कि वह एमबीबीएस में एडमिशन के लिए नीट की परीक्षा दे रहा है। यदि उसे विशेष व्यवस्था कर अंग्रेजी के पेपर को देने की अनुमति नहीं मिलेगी तो उसके जीवन का एक कीमती साल खराब हो जाएगा। याची ने सीबीएसई को ऐसे छात्रों के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए जाने की अपील की तथा सेंट जेवियर स्कूल के पिं्रसीपल के खिलाफ एक्शन लेने तथा स्कूल की मान्यता रद्द करने की अपील की है। साथ ही याची ने कहा कि यदि परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है तो उसे उसके एक साल के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे के रूप में जारी किए जाएं। 

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