चंडीगढ़: 2 मार्च को अंग्रेजी की परीक्षा के लिए तीन मिनट देरी से पहुंचने पर परीक्षा देने से रोके जाने वाले छात्र एक बार फिर मुआवजे की मांग की है. छात्र की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी बठिंडा से स्कूल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज तलब की है.याचिकाकर्ता ने दोबारा विशेष परीक्षा आयोजित करने या एक साल बर्बाद किए जाने की एवज में 10 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की है.
याचिका दाखिल करते हुए छात्र ने हाईकोर्ट को बताया कि 2 मार्च को 12वीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा थी. इस परीक्षा के लिए वो बठिंडा के मॉडल टाऊन स्थित सेंट जेवियर स्कूल में 10 बजकर 3 मिनट पर पहुंचा था. तीन मिनट की देरी के चलते सेंटर सुप्रीटेंडेंट ने उसके लिए सेंटर का गेट खोलने से इनकार कर दिया. इसके बाद डीसी को शिकायत दी गई, जिसके बाद डीसी ने डीईओ को जिम्मेदारी सौंपी. डिप्टी डीईओ इस विवाद का निपटारा करने के लिए स्कूल पहुंचे लेकिन वो इसका निपटारा नहीं कर पाए. इसके बाद डीसी ने तहसीलदार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की पावर देते हुए स्कूल भेजा उनके कहने पर भी गेट नहीं खुला, जिसपर मैजिस्ट्रेट ने एसएचओ और पुलिस कर्मियों को मौके पर पहुंचने को कहा.
छात्र की मानें तो पुलिस के सहयोग से गेट खोला गया, लेकिन इतने में परीक्षा का समय समाप्त हो गया था. याची ने कहा कि वो एमबीबीएस में एडमिशन के लिए नीट की परीक्षा दे रहा है. यदि उसे विशेष व्यवस्था कर अंग्रेजी के पेपर को देने की अनुमति नहीं मिलेगी तो उसके जीवन का एक कीमती साल खराब हो जाएगा.
याची ने सीबीएसई को ऐसे छात्रों के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए जाने की अपील की और सेंट जेवियर स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ एक्शन लेने की अपील की है. याची ने कहा कि यदि परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है तो उसे उसके एक साल के लिए 10 लाख रुपये बतौर मुआवजे के तौर दिए जाए.