चंडीगढ़: पराली जलाने का सिलसिला हर साल अमूमन 15 सितंबर से 31 नवंबर तक चलता है. इसको लेकर जारी होने वाले आंकड़े लगाता ऊपर नीचे चलते रहते हैं. रियल टाइम मॉनिटरिंग डाटा के मुताबिक इस बार के 15 सितंबर से लेकर 23 नवंबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पंजाब में अब तक 49 हजार 744 मामले सामने आ चुके हैं. इसकी तुलना में हरियाणा की बात करें तो ये आंकड़ा महज 3 हजार 549 है.
हरियाणा और पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश में इस सीजन अभी तक 2100 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. वहीं मध्यप्रदेश में 10 हजार 534, राजस्थान में 1241 और दिल्ली में पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया है. आंकड़ों को अगर देखें तो 15 सितंबर से 23 नवंबर तक सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले पंजाब के हैं, जबकि नंबर दो पर मध्य प्रदेश, नंबर 3 पर हरियाणा, नंबर 4 पर उत्तर प्रदेश और नंबर पांच पर राजस्थान आता है. दिल्ली में खेती की जमीन बहुत कम है, इसी की वजह से वहां पराली जलाने के मामले कम हैं.
जब हम हरियाणा और पंजाब की पराली जलाने के मामलों की बात कर रहे हैं तो यह देखना भी दिलचस्प है कि पिछले साल इसी दौरान इन दोनों राज्यों की क्या स्थिति थी. अन्य जो राज्य हैं उनका भी क्या हाल था. अगर हम इन दोनों राज्यों के पिछले साल के अभी तक, यानी 23 नवंबर तक के आंकड़ों को देखेंगे तो यह साफ हो जाता है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल दोनों राज्यों में पराली जलाने के मामले कम हुए हैं. इसके बावजूद पंजाब की स्थिति अभी भी उतनी सही नहीं है जितनी होनी चाहिए.
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साल 2021 में 23 नवंबर के जो आंकड़े हैं, उसके मुताबिक पंजाब में पराली जलाने का आंकड़ा 71 हजार 181 था. यानि पिछली बार के आंकड़े को देखें तो इस बार अभी तक पंजाब में जो आंकड़ा सामने आया है वह 49 हजार 744 है, जो कि पिछले साल के मुकाबले लगभग 21 हजार कम है. यानी पंजाब में इस साल अभी तक 30 से 35% की कमी पराली जलाने के मामले में दर्ज की गई है.
दूसरी ओर हरियाणा को देखते हैं तो 23 नवंबर 2021 को और 23 नवंबर 2022 के आंकड़े भी कमी की ओर इशारा कर रहे हैं. हरियाणा में पिछले साल यानी 2021 को 23 नवंबर तक 6 हजार 792 पराली जलाने के मामले सामने आए थे, जबकि इस साल 23 नवंबर तक आंकड़ा 3549 है. यानी पंजाब के मुकाबले हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में साल दर साल तो कमी दिखाई दे रही है, साथ ही पिछले साल के मुकाबले हरियाणा में 40 से 45 फीसदी कमी आई है.
साल 2021 के इन्हीं महीनों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की बात करें तो उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 3376, दिल्ली में चार, राजस्थान में 1222 और मध्यप्रदेश में ये आंकड़ा 6587 था. इस आंकड़े को ध्यान में रखें तो मध्यप्रदेश में इस बार पराली जलाने के मामले बढ़े हैं. वहीं पंजाब के अलग-अलग जिलों को देखें तो पराली जलाने के मामले सबसे ज्यादा 15 सितंबर से 23 अक्टूबर के बीच सामने आए हैं. उसमें सबसे ज्यादा मामले मुख्यमंत्री भगवंत मान के जिले संगरूर के हैं.
इस साल अभी तक 5914 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि पिछले साल यानी 2021 में 23 नवंबर तक संगरूर में यह आंकड़ा 9384 था. हालांकि इस बार संगरूर में भी पराली जलाने के मामले में कमी देखी जा रही है. लेकिन पिछले साल भी सबसे ज्यादा पराली संगरूर जिले में ही जली थी, और इस बार भी सबसे ज्यादा पराली अभी तक संगरूर नहीं जली है.
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