चंडीगढ़: धान की फसल कटकर मंडियां पहुंच चुकी है. इसकी के साथ पराली में आगजनी के मामले भी बढ़ रहे हैं. जिसकी वजह से प्रदूषण की मात्रा में बढोतरी हुई है. बीते कुछ दिनों से लगातार प्रणाली पराली जलाने के मामले पंजाब और हरियाणा में बढ़ते जा रहे हैं. रविवार यानी 23 अक्टूबर को पंजाब (stubble burning cases in punjab) और हरियाणा में रिकॉर्ड 1119 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं.
रियल टाइम मॉनिटरिंग डाटा (real time monitoring data reported) के मुताबिक पंजाब में रविवार को 902 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जबकि हरियाणा में इसी दिन 217 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में 109 मामले, दिल्ली में जीरो और मध्य प्रदेश में 70 जबकि राजस्थान में 20 मामले रविवार को पराली जलाने के आए हैं. रियल टाइम डाटा के मुताबिक पिछले 15 सितंबर से अभी तक पंजाब में पराली जलाने के मामले चार हजार को पार कर चुके हैं.
15 सितंबर से अभी तक पंजाब में कुल मामले 4598 हो चुके हैं. जबकि इसी वक्त हरियाणा में अभी तक कुल पराली जलाने के मामले 1110 हो चुके हैं. हालांकि पंजाब में हरियाणा के मुकाबले ज्यादा पराली जलाई जा रही है. पंजाब और हरियाणा के आंकड़े में 3400 से भी अधिक अंकों का अंतर है. जो इस बात की ओर इशारा करती है कि हरियाणा में पंजाब से ज्यादा सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और साथ ही किसानों में भी अधिक जागरूकता दिखाई देती है.