चंडीगढ़: हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्थाई समिति की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर चर्चा की गई. इस बैठक में ग्रामीण क्षत्रों की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ( बैच-1) के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 11 जिलों रोहतक झज्जर, नूंह, दादरी, करनाल, जींद, सिरसा, यमुनानगर, रेवाड़ी, गुरुग्राम और पंचकूला के लिए व्यापक उन्नयन समेकित प्राथमिकता सूची (सीयूसीपीएल) को मंजूरी दी गई.
691 किलोमीटर लंबी सड़क को मंजूरी
वहीं समिति ने 691 किलोमीटर की लंबाई वाली 391 करोड़ रुपये की लागत की 83 विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. उक्त अनुमोदित प्रस्ताव 8 जिलों के लिए हैं और ये पसताव अब राष्ट्रीय ग्रामीण संरचना विकास एजेंसी को दिया जाएगा. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अवगत करवाया गया कि...
ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना -3 पहले ही लॉन्च की जा चुकी है. मंत्रालय की तरफ से 5 सालों के लिए 500 किलोमीटर की लंबाई का सांकेतिक आवंटन भी किया गया है. हरियाणा को पहले बैच में यानी वित्तीय वर्ष 2019 से पहले 500 किलोमीटर के अनुमोदन प्राप्त करने के लिए अनुरोध किया गया, परंतु कोविड-19 के कारण ये हासिल नहीं किया जा सका.
बैठक में बताया गया कि अब हरियाणा वित्त वर्ष 2020- 21 के दौरान 11 जिलों रोहतक, झज्जर, पंचकूला, दादरी, नूंह, करनाल, रेवाड़ी, जींद, सिरसा, गुरुग्राम और यमुनानगर के लिए पहले बैच में लगभग 700 किलोमीटर की मंजूरी प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव रखेगा.
ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु
बैठक में वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवा, लोक निर्माण विभाग और वास्तुकला विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव अंकुर गुप्ता और वित्त विभाग के सचिव सुनील शरण उपस्थित थे.