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खेल मंत्री संदीप सिंह बोले- पंजाब के खिलाड़ियों से कहीं आगे हैं हरियाणा के खिलाड़ी, 7 सालों में दिए गए 257 करोड़ के अवॉर्ड

हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने सोमवार को चंडीगढ़ बीजेपी कार्यालय में एक प्रेस कान्फ्रेंस (Sports Minister PC In Chandigarh) की. इस दौरान उन्होंने हरियाणा के खिलाड़ियों को लेकर कहा कि प्रदेश के खिलाड़ी आज पड़ोसी के खिलाड़ियों से कहीं आगे हैं. उन्होंने कहा कि मैने मेहनत करके मुकाम हासिल किये.

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Published : Jan 17, 2022, 1:17 PM IST

Updated : Jan 17, 2022, 1:41 PM IST

Sports Minister PC In Chandigarh
खेल मंत्री संदीप सिंह फाइल फोटो

चंडीगढ़: हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने सोमवार को चंडीगढ़ बीजेपी कार्यालय में एक प्रेस कान्फ्रेंस (Sports Minister PC In Chandigarh) की. इस दौरान उन्होंने हरियाणा के खिलाड़ियों को लेकर कहा कि प्रदेश के खिलाड़ी आज पड़ोसी राज्य के खिलाड़ियों से कहीं आगे हैं. उन्होंने कहा कि मैने मेहनत करके मुकाम हासिल किये. मेडल भी जीते लेकिन मेरा बैकग्राउंड राजनैतिक नहीं है. बावजूद इसके फिर भी पार्टी ने मुझे सम्मान दिया और खेल मंत्री बनाया. इसका असर आप देख सकते हैं कि हरियाणा और उसके पड़ोसी राज्यों में खेल के मामले में दिन-रात का फर्क है.

दोनों राज्यों के खिलाड़ियों की तुलना करते हुए खेल मंत्री ने कहा कि पहले पंजाब के खिलाड़ी ज्यादा आगे थे. खिलाड़ियों को भी नौकरी और सम्मान मिलता था. पहले खिलाड़ी ये सोचते थे कि काश हम पंजाब से होतेलेकिन अब उल्टा हो गया है. अब खिलाड़ी सोचते हैं कि काश हम हरियाणा से होते. खेल मंत्री ने कहा कि हरियाणा सबसे ज्यादा ओलंपिक खिलाड़ियों को 6 करोड़ गोल्ड मेडलिस्ट को देता है. पंजाब गोल्ड मेडल को पहले सवा दो करोड़ देता था लेकिन बाद में चुनाव को देखते हुए कुछ बढ़ोतरी हुई लेकिन खेल नीति में अब भी सवा दो करोड़ है.

मंत्री संदीप ने कहा कि हम सिल्वर मेडल विनर को 4 करोड़ देते हैं जबकि पंजाब डेढ़ करोड़ देता है. प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों को तैयारी के लिए ओलंपिक में जाने से पहले 15 लाख रुपये दिए जाते हैं. पंजाब में ओलंपिक विजेता को कोच की नौकरी मिलती है. हम ओलंपिक विजेता को डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी देते हैं. हरियाणा में अर्जुन अवार्डी, ध्यानचंद अवार्डी, द्रोणाचार्य अवार्डी को केंद्र सरकार सम्मान देती है लेकिन हम ऐसे खिलाड़ियों को 20 हजार रुपये हर महीने देते हैं. साल 2005 से 2014 तक 37 करोड़ कैश अवार्ड दिया गया था. जबकि हमारी सरकार आते ही साल 2014 से अब तक 257 करोड़ रुपये के कैश अवार्ड खिलाड़ियों को दिए गए हैं.

खेल मंत्री ने यह भी बताया कि सीएम मनोहर लाल ने नई योजना शुरू की है. इस नई योजना में स्टेडियम की मैपिंग की जाएगी. जहां जरूरत है वहां स्टेडियम और खेल मैदान बनाए जाएंगे.उन्होंने कहा कि मैं एक खिलाड़ी के तौर पर यह कहना चाहता हूँ पंजाब में ऐसी सरकार बने जो खिलाड़ियों के लिए कुछ करे. खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री हर खिलाड़ी से खुद मिलते हैं. पहले ओलंपिक संघ के अध्यक्ष तक भी खिलाड़ियों से नहीं मिलते थे. हमने मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की जो जल संरक्षण की बहुत बड़ी योजना है. हमने 2021 में आउटस्टेंडिंग पॉलिसी बनाई है. इसके अलावा हरियाणा में 26 नेशनल कोच रखे हैं. यही नहीं आने वाले दो महीने में 200 और नए कोच रखने जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-खेलों को बढ़वा देने के साथ युवाओं के कौशल विकास के लिए उठाए जा रहे हैं अनेक कदम- संदीप सिंह

संदीप सिंह ने बताया कि साल 2000 में मुझे गोली लगी लेकिन मैं रिकवर हुआ. कई बार इंजरी से रिकवरी नहीं मिलती. इसलिए हम नार्थ इंडिया नक सबसे बड़ा रिहैब सेंटर बना रहे हैं. पूरे प्रदेश में 5 रिहैब सेंटर बनाये जा रहे हैं. हरियाणा में सर्कल कबड्डी खिलाड़ियों को भी नौकरी दी जाती है. ब्लाइंड क्रिकेट खिलाड़ियों को भी नौकरी दी जाती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय के लिए काफी कुछ किया है. श्री करतारपुर कॉरिडोर मोदी सरकार की देन हैं. जब कॉरिडोर खुला तो मैं भी पहले दिन दर्शन करने गया था.

खेल मंत्री ने बताया कि हमारा परिवार भी बंटवारे से पहले लाहौर में रहता था. इससे पहले CAA का कानून बना तो ये कहा गया नागरिकता छीनी जाएगी लेकिन नागरिकता छीनी नहीं बल्कि दी जा रही है. अफगानिस्तान से तमाम सिख परिवारों को भारत लाया गया. श्री गुरु ग्रंथ साहिब को वहां से भारत लाया गया. लंगर पर यहां जीएसटी लगता था उसे खत्म किया गया. गुरु नानक देव जी के 500 वें प्रकाश पर्व पर सुल्तान पुर लोधी को हेरिटेज सिटी घोषित किया गया है.

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चंडीगढ़: हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने सोमवार को चंडीगढ़ बीजेपी कार्यालय में एक प्रेस कान्फ्रेंस (Sports Minister PC In Chandigarh) की. इस दौरान उन्होंने हरियाणा के खिलाड़ियों को लेकर कहा कि प्रदेश के खिलाड़ी आज पड़ोसी राज्य के खिलाड़ियों से कहीं आगे हैं. उन्होंने कहा कि मैने मेहनत करके मुकाम हासिल किये. मेडल भी जीते लेकिन मेरा बैकग्राउंड राजनैतिक नहीं है. बावजूद इसके फिर भी पार्टी ने मुझे सम्मान दिया और खेल मंत्री बनाया. इसका असर आप देख सकते हैं कि हरियाणा और उसके पड़ोसी राज्यों में खेल के मामले में दिन-रात का फर्क है.

दोनों राज्यों के खिलाड़ियों की तुलना करते हुए खेल मंत्री ने कहा कि पहले पंजाब के खिलाड़ी ज्यादा आगे थे. खिलाड़ियों को भी नौकरी और सम्मान मिलता था. पहले खिलाड़ी ये सोचते थे कि काश हम पंजाब से होतेलेकिन अब उल्टा हो गया है. अब खिलाड़ी सोचते हैं कि काश हम हरियाणा से होते. खेल मंत्री ने कहा कि हरियाणा सबसे ज्यादा ओलंपिक खिलाड़ियों को 6 करोड़ गोल्ड मेडलिस्ट को देता है. पंजाब गोल्ड मेडल को पहले सवा दो करोड़ देता था लेकिन बाद में चुनाव को देखते हुए कुछ बढ़ोतरी हुई लेकिन खेल नीति में अब भी सवा दो करोड़ है.

मंत्री संदीप ने कहा कि हम सिल्वर मेडल विनर को 4 करोड़ देते हैं जबकि पंजाब डेढ़ करोड़ देता है. प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों को तैयारी के लिए ओलंपिक में जाने से पहले 15 लाख रुपये दिए जाते हैं. पंजाब में ओलंपिक विजेता को कोच की नौकरी मिलती है. हम ओलंपिक विजेता को डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी देते हैं. हरियाणा में अर्जुन अवार्डी, ध्यानचंद अवार्डी, द्रोणाचार्य अवार्डी को केंद्र सरकार सम्मान देती है लेकिन हम ऐसे खिलाड़ियों को 20 हजार रुपये हर महीने देते हैं. साल 2005 से 2014 तक 37 करोड़ कैश अवार्ड दिया गया था. जबकि हमारी सरकार आते ही साल 2014 से अब तक 257 करोड़ रुपये के कैश अवार्ड खिलाड़ियों को दिए गए हैं.

खेल मंत्री ने यह भी बताया कि सीएम मनोहर लाल ने नई योजना शुरू की है. इस नई योजना में स्टेडियम की मैपिंग की जाएगी. जहां जरूरत है वहां स्टेडियम और खेल मैदान बनाए जाएंगे.उन्होंने कहा कि मैं एक खिलाड़ी के तौर पर यह कहना चाहता हूँ पंजाब में ऐसी सरकार बने जो खिलाड़ियों के लिए कुछ करे. खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री हर खिलाड़ी से खुद मिलते हैं. पहले ओलंपिक संघ के अध्यक्ष तक भी खिलाड़ियों से नहीं मिलते थे. हमने मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की जो जल संरक्षण की बहुत बड़ी योजना है. हमने 2021 में आउटस्टेंडिंग पॉलिसी बनाई है. इसके अलावा हरियाणा में 26 नेशनल कोच रखे हैं. यही नहीं आने वाले दो महीने में 200 और नए कोच रखने जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-खेलों को बढ़वा देने के साथ युवाओं के कौशल विकास के लिए उठाए जा रहे हैं अनेक कदम- संदीप सिंह

संदीप सिंह ने बताया कि साल 2000 में मुझे गोली लगी लेकिन मैं रिकवर हुआ. कई बार इंजरी से रिकवरी नहीं मिलती. इसलिए हम नार्थ इंडिया नक सबसे बड़ा रिहैब सेंटर बना रहे हैं. पूरे प्रदेश में 5 रिहैब सेंटर बनाये जा रहे हैं. हरियाणा में सर्कल कबड्डी खिलाड़ियों को भी नौकरी दी जाती है. ब्लाइंड क्रिकेट खिलाड़ियों को भी नौकरी दी जाती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय के लिए काफी कुछ किया है. श्री करतारपुर कॉरिडोर मोदी सरकार की देन हैं. जब कॉरिडोर खुला तो मैं भी पहले दिन दर्शन करने गया था.

खेल मंत्री ने बताया कि हमारा परिवार भी बंटवारे से पहले लाहौर में रहता था. इससे पहले CAA का कानून बना तो ये कहा गया नागरिकता छीनी जाएगी लेकिन नागरिकता छीनी नहीं बल्कि दी जा रही है. अफगानिस्तान से तमाम सिख परिवारों को भारत लाया गया. श्री गुरु ग्रंथ साहिब को वहां से भारत लाया गया. लंगर पर यहां जीएसटी लगता था उसे खत्म किया गया. गुरु नानक देव जी के 500 वें प्रकाश पर्व पर सुल्तान पुर लोधी को हेरिटेज सिटी घोषित किया गया है.

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Last Updated : Jan 17, 2022, 1:41 PM IST
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