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सोनीपत शराब घोटाला: आरोपी जितेंद्र की जमानत याचिका पर 7 अगस्त को हाई कोर्ट में सुनवाई

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने सोनीपत शराब घोटाले मामले में हरियाणा सरकार को जांच पड़ताल की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी.

sonipat liquor scam
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Published : Aug 5, 2020, 10:54 AM IST

सोनीपत: सोनीपत शराब घोटाले मामले में मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह के भाई जितेंद्र ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर रखी है. जिसमें पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से जितेंद्र को अंतरिम राहत दी है. मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी.

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को जांच पड़ताल की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तक हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक बरकरार रखने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी.

आरोपी जितेंद्र की जमानत याचिका पर 7 अगस्त को हाई कोर्ट में सुनवाई

आपको बता दें कि मुख्य आरोपी भूपेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से ही जितेंद्र फरार चल रहा था और निचली अदालत ने भी उसकी अग्रिम जमानत की मांग को खारिज कर दिया था. ये मामला सामने आने के बाद पुलिस ने भूपेंद्र सिंह, जितेंद्र ,सतीश, संदीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र ने बाद में खरखौदा थाने में सरेंडर कर दिया था.

कैसे हुई तस्करी?

सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक, खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़ें- SYL पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का जवाब, 'दोनों सीएम की बैठक कराकर निकालेंगे रास्ता'

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रेकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात थी.

सोनीपत: सोनीपत शराब घोटाले मामले में मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह के भाई जितेंद्र ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर रखी है. जिसमें पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से जितेंद्र को अंतरिम राहत दी है. मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी.

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को जांच पड़ताल की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तक हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक बरकरार रखने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी.

आरोपी जितेंद्र की जमानत याचिका पर 7 अगस्त को हाई कोर्ट में सुनवाई

आपको बता दें कि मुख्य आरोपी भूपेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से ही जितेंद्र फरार चल रहा था और निचली अदालत ने भी उसकी अग्रिम जमानत की मांग को खारिज कर दिया था. ये मामला सामने आने के बाद पुलिस ने भूपेंद्र सिंह, जितेंद्र ,सतीश, संदीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र ने बाद में खरखौदा थाने में सरेंडर कर दिया था.

कैसे हुई तस्करी?

सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक, खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

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पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रेकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात थी.

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