चंडीगढ़: सिंघु बॉर्डर हत्याकांड (Singhu Border Lakhbir Singh Murder Case) में सोनीपत पुलिस ने मृतक लखबीर सिंह पर बेअदबी का मामला दर्ज (FIR registered against Lakhbir) किया है. कुंडली के डीएसपी राव बिरेंदर सिंह के मुताबिक निहंग सरदारों की ओर से शिकायत दर्ज करवाई गई थी, जिसके बाद लखबीर सिंह पर भी धार्मिक किताब की बेअदबी करने का मामला दर्ज हुआ है. पुलिस ने मृतक पर आपीसी की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस का दावा है कि वो इस मामले में तमाम सबूतों को ध्यान में रखते हुए हर एंगल से जांच रही है. अब बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या किसी मृतक पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है? अगर हां तो कैसे और फिर उससे क्या होगा? इन सवालों का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र ढुल से बातचीत की. ईटीवी भारत से बातचीत में रविंद्र ढुल ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने लखबीर सिंह पर जो बेअदबी का केस दर्ज किया है. मुझे नहीं लगता कि इस मामले में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई की जा सकती है.
भारत के कानून के मुताबिक जब कोई आरोपी मर जाता है, तो मृत्यु के बाद वो केस खत्म हो जाता है. इस मामले में तो आरोपी केस शुरू होने से पहले ही मर चुका है. उसकी हत्या भी हुई है. इस मामले में पुलिस ने 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया है. लखबीर की हत्या के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. ऐसे में हरियाणा पुलिस द्वारा मृतक पर बेअदबी का केस दर्ज करना राजनीतिक प्रोपेगेंडा हो सकता है, लेकिन कानूनी तौर पर उसके कोई मायने नहीं है. अगर इस मामले में साजिश की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया हो, तो एफआईआर दर्ज होना गलत नहीं है. यानी अगर इस केस में मृतक लखबीर को साजिश के तहत सोनीपत भेजे जाने और उससे बेअबदी करवाने की धाराओं में मामला दर्ज है, तो फिर मामला दर्ज किया जा सकता है, ताकि जांच के दायरे में उन सभी को लाया जाए, जिन लोगों ने उसे साजिश के तहत मौका ए वारदात पर भेजा था.
इस पूरे मामले में निहंग दावा कर रहे हैं कि किसी दूसरी पार्टी ने लखबीर नाम के शख्स को पैसे देकर वहां भेजा था. निहंगों का कहना है कि लखबीर सिंह को 30 हजार रुपये देकर भेजा गया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद है और हमारे पास इसका सबूत भी है. निहंगों शिकायत पर फिलहाल सोनीपत पुलिस ने मृतक लखबीर के खिलाफ बेअदबी का मामला दर्ज कर लिया है. निहंगों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है.
शुरू से समझिए पूरा मामला: 15 अक्टूबर को सिंघु बॉर्डर पर 35 साल के शख्स की बेरहमी से हत्या कर दी गई. हत्या का आरोप निहंगों (Nihangs killed man Singhu Border) पर लगा. इस पूरे मामले में कई वीडियो पर सोशल मीडिया पर वायरल (Video viral man death on Singhu border) हुए एक वीडियो में निहंग दावा कर रहे थे कि इस शख्स को साजिश के तहत यहां भेजा गया था. उसे पैसे देकर किसी ने सिंघु बॉर्डर पर भेजा था. जिसने भी इसको भेजा पूरी ट्रेनिंग के साथ भेजा था. वीडियो में निहंग ये भी दावा कर रहे हैं कि शख्स ने यहां पवित्र धार्मिक किताब की बेअदबी करने की कोशिश की.
खबर है कि जैसे ही निहंगों को इसका पता चला तो उन्होंने शख्स को पकड़ लिया. घसीटते हुए निहंग शख्स को मंच के पास ले गए. जहां निहंगों ने शख्स से पूछताछ की. शख्स से पूछा गया कि उसे किसने भेजा, कितने रुपये दिए और उसके गांव का नाम क्या है. खबर है कि इस दौरान निहंगों ने शख्स का हाथ कलाई से काट दिया. निहंगों ने शख्स का पैर भी काटा. वीडियो में निहंग इसका दावा भी करते सुनाई दे रहे हैं. इसके बाद निहंगों ने शख्स को बैरिकेड के साथ लटका दिया. मामले में चार निहंग सिंह पुलिस के सामने सिरेंडर कर चुके हैं. जिनमें से सरबजीत नाम के आरोपी को कोर्ट ने 7 दिन और बाकी तीन आरोपियों को कोर्ट ने 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है.