चंडीगढ़: रिश्वत मामले में फंसी मनीमाजरा थाने की पूर्व एसएचओ जसविंदर कौर को मंगलवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने जसविंदर कौर की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है.
जसविंदर कौर पर धोखाधड़ी एक केस दर्ज करने की धमकी देकर पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. इस मामले में सीबीआई ने पूर्व एसएचओ पर केस दर्ज कर लिया था. फिलहाल जसविंदर कौर अभी फरार हैं, वहीं इससे पहले जिला अदालत भी उनकी अग्रिम जमानत की मांग खारिज कर चुकी है.
क्या है मामला?
बता दें कि मनीमाजरा के मॉडर्न हाउसिंग कंपलेक्स निवासी गुरदीप सिंह ने सीबीआई में शिकायत दी थी कि एसएचओ ने पहले पुलिस भेज कर और फिर खुद अपने फोन कर उसे ऑफिस बुलाया. जब वह पुलिस स्टेशन पहुंचा तो संगरूर निवासी रणधीर सिंह और एसएचओ का जानकार भगवान सिंह वहां मौजूद थे. एसएचओ ने कहा कि रणधीर ने शिकायत दी थी कि उसकी पत्नी को हरियाणा में ईटीओ लगवाने के लिए उसने 28 लाख रुपये लिए हैं. गुरदीप ने इस आरोप को खारिज कर दिया. उनका इन लोगों से कोई दूसरा मसला है.
याची ने लगाया धमकाने का आरोप
गुरदीप का आरोप है कि इस मामले में एसएचओ ने उसे धमकी दी और कहा कि वह पैसे दे, नहीं तो केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लेंगी. वह रणबीर को करीब 23 लाखों रुपये चक्की दरिया अदा करता रहेगा.
जसविंदर ने अपने हिस्से के पांच लाख रुपये भगवान सिंह को कैश देने को कहा उसने दो लाख रुपये 26 जून को दे दिए. उसने तीन लाख रुपये एक जुलाई से पहले देने की बात की थी. तीन लाख एसएचओ के कहने पर गुरदीप सिंह ने भगवान सिंह को दिए. इसी दौरान सीबीआई ने उसे दबोच लिया. सीबीआई ने एसएचओ जसविंदर कौर के घर सरकारी घर और ऑफिस में रेड की थी, लेकिन वह नहीं मिली.
चंडीगढ़ डीजीपी और सीबीआई जवाब तलब
इस मामले में चंडीगढ़ निवासी प्रेम सिंह बिष्ट की एक याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन डीजीपी और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. बिष्ट ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत 19 जून को सेक्टर 39 पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था.
बिष्ट ने आरोप लगाया है कि जसविंदर कौर के खिलाफ गवाही नहीं देने के लिए चंडीगढ़ पुलिस के कुछ पुलिसकर्मी धमका रहे थे. उसने आरोप लगाया कि कहना नहीं मानने पर झूठे ड्रग के मामले में फंसाने की धमकी भी दे रहे थे.
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