चंडीगढ़: भारतीय महिला क्रिकेट की 5 खिलाड़ी इंग्लैंड की लीग 'द हंड्रेड' में हिस्सा लेंगी. इसमें हरियाणा की शैफाली वर्मा भी शामिल हैं. विस्फोटक बल्लेबाज शेफाली वर्मा हरमनप्रीत कौर, जेमिमा रॉड्रिग्स, स्मृति मंधाना और दीप्ति शर्मा के साथ लीग खेलेंगी. बता दें कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आम तौर पर अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता, लेकिन इन सभी को खास तौर पर इजाजत दी गई है.
हरियाणा के रोहतक जिले की हैं रहने वालीं
शैफाली वर्मा हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली हैं. शैफाली दाएं हाथ की बल्लेबाज हैं और साथ ही दाएं हाथ से ऑफ स्पिन भी करती हैं. शैफाली ने रोहतक में ही एक एकेडमी में क्रिकेट सीखा है. उन्होंने साल पहले खेलना शुरू किया और हरियाणा के लिए अब तक तीन सत्र खेल चुकी हैं.
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तोड़ा था 'क्रिकेट के भगवान' का रिकॉर्ड
जब शैफाली पंद्रह साल की थी तो उस वक्त वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अर्धशतक जड़ने वाली भारत की सबसे युवा खिलाड़ी बन गई थी. उन्होंने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था. शैफाली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 49 गेंद में 73 रन की पारी खेली थी.
शैफाली ने ये उपलब्धि 15 साल और 285 दिन की उम्र में हासिल की थी. इस तरह उन्होंने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ा, जिन्होंने अपना पहला टेस्ट अर्धशतक 16 साल और 214 दिन की उम्र में बनाया था.
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लड़का बनकर सालों तक खेला क्रिकेट
शैफाली की जिंदगी में एक ऐसा दौर भी था जब उन्हें लड़का बनकर क्रिकेट खेलना पड़ा था. वो अपने शुरुआती दौर में अपने भाई की टी शर्ट पहनकर क्रिकेट खेला करती थी. ऐसा इसलिए क्योंकि उस वक्त शैफाली के होम टाउन में लड़कियों के खेलने के लिए कोई एकेडमी नहीं बनाई गई थी. जिसके बाद शैफाली के पिता ने उसके बाल कटवाकर लड़कों की एकेडमी में दाखिला दिलवाया औ कई सालों तक लड़का बनकर उन्हें खिलाया.
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... जब ग्लव्स और बैट खरीदने के लिए नहीं थे पैसे
एक ऐसा वक्त भी था जब शैफाली के पास खेलने के लिए ग्लव्स भी नहीं थे. ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में शैफाली के पिता संजीम वर्मा ने बताया था कि एक समय ऐसा आया था कि जब उनकी जेब में केवल 280 रुपये थे. उसी दौरान बेटी भी घर के हालातों को समझकर अपने लिए नया बैट और ग्लव्स की बात कह ही नहीं सकी और फटे पुराने ग्लव्स और बैट से चुपचाप खेलती रही.
फटे ग्लव्स पहनकर खेला था क्रिकेट
शैफाली के पिता संजीव वर्मा ने ये भी बताया कि शैफाली फटे पुराने ग्लव्स पहना करती थी. जब भी शैफाली कहीं खेलने जाती थी तो ग्लव्स को किट के अंदर ही पहन लेती थी. ताकि दूसरे किसी खिलाड़ी साथी को पता न चल सके.