चंडीगढ़: ई टेंडरिंग के मुद्दे पर हरियाणा सरकार और सरपंचों के बीच चली बैठक खत्म हो गई है. शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ सरपंचों की बैठक नहीं हो पाई. जिसके बाद सरपंचों ने डीआईजी ओपी नरवाल के साथ बैठक की. बैठक में सीएम के पब्लिसिटी सेल के अध्यक्ष तरुण भंडारी मौजूद रहे. लगभग दो दिन से चली इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद सरपंचों ने शनिवार को सीएम आवास के घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है.
अब हरियाणा सरपंच एसोसिएशन 17 मार्च को हरियाणा विधानसभा का घेराव करेगी. हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष बलबीर सिंह समैण ने कहा कि उनका गांव देहात बचाव अभियान जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हमने करनाल में सीएम आवास का घेराव स्थगित किया है. अब 17 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा. बता दें कि 17 मार्च से हरियाणा विधानसभा बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो रहा है.
बजट सत्र के दिन सरपंच हरियाणा विधानसभा का घेराव करेंगे. बलबीर समैण ने सरपंच साथियों से अपील की है कि वो गांव बचाओ, देहात बचाओ अभियान के लिए उनका साथ दें. समैण ने कहा कि जो मुद्दे थे. उन पर सहमति नहीं बनी है. राइट टू रिकॉल और ई टेंडरिंग पर हमारी सरकार से सहमति नहीं बन पाई है. सेंटर की तरफ से हमने 29 पूर्ण अधिकार देने की मांग की है. कई राज्यों ने संविधान की तरफ से जो अधिकार दिए हैं, उन्हें लागू किया गया है.
उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी कि सरपंचों का वेतन 30 हजार रुपये करें. मगर सरकार ने 5 हजार का प्रस्ताव रखा था. उन्होंने कहा कि मानदेय इतना बड़ा मुद्दा नहीं था, बाकी अहम मुद्दे भी थे. जिन पर सहमति नहीं बन पाई. सरकार की तरफ से कहा गया कि दो की जगह हम 5 लाख रुपये तक की छूट दे सकते हैं. जिससे सरपंच दो की जगह अब 5 लाख रुपये तक के काम खुद करवा पाएगा. इससे ज्यादा के काम ई टेंडरिंग के जरिए किए जाएंगे. सरपंचों के मुताबिक जब तक ई टेंडरिंग की प्रक्रिया वापस नहीं हो जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.