चंडीगढ़: ई टेंडरिंग और राइट-टू-रिकॉल जैसी कई मांगों को लेकर विरोध कर रहे सरपंचों ने 17 मार्च को विधानसभा के घेराव का ऐलान कर रखा है. ऐसे में सरकार उनको मनाने के लिए फिर से प्रयास तेज कर रही है. इसी के तहत सरपंचों को एक बार फिर चंडीगढ़ में बैठक के लिए बुलाया गया है. बैठक का समय अभी तय नहीं हुआ है लेकिन आज अधिकारियों और सरपंचों की बैठक होनी तय मानी जा रही है.
माना जा रहा है कि आज की बैठक में मुख्यमंत्री के साथ पिछले दो दौर की बैठकों में जिन बातों को लेकर दोनों पक्षों में सहमति बनी थी उसी पर चर्चा को आगे बढ़ाया जायेगा. खबर है कि 10 मार्च को हुई बैठकों में सरपंचों को 2 लाख की जगह 5 लाख तक के काम करवाने की छूट देने के प्वाइंट पर सहमति बन गई थी. इसके अलावा सरपंचों को 5 हजार मासिक भत्ता दिए जाने की मांग पर भी सरकार सहमत हो गई थी. हालांकि इसकी किसी ने अधिकारिक पुष्टि नहीं की थी.
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चंडीगढ़ में सरपंचों के साथ बैठक के बाद 10 मार्च को सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि कई मुद्दों पर सहमति बन गई है लेकिन सरपंच एसोसिएशन ने किसी भी सहमति से इनकार कर दिया था. मुख्यमंत्री के साथ सरपंचों की दो दौर की वार्ता भी हुई थी. इसके बाद अधिकारियों ने भी सरपंचों के साथ मीटिंग की थी. लेकिन कोई समझौता न बनने के बाद सरपंचों ने 17 मार्च को विधानसभा के घेराव का ऐलान कर दिया था.
हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की सरकार के साथ सहमति नहीं बनने पर एसोसिएशन के अध्यक्ष बलबीर सिंह समैण ने कहा था कि उनका गांव देहात बचाओ अभियान जारी रहेगा. हालांकि उन्होंने करनाल में सीएम मनोहर लाल के आवास के घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था. समैण ने साफ कहा था कि राइट टू रिकॉल और ई टेंडरिंग पर हमारी सहमति नहीं बनी है, इसलिए 17 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जायेगा.
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