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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा: मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन और कोई विकल्प नहीं

इस बीच दिल्ली टैक्सी यूनियन और ट्रक यूनियन ने किसानों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो वो (दिल्ली टैक्सी और ट्रक यूनियन) 3 दिसंबर से हड़ताल पर जाएंगे.

sanyukt kisan morcha press conference
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Published : Nov 30, 2020, 5:58 PM IST

Updated : Nov 30, 2020, 7:13 PM IST

चंडीगढ़: सोमवार को हरियाणा-दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें किसानों ने कहा कि हमने रविवार को सरकार के कंडीशनल इनविटेशन को रद्द कर दिया था. क्योंकि बीजेपी के मुंह में राम और बलग में छुरी है.

खबर आ रही थी कि कई केंद्रीय मंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से बातचीत की है. इसपर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने कहा कि ये संघर्ष अकेले हरियाणा और पंजाब के किसानों का नहीं बल्कि पूरे देश का संघर्ष है.

  • We couldn’t have meeting with farmers' organisations from all the states. We could only have it with 30 organisations from Punjab. We rejected the conditional invitation of Modiji: Jagmohan Singh, General secretary, Bharti Kisan Union (Dakaunda) at Singhu Border (Delhi-Haryana) pic.twitter.com/NCZokz4gMQ

    — ANI (@ANI) November 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश हुआ- योगेंद्र यादव

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि आज तीर्थ करने वाले किसान, बांट कर खाने वाले किसान, इस देश में अपनी छाप छोड़ने के लिए खड़े हैं. ये एतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि पहले महेंद्र सिंह टिकैत लाखों किसानों को लेकर आए थे. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से पांच झूठ का पर्दाफाश हुआ है.

पहला कहा गया कि नए कानूनों का विरोध किसान नहीं कर रहे, बिचौलिए कर रहे हैं. लेकिन अब इस झूठ का पर्दाफाश हो गया है. बेचारे किसानों को तो पता ही नहीं है कि इनको बरगलाया जा रहा है. ये झूठ फैलाया जा रहा है. सिर्फ मोदी जी को और नीति आयोग को पता है. आज पंजाब के बच्चे-बच्चे को ये पता है. तीसरा झूठ ये सिर्फ पंजाब का आंदोलन है. मगर जान लें इस आंदोलन में पूरे देश के किसान शामिल हैं.

पहले ये कहा गया था कि इस आंदोलन की लिडरशिप नहीं है. योगेंद्र ने कहा कि हरियाणा और पंजाब के 30 किसान संगठनों का एक समूह है. जो राजाना बैठक करता है. इतना लोकतंत्र कहीं नहीं होगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त किसान मोर्चा बनाया गया था और इस संयुक्त किसान मोर्चा की लीडरशिप में ये पूरा किसानों आंदोलन चल रहा है.

योगेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री के खालिस्तानी वाले बयान की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर ने ये बयान बिल्कुल गलत दिया है. बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि 'हो सकता है कि इस आंदोलन में खालिस्तानी हों. इसकी जांच की जा रही है. हमारे पास ऐसे सबुत भी मिले हैं. अगर ऐसा मिला तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

प्रेस कॉन्फ्रेंस मे किसानों ने क्या कहा?

  • हमारी किसी केंद्रीय मंत्री से कोई बात नहीं हुई है
  • मांगे नहीं माने जाने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
  • हरियाणा के किसानों का किया धन्यवाद
  • 'हरियाणा के किसानों की वजह से हम दिल्ली पहुंचे'
  • सिर्फ पंजाब के किसान नहीं बल्कि देश के किसान कर रहे प्रदर्शन
  • 30 किसान संगठनों का एक समूह रोजाना करता है बैठक

ये भी पढ़ें- किसानों के समर्थन में विधायक सोमबीर सांगवान ने पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा

वहीं भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा में इस किसान आंदोलन को कुचलने के लिए कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. बैरिकेड तोड़ने पर किसानों और किसान नेताओं के खिलाफ 307 तक के मामले दर्ज हुए हैं. आज हरियाणा में किसान आंदोलन चरम पर है, खाप पंचायतें भी दिल्ली कूच कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ये कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि कॉरपोरेटर्स के लिए बनाए गए हैं.

चंडीगढ़: सोमवार को हरियाणा-दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें किसानों ने कहा कि हमने रविवार को सरकार के कंडीशनल इनविटेशन को रद्द कर दिया था. क्योंकि बीजेपी के मुंह में राम और बलग में छुरी है.

खबर आ रही थी कि कई केंद्रीय मंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से बातचीत की है. इसपर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने कहा कि ये संघर्ष अकेले हरियाणा और पंजाब के किसानों का नहीं बल्कि पूरे देश का संघर्ष है.

  • We couldn’t have meeting with farmers' organisations from all the states. We could only have it with 30 organisations from Punjab. We rejected the conditional invitation of Modiji: Jagmohan Singh, General secretary, Bharti Kisan Union (Dakaunda) at Singhu Border (Delhi-Haryana) pic.twitter.com/NCZokz4gMQ

    — ANI (@ANI) November 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश हुआ- योगेंद्र यादव

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि आज तीर्थ करने वाले किसान, बांट कर खाने वाले किसान, इस देश में अपनी छाप छोड़ने के लिए खड़े हैं. ये एतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि पहले महेंद्र सिंह टिकैत लाखों किसानों को लेकर आए थे. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से पांच झूठ का पर्दाफाश हुआ है.

पहला कहा गया कि नए कानूनों का विरोध किसान नहीं कर रहे, बिचौलिए कर रहे हैं. लेकिन अब इस झूठ का पर्दाफाश हो गया है. बेचारे किसानों को तो पता ही नहीं है कि इनको बरगलाया जा रहा है. ये झूठ फैलाया जा रहा है. सिर्फ मोदी जी को और नीति आयोग को पता है. आज पंजाब के बच्चे-बच्चे को ये पता है. तीसरा झूठ ये सिर्फ पंजाब का आंदोलन है. मगर जान लें इस आंदोलन में पूरे देश के किसान शामिल हैं.

पहले ये कहा गया था कि इस आंदोलन की लिडरशिप नहीं है. योगेंद्र ने कहा कि हरियाणा और पंजाब के 30 किसान संगठनों का एक समूह है. जो राजाना बैठक करता है. इतना लोकतंत्र कहीं नहीं होगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त किसान मोर्चा बनाया गया था और इस संयुक्त किसान मोर्चा की लीडरशिप में ये पूरा किसानों आंदोलन चल रहा है.

योगेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री के खालिस्तानी वाले बयान की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर ने ये बयान बिल्कुल गलत दिया है. बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि 'हो सकता है कि इस आंदोलन में खालिस्तानी हों. इसकी जांच की जा रही है. हमारे पास ऐसे सबुत भी मिले हैं. अगर ऐसा मिला तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

प्रेस कॉन्फ्रेंस मे किसानों ने क्या कहा?

  • हमारी किसी केंद्रीय मंत्री से कोई बात नहीं हुई है
  • मांगे नहीं माने जाने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
  • हरियाणा के किसानों का किया धन्यवाद
  • 'हरियाणा के किसानों की वजह से हम दिल्ली पहुंचे'
  • सिर्फ पंजाब के किसान नहीं बल्कि देश के किसान कर रहे प्रदर्शन
  • 30 किसान संगठनों का एक समूह रोजाना करता है बैठक

ये भी पढ़ें- किसानों के समर्थन में विधायक सोमबीर सांगवान ने पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा

वहीं भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा में इस किसान आंदोलन को कुचलने के लिए कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. बैरिकेड तोड़ने पर किसानों और किसान नेताओं के खिलाफ 307 तक के मामले दर्ज हुए हैं. आज हरियाणा में किसान आंदोलन चरम पर है, खाप पंचायतें भी दिल्ली कूच कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ये कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि कॉरपोरेटर्स के लिए बनाए गए हैं.

Last Updated : Nov 30, 2020, 7:13 PM IST
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