चंडीगढ़: फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह (Milkha Singh) के निधन से हर कोई स्तब्ध है. उनके निधन की सूचना के बाद से देशभर में शोक की लहर है. भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह (Sandeep singh Sports minister Haryana) ने भी मिल्खा सिंह के निधन पर दुख प्रकट किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान खेल मंत्री संदीप सिंह ने मिल्खा सिंह के साथ अपने अनुभव और यादें भी साझा की.
खेल मंत्री संदीप सिंह ने उनके साथ बिताए हुए लम्हों को याद करते हुए बताया कि मिल्खा सिंह के साथ उनकी फिल्ड में आखिरी मुलाकात साल 2014 में नेशनल स्टेडियम के अंदर हुई. तब संदीप सिंह अपनी इंजरी से उबर रहे थे. संदीप सिंह ने बताया कि वो मुझे बेटे के समान मानते थे. उन्होंने मुझसे कहा कि खिलाड़ी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. लेकिन कभी खिलाड़ी का टारगेट मिस नहीं होना चाहिए.
संदीप सिंह ने कहा कि उनका ये सपना था कि हॉकी में टीम इंडिया नंबर वन पर आए. सिर्फ हॉकी ही नहीं, बल्कि हर गेम में अव्वल नंबर पर आए. इसके लिए एक दिन या एक सप्ताह नहीं बल्कि कई सालों की मेहनत लगेगी. अगर हम सब मिलकर मेहनत करेंगे तो हमारा देश स्पोर्ट्स में ऊपर आएगा. संदीप सिंह ने बताया कि ये मिल्खा सिंह के उनकी मुलाकात के दौरान आखिरी शब्द थे.
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खेल मंत्री ने कहा कि अंतिम समय भी वो बीमारी से मजबूत योद्धा के रूप में लड़े, लेकिन शायद ईश्वर को यही मंजूर था. संदीप सिंह ने कहा मिल्खा सिंह का ना केवल खेल कैरियर, बल्कि उनका पूरा जीवन देश के युवाओं के लिए एक बड़ा प्रेरणा स्रोत है. उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा है. उनके जीवन पर बनी फिल्म भी बहुत से खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनी है.