चंडीगढ़: हरियाणा में खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. बीते तीन महीनों में 8 खिलाड़ियों की हत्या (haryana player murder) हो चुकी है. इसको लेकर विपक्ष ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया. वहीं अब खेल मंत्री संदीप सिंह ने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर सरकार की नीति साफ की है.
खेल मंत्री संदीप सिंह (sports minister sandeep singh) ने ईटीवी भारत के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि यमुनानगर और रोहतक से ऐसी शिकायतें सामने आई थी जिनमें कुछ स्थानीय युवक खिलाड़ियों को परेशान करते थे. उन्हें ट्रैक पर प्रैक्टिस करने से भी मना करते थे और धमकियां देते थे. कई जगह ये भी सामने कि कुछ अपराधिक छवि के युवक फील्ड पर हथियार लाते थे.
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संदीप सिंह ने बताया कि इन सभी शिकायतों को ध्यान में रखते हुए खेल विभाग ने स्थानीय जिला उपायुक्त और एसपी से बात की. डीसी और एसपी को निर्देश दिए गए कि पुलिस के साथ खिलाड़ियों की सुरक्षा पर ध्यान दें. साथ ही जहां भी ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं वहां खुद जाकर निरीक्षण करें. संदीप सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है.
खिलाड़ियों के होस्टल को लेकर क्या बोले संदीप सिंह?
खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह खेल विभाग ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (manohar lal) के साथ बैठक की थी. बैठक में ये फैसला लिया गया कि जितने भी प्राइवेट होस्टल हैं, उनको सुरक्षा के मानदंड का पालन करना होगा. होस्टल में खिलाड़ियों की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जाएगा.
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संदीप सिंह ने कहा कि जिन भी होस्टल्स में सीसीटीवी कैमरे नहीं होंगे और साथ ही सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाएगा उनको लाइसेंस नहीं दिया जाएगा. होस्टल संचालक की जिम्मेदारी होगी कि खिलाड़ियों की सुरक्षा में कोई चूक ना हो. खिलाड़ी गेम्स में व्यस्त होते हैं. ऐसे में उनकी जिंदगी का ध्यान रखने का काम हमारा है. संदीप सिंह ने कहा कि जो भी कोई सुरक्षा के मानदंडों का पालन नहीं करेगा, उसे होस्टल खोलने नहीं दिया जाएगा.
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