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किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ: देशभर में राजभवन का घेराव करेंगे किसान, संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान

26 नवंबर को किसान देशभर में राजभवन का घेराव (farmers protest at raj bhavan) कर प्रदर्शन करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस प्रदर्शन का ऐलान किया है. किसान आंदोलन के दो साल पूरे होने पर ये प्रदर्शन किया जाएगा. किसानों का आरोप है सरकार ने उनसे किए वादों को पूरा नहीं किया.

samyukt kisan morcha farmers protest
samyukt kisan morcha farmers protest
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Published : Nov 25, 2022, 6:56 PM IST

चंडीगढ़: 26 नवंबर को किसान आंदोलन को दो साल पूरे (farmer movement commemoration) हो जाएंगे. इस आंदोलन खत्म हुए करीब एक साल होने को है. किसानों के मुताबिक अभी तक सरकार ने उनकी मांगे पूरी नहीं की है. लिहाजा किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ पर किसान देशभर में राजभवन का घेराव करेंगे.

जिसके तहत राजभवन का मार्च (farmers protest at raj bhavan) किया जाएगा और राज्यपाल को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा जाएगा. गौरतलब है कि आंदोलन खत्म करते वक्त संयुक्त किसान मोर्चा और सरकार के बीच एक समझौता हुआ था. जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी कई मांगों को रखा था. जिसके बाद सरकार और किसानों के बीच आंदोलन समाप्त करने को लेकर सहमति बनी थी.

किसानों की मांग: किसानों की प्रमुख मांगों में है मिनिमम स्पोर्ट प्राइस यानी एमएसपी. किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें सभी फसलों पर कानूनी तौर पर एमएसपी की गारंटी दे. यानी सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत सीटू+50% न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग किसान कर रहे हैं. किसानों का कहना कि अभी तक सरकार ने एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनाया है. उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है.

कर्ज माफी की मांग: किसान लगातार उनके ऊपर चल रहे कर्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं. देशभर में कर्ज की वजह से कई किसान आत्महत्या कर चुके चुके हैं. ऐसे में किसान लगातार किसानों के कर्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं. किसान एक व्यापक श्रण माफी योजना के माध्यम से कर्ज मुक्ति चाहते हैं. इसके अलावा किसान बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार का बिजली संशोधन विधेयक 2022 का उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों को बढ़ावा देने का है. वहीं किसान लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की मौत के बाद से मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करें.

फसल बीमा की मांग: देश में हर साल खराब मौसम की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. कभी आंधी, कभी तूफान, कभी बारिश और कभी सूखे की वजह से फसलों को नुकसान पहुंचाता है. प्राकृतिक आपदाओं की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है. जिसकी शीघ्र क्षतिपूर्ति के लिए व्यापक एंव प्रभावी फसल बीमा योजना की किसान संगठन मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा छोटे किसानों को पेंशन देने की मांग कर रहा है.

ये भी पढ़ें- कुरुक्षेत्र में यूरिया खाद की कमी: विक्रेताओं पर कालाबाजारी का आरोप, किसानों ने रोड जाम कर किया प्रदर्शन

किसान संगठनों की मांग है कि सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को ₹5000 की किसान पेंशन दी जाए. किसानों के मुताबिक उनकी ये मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई है. लिहाजा संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन के दूसरे वर्षगांठ के अवसर पर देशभर में प्रदर्शन करेगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ किया अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वो फिर से आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे.

चंडीगढ़: 26 नवंबर को किसान आंदोलन को दो साल पूरे (farmer movement commemoration) हो जाएंगे. इस आंदोलन खत्म हुए करीब एक साल होने को है. किसानों के मुताबिक अभी तक सरकार ने उनकी मांगे पूरी नहीं की है. लिहाजा किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ पर किसान देशभर में राजभवन का घेराव करेंगे.

जिसके तहत राजभवन का मार्च (farmers protest at raj bhavan) किया जाएगा और राज्यपाल को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा जाएगा. गौरतलब है कि आंदोलन खत्म करते वक्त संयुक्त किसान मोर्चा और सरकार के बीच एक समझौता हुआ था. जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी कई मांगों को रखा था. जिसके बाद सरकार और किसानों के बीच आंदोलन समाप्त करने को लेकर सहमति बनी थी.

किसानों की मांग: किसानों की प्रमुख मांगों में है मिनिमम स्पोर्ट प्राइस यानी एमएसपी. किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें सभी फसलों पर कानूनी तौर पर एमएसपी की गारंटी दे. यानी सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत सीटू+50% न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग किसान कर रहे हैं. किसानों का कहना कि अभी तक सरकार ने एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनाया है. उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है.

कर्ज माफी की मांग: किसान लगातार उनके ऊपर चल रहे कर्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं. देशभर में कर्ज की वजह से कई किसान आत्महत्या कर चुके चुके हैं. ऐसे में किसान लगातार किसानों के कर्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं. किसान एक व्यापक श्रण माफी योजना के माध्यम से कर्ज मुक्ति चाहते हैं. इसके अलावा किसान बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार का बिजली संशोधन विधेयक 2022 का उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों को बढ़ावा देने का है. वहीं किसान लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की मौत के बाद से मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करें.

फसल बीमा की मांग: देश में हर साल खराब मौसम की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. कभी आंधी, कभी तूफान, कभी बारिश और कभी सूखे की वजह से फसलों को नुकसान पहुंचाता है. प्राकृतिक आपदाओं की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है. जिसकी शीघ्र क्षतिपूर्ति के लिए व्यापक एंव प्रभावी फसल बीमा योजना की किसान संगठन मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा छोटे किसानों को पेंशन देने की मांग कर रहा है.

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किसान संगठनों की मांग है कि सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को ₹5000 की किसान पेंशन दी जाए. किसानों के मुताबिक उनकी ये मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई है. लिहाजा संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन के दूसरे वर्षगांठ के अवसर पर देशभर में प्रदर्शन करेगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ किया अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वो फिर से आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे.

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