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सागर हत्याकांड: सुशील कुमार की कोर्ट में हुई पेशी, 4 दिन की पुलिस रिमांड बढ़ाई

सागर हत्याकांड (Sagar Murder Case) के मुख्य आरोपी सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) की आज छह दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने पर उसे दिल्ली की रोहिणी कोर्ट (Rohini Court) में पेश किया गया. कोर्ट ने सुशील कुमार की पुलिस रिमांड चार दिन के लिए बढ़ा दी है.

Sagar Murder Case accused Sushil
Sagar Murder Case accused Sushil
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Published : May 29, 2021, 3:02 PM IST

Updated : May 29, 2021, 5:05 PM IST

चंडीगढ़/नई दिल्ली: सागर हत्याकांड (Sagar Murder Case) के मुख्य आरोपी सुशील कुमार की छह दिन की रिमांड अवधि आज समाप्त होने के बाद उसे दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से सुशील कुमार और उसके साथी अजय कुमार की सात दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी.

कोर्ट ने सुशील कुमार और उसके साथी अजय की पुलिस रिमांड चार दिन के लिए बढ़ा दी है. बता दें कि, छह दिन की रिमांड अवधि के दौरान उसके छह साथी गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन अभी 10 से ज्यादा आरोपी फरार हैं.

पढ़ें- पहलवान सुशील कुमार को झटका, मीडिया ट्रायल रोकने वाली याचिका HC में खारिज

गौरतलब है कि बीते 4 मई की देर रात छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर एवं उसके साथियों की बेरहमी से पिटाई की गई थी. इस पिटाई का वीडियो (Sagar rana death video) भी सामने आ चुका है, जिसमें सुशील कुमार को हाथ में डंडा जबकि उसके साथी के हाथ में पिस्तौल देखी जा सकती है. इस वारदात में सागर की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी, जबकि उसके 2 साथी घायल हुए थे.

वारदात का मुख्य आरोपी दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को बनाया गया है. इस वारदात में 15 से ज्यादा पहलवान शामिल थे. इस मामले में सुशील की गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उसे 6 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा था, जिसकी अवधि आज समाप्त होने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया.

सात दिन की पुलिस हिरासत मांगी

दिल्ली पुलिस की ओर से वकील आशीष काजल ने कहा कि अभी तक 8 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उन्होंने कोर्ट से सुशील कुमार और अजय कुमार की सात दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की. उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत के दौरान सुशील कुमार की निशानदेही पर पिस्तौल बरामद किया गया था.

उन्होंने कहा कि इस घटना का मास्टरमाइंड सुशील कुमार है. एक आरोपी के पास से वीडियो क्लिप मिला है. अभी वाहन और उसके मालिक के बारे में पता करना है. अब तक सात वाहन बरामद किए गए हैं. अभी और चार वाहनों का संबंध पता चला है.

पढ़ें- Sagar Pahalwan Murder: वीडियो के पीछे का 'काला सच', इसलिए सुशील ने करवाया था रिकॉर्ड

इस मामले में अभी जो फरार चल रहे हैं वे सभी आरोपी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. आरोपियों के मोबाइल फोन भी बरामद किए जाने हैं. वहीं इस मामले में 18 से 20 लोगों की संलिप्तता का पता चला है, जो आरोपी अभी फरार हैं उनके ठिकानों का पता लगाना है. जिन लोगों ने आरोपियों को छिपाया और उन्हें बचाने की कोशिश की उनका भी पता करना है. वकील ने कहा कि जांच एजेंसी को जांच करने के लिए और समय की जरुरत है.

छह दिन में दिल्ली पुलिस ने क्या किया

सुशील कुमार की ओर से वकील प्रदीप राणा ने कहा कि जब जांच अधिकारी को छह दिन की हिरासत दी गई तो उसने दूसरी एजेंसी को क्यों दे दिया. मॉडल टाउन के एसएसओ को हिरासत दी गई थी. जब तक जांच अधिकारी को केस डायरी के साथ उपस्थित नहीं किया जाता तब तक कोई दलील नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि छह दिनों में क्या किया गया. पुलिस कह रही है कि सुशील कुमार की लाइसेंसी पिस्तौल को जब्त किया गया जबकि उसका कोई उपयोग नहीं किया गया था.

मीडिया को वीडियो क्लिप दिए गए

राणा ने कहा कि इस मामले में वीडियो क्लिप मीडिया को दिए गए. सुशील कुमार के खिलाफ एक माहौल बनाया गया. ये तब हुआ जब वीडियो क्लिप के बारे में साक्ष्य अधिनियम की धारा 65बी का कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अब सुशील कुमार की पुलिस हिरासत की कोई जरुरत नहीं है. पुलिस कह रही है कि छत्रसाल स्टेडियम से डीवीआर रिकवर करना है, लेकिन उसमें सुशील कुमार की क्या जरुरत है. पुलिस ने अपनी हिरासत की मांग में कहीं ये नहीं बताया कि उसने छह दिनों में क्या किया.

डिस्क्लोजर स्टेमेंट मीडिया को कैसे मिले

राणा ने कहा कि दिशा रवि मामले में हाईकोर्ट ने पूछा था कि मीडिया को कैसे चीजें लीक की गई. मीडिया को डिस्लोजर स्टेटमेंट कैसे मिले. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि मैं ये नहीं कह रहा हूं कि मीडिया को रिपोर्ट करने का अधिकार नहीं है.

वहीं हाईकोर्ट ने सहयोग नहीं करने के मामले पर साफ कहा है कि इतने दिनों के हिरासत में रखने के बाद भी अगर पुलिस कहे कि आरोपी सहयोग नहीं कर रहा है तो वो जबरन आरोपी से आरोप कबूल करवाना चाहती है.

वसूली के लिए बदमाशों को बुलाया था

पिछले 23 मई को कोर्ट ने सुशील पहलवान और अजय कुमार को छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था. दिल्ली पुलिस की ओर से अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि इस मामले में एक व्यक्ति की मौत हुई है और चार घायल हुए हैं. सागर नामक जिस पहलवान की मौत हुई है वो राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था.

उन्होंने कहा था कि सोनू को छोड़कर सभी पहलवान अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहलवान थे. सोनू सुशील कुमार की पत्नी के फ्लैट में रहते थे. सोनू पर सुशील कुमार का बकाया था. उसे वसूलने के लिए सुशील कुमार ने असोदा गैंग के चार-पांच बदमाशों को बुलाया था. तीन बदमाशों को शालीमार बाग से लाया गया था और दो बदमाश मॉडल टाउन से लाए गए थे.

23 मई को मुंडका से गिरफ्तार किया गया था

बता दें कि, बीती 23 मई की सुबह दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार को मुंडका से गिरफ्तार किया था. रोहिणी कोर्ट ने 15 मई को सुशील पहलवान समेत नौ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने सुशील पहलवान पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी.

अभी तक 9 आरोपी गिरफ्तार

सागर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक कुल 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. इनमें से प्रिंस नामक आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया था, जबकि सुशील और अजय को मुंडका के पास से स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था.

इसके बाद चार आरोपियों को रोहिणी जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था. वहीं गुरुवार को पुलिस ने रोहित जबकि शुक्रवार को विजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में अब भी 10 से ज्यादा आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीम छापेमारी कर रही है.

पढ़ें- मृतक सागर की मां बोली- सुशील को फांसी की होनी चाहिए सजा, तभी मेरे बेटे को मिलेगा इंसाफ

चंडीगढ़/नई दिल्ली: सागर हत्याकांड (Sagar Murder Case) के मुख्य आरोपी सुशील कुमार की छह दिन की रिमांड अवधि आज समाप्त होने के बाद उसे दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से सुशील कुमार और उसके साथी अजय कुमार की सात दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी.

कोर्ट ने सुशील कुमार और उसके साथी अजय की पुलिस रिमांड चार दिन के लिए बढ़ा दी है. बता दें कि, छह दिन की रिमांड अवधि के दौरान उसके छह साथी गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन अभी 10 से ज्यादा आरोपी फरार हैं.

पढ़ें- पहलवान सुशील कुमार को झटका, मीडिया ट्रायल रोकने वाली याचिका HC में खारिज

गौरतलब है कि बीते 4 मई की देर रात छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर एवं उसके साथियों की बेरहमी से पिटाई की गई थी. इस पिटाई का वीडियो (Sagar rana death video) भी सामने आ चुका है, जिसमें सुशील कुमार को हाथ में डंडा जबकि उसके साथी के हाथ में पिस्तौल देखी जा सकती है. इस वारदात में सागर की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी, जबकि उसके 2 साथी घायल हुए थे.

वारदात का मुख्य आरोपी दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को बनाया गया है. इस वारदात में 15 से ज्यादा पहलवान शामिल थे. इस मामले में सुशील की गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उसे 6 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा था, जिसकी अवधि आज समाप्त होने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया.

सात दिन की पुलिस हिरासत मांगी

दिल्ली पुलिस की ओर से वकील आशीष काजल ने कहा कि अभी तक 8 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उन्होंने कोर्ट से सुशील कुमार और अजय कुमार की सात दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की. उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत के दौरान सुशील कुमार की निशानदेही पर पिस्तौल बरामद किया गया था.

उन्होंने कहा कि इस घटना का मास्टरमाइंड सुशील कुमार है. एक आरोपी के पास से वीडियो क्लिप मिला है. अभी वाहन और उसके मालिक के बारे में पता करना है. अब तक सात वाहन बरामद किए गए हैं. अभी और चार वाहनों का संबंध पता चला है.

पढ़ें- Sagar Pahalwan Murder: वीडियो के पीछे का 'काला सच', इसलिए सुशील ने करवाया था रिकॉर्ड

इस मामले में अभी जो फरार चल रहे हैं वे सभी आरोपी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. आरोपियों के मोबाइल फोन भी बरामद किए जाने हैं. वहीं इस मामले में 18 से 20 लोगों की संलिप्तता का पता चला है, जो आरोपी अभी फरार हैं उनके ठिकानों का पता लगाना है. जिन लोगों ने आरोपियों को छिपाया और उन्हें बचाने की कोशिश की उनका भी पता करना है. वकील ने कहा कि जांच एजेंसी को जांच करने के लिए और समय की जरुरत है.

छह दिन में दिल्ली पुलिस ने क्या किया

सुशील कुमार की ओर से वकील प्रदीप राणा ने कहा कि जब जांच अधिकारी को छह दिन की हिरासत दी गई तो उसने दूसरी एजेंसी को क्यों दे दिया. मॉडल टाउन के एसएसओ को हिरासत दी गई थी. जब तक जांच अधिकारी को केस डायरी के साथ उपस्थित नहीं किया जाता तब तक कोई दलील नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि छह दिनों में क्या किया गया. पुलिस कह रही है कि सुशील कुमार की लाइसेंसी पिस्तौल को जब्त किया गया जबकि उसका कोई उपयोग नहीं किया गया था.

मीडिया को वीडियो क्लिप दिए गए

राणा ने कहा कि इस मामले में वीडियो क्लिप मीडिया को दिए गए. सुशील कुमार के खिलाफ एक माहौल बनाया गया. ये तब हुआ जब वीडियो क्लिप के बारे में साक्ष्य अधिनियम की धारा 65बी का कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अब सुशील कुमार की पुलिस हिरासत की कोई जरुरत नहीं है. पुलिस कह रही है कि छत्रसाल स्टेडियम से डीवीआर रिकवर करना है, लेकिन उसमें सुशील कुमार की क्या जरुरत है. पुलिस ने अपनी हिरासत की मांग में कहीं ये नहीं बताया कि उसने छह दिनों में क्या किया.

डिस्क्लोजर स्टेमेंट मीडिया को कैसे मिले

राणा ने कहा कि दिशा रवि मामले में हाईकोर्ट ने पूछा था कि मीडिया को कैसे चीजें लीक की गई. मीडिया को डिस्लोजर स्टेटमेंट कैसे मिले. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि मैं ये नहीं कह रहा हूं कि मीडिया को रिपोर्ट करने का अधिकार नहीं है.

वहीं हाईकोर्ट ने सहयोग नहीं करने के मामले पर साफ कहा है कि इतने दिनों के हिरासत में रखने के बाद भी अगर पुलिस कहे कि आरोपी सहयोग नहीं कर रहा है तो वो जबरन आरोपी से आरोप कबूल करवाना चाहती है.

वसूली के लिए बदमाशों को बुलाया था

पिछले 23 मई को कोर्ट ने सुशील पहलवान और अजय कुमार को छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था. दिल्ली पुलिस की ओर से अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि इस मामले में एक व्यक्ति की मौत हुई है और चार घायल हुए हैं. सागर नामक जिस पहलवान की मौत हुई है वो राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था.

उन्होंने कहा था कि सोनू को छोड़कर सभी पहलवान अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहलवान थे. सोनू सुशील कुमार की पत्नी के फ्लैट में रहते थे. सोनू पर सुशील कुमार का बकाया था. उसे वसूलने के लिए सुशील कुमार ने असोदा गैंग के चार-पांच बदमाशों को बुलाया था. तीन बदमाशों को शालीमार बाग से लाया गया था और दो बदमाश मॉडल टाउन से लाए गए थे.

23 मई को मुंडका से गिरफ्तार किया गया था

बता दें कि, बीती 23 मई की सुबह दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार को मुंडका से गिरफ्तार किया था. रोहिणी कोर्ट ने 15 मई को सुशील पहलवान समेत नौ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने सुशील पहलवान पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी.

अभी तक 9 आरोपी गिरफ्तार

सागर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक कुल 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. इनमें से प्रिंस नामक आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया था, जबकि सुशील और अजय को मुंडका के पास से स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था.

इसके बाद चार आरोपियों को रोहिणी जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था. वहीं गुरुवार को पुलिस ने रोहित जबकि शुक्रवार को विजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में अब भी 10 से ज्यादा आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीम छापेमारी कर रही है.

पढ़ें- मृतक सागर की मां बोली- सुशील को फांसी की होनी चाहिए सजा, तभी मेरे बेटे को मिलेगा इंसाफ

Last Updated : May 29, 2021, 5:05 PM IST
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