चंडीगढ़: यूटी की आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत की जांच देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि स्थानीय पुलिस से जांच का अधिकार नहीं छीना जा सकता.
जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने पुलिस से जांच के नतीजे पर मामले की अगली सुनवाई पर एफिडेविट दायर करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा कि ये सही है कि आईजीपी ने 50 लाख से ज्यादा के अपराधों के लिए आर्थिक अपराध शाखा को जांच करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आर्थिक अपराध शाखा हर अपराधिक मामलों की जांच करें और स्थानीय पुलिस थाना इस मामले की जांच ना करें.
चंडीगढ़ सेक्टर 5 निवासी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि फैमिली प्रॉपर्टी के विवाद को लेकर पत्नी और बेटी ने उसकी शिकायत पुलिस थाने में की है. उसने भी इस संबंध में पत्नी और बेटी के खिलाफ शिकायत दी हुई है. याचिका में मांग की गई कि एसएसपी इन शिकायतों की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपे.
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याचिका में कहा कि आईजीपी ने निर्देश जारी कर रखे हैं कि पचास लाख से ज्यादा के अपराधिक मामलों की जांच आर्थिक अपराध शाखा करेगी. ऐसे में उनकी शिकायतों की जांच आर्थिक अपराध शाखा को दी जाए. हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि आर्थिक अपराध शाखा के पास सीमित संसाधन और स्टाफ है. ऐसे में जरूरी नहीं कि हर मामले की जांच वे करें.
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