चंडीगढ़: 2014 से भारतीय जनता पार्टी राज्य में शासन कर रही है. 2014 में विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर राज्य के पहले बीजेपी मुख्यमंत्री बने. कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ गठबंधन कर बीजेपी ने हरियाणा में 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और राज्य में अधिकतम सीटें जीती थीं. हालांकि, पार्टी ने HJC के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया और हरियाणा विधानसभा अकेले लड़ा.
2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस और INLD को हराकर हरियाणा में 7 सीटें जीतीं. राज्य में कुल 10 संसदीय सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस केवल एक सीट जीतने में सफल रही, जबकि आईएनएलडी ने बाकी की दो सीटों पर कब्जा कर लिया.
हरियाणा में 2014 के लोकसभा चुनाव 10 अप्रैल को हुए थे. बीजेपी को 39,93,527 वोट मिले, जो कुल वोटों का 34.84 प्रतिशत था. जबकि कांग्रेस 22.99 प्रतिशत वोटों के साथ राज्य में 26,34,905 वोट हासिल करने में सफल रही थी. INLD को 24.43 फीसदी वोट शेयर के साथ 27,99,899 वोट मिले. बीजेपी की सहयोगी एचजेसी ने सीट साझा समझौते के अनुसार 2 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे 7,03,698 वोट 6.14 प्रतिशत मिले. हालांकि, पार्टी ने चुनावों में उसके प्रमुख कुलदीप बिश्नोई अपनी ही सीट से चुनाव हार गए.
हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2014 में बीएसपी ने भी चुनाव लड़ा. बीएसपी को हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 4.60 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी ने अंबाला, करनाल, सोनीपत, भिवानी-महेंद्रगढ़, कुरुक्षे, गुड़गांव और फरीदाबाद सीट अपने नाम किए. तो वहीं कांग्रेस ने रोहतक में अपना दबदबा बरकरार रखा, जबकि इनेलो ने सिरसा और हिसार लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की.
2014 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले बड़े चेहरों में राव इंद्रजीत सिंह (बीजेपी-गुड़गांव), कृष्ण पाल गुर्जर (बीजेपी-फरीदाबाद), अश्विनी कुमार चोपड़ा (बीजेपी-करनाल), दीपेंद्र सिंह हुड्डा (कांग्रेस-रोहतक) और दुष्यंत चौटाला (आईएनएलडी-हिसार) शामिल थे.
वहीं दूसरी ओर कुलदीप बिश्नोई (HJC), नवीन जिंदल (कांग्रेस), अशोक तंवर (कांग्रेस), अवतार सिंह भड़ाना (कांग्रेस), श्रुति चौधरी (कांग्रेस), ओम प्रकाश धनखड़ (बीजेपी), आर. के. आनंद, जाकिर हुसैन, योगेंद्र यादव, नवीन जयहिंद (AAP) और अरविंद कुमार शर्मा (कांग्रेस) जैसे दिग्गज और बड़े चेहरे चुनाव हार गए थे.