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बाजरे की फसल की खरीद के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी - हरियाणा बाजरा सत्यापन प्रक्रिया शुरू

हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब सरकार सिर्फ उन किसानों से ही बाजरा खरीदेगी, जिन्होंने 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया होगा.

registration is necessary on meri fasal mera byora portal for the purchase of bajra crop in haryana
बाजरे की फसल की खरीद के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी
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Published : Sep 2, 2020, 1:45 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा कृषि और किसान कल्याण विभाग ने इस साल बोई गई बाजरे की फसल के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये प्रक्रिया अगले 10 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी. इस साल सरकार ने सिर्फ उस बाजरे को खरीदने का फैसला लिया है, जिसका रजिस्ट्रेशन किसानों ने मेरी फसल मेरी ब्योरा पर कराया होगा.

कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि ये सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले और राज्य का पैसा पड़ोसी राज्यों से आने वाली फसलों पर खर्च न हो. हरियाणा सरकार ने इस साल सिर्फ वही बाजरा खरीदने का निर्णय लिया है, जिसका विवरण किसानों ने पहले ही मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर जमा करवा दिया है और अधिकारियों द्वारा इसे सत्यापित किया जा चुका है.

सचिव संजीव कौशल ने बताया कि इसलिए, फसल डेटा का पूर्ण और समय पर सत्यापन सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य में किसानों को अपनी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ-साथ विभाग द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहनों और सब्सिडी का लाभ भी मिल सके. उन्होंने कहा कि इस मामले में गलतियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और किसी भी चूक के मामले में अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कौशल ने बताया कि किसानों द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर जमा करवाए गए फसल डेटा को सत्यापित करने के लिए सभी जिलों में लगभग 650 कर्मचारी पहले ही तैनात किए जा चुके हैं. सत्यापन डेटा वेब एप्लिकेशन के माध्यम से दर्ज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि फसल बुकिंग की कवायद को समय पर पूरा करने के लिए आउटसोर्सिंग नीति के माध्यम से कृषि विकास अधिकारी (एडीओ) के प्रत्येक स्वीकृत पद के साथ अतिरिक्त मैनपॉवर की व्यवस्था की जा रही है.

ये भी पढ़िए: सीएम मनोहर लाल की दूसरी रिपोर्ट भी आई कोरोना पॉजिटिव, मेदांता में चल रहा है इलाज

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि संबंधित उप-निदेशक, कृषि (डीडीए) संबंधित जिले की अधिकृत आउटसोर्सिंग एजेंसी से आउटसोर्सिंग नीति के माध्यम से एडीओ के प्रत्येक स्वीकृत पद के लिए एक व्यक्ति की व्यवस्था करेगा.

उम्मीदवार एक कृषि स्नातक होगा और संबंधित जिले में पर्यवेक्षक के लिए संबंधित डीसी दर पर अर्ध-कुशल व्यक्ति के मासिक वेतन का हकदार होगा. ये आउटसोर्स व्यक्ति पूरे वर्ष काम करेंगे और फसल कटाई प्रयोग, मेरी फसल मेरा ब्योरा और विभाग की अन्य गतिविधियों के लिए एडीओ की सहायता करेंगे.

कैसे होगी फसल बुकिंग प्रक्रिया?

फसल बुकिंग की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कौशल ने बताया कि संबंधित एडीओ और उनके प्रतिनिधि या सहायक मैनपॉवर ड्रॉप-डाउन विकल्प के माध्यम से विशेष खसरा संख्या में बोई गई फसल के नाम को ही भरेंगे और उसका सत्यापन करेंगे.

जमीन के मालिक के सत्यापन का कोई विकल्प नहीं है. किसी भी स्तर पर, यदि कोई एडीओ या उसका प्रतिनिधि या सहायक कर्मचारी किसी विशेष खसरा नंबर में मालिकों की सूची देखना चाहते हैं, तो वो खसरा नंबर पर क्लिक कर सकते हैं. एक पॉपअप विंडो में उस विशेष खसरे के सभी भूमि मालिकों का विवरण होगा.

चंडीगढ़: हरियाणा कृषि और किसान कल्याण विभाग ने इस साल बोई गई बाजरे की फसल के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये प्रक्रिया अगले 10 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी. इस साल सरकार ने सिर्फ उस बाजरे को खरीदने का फैसला लिया है, जिसका रजिस्ट्रेशन किसानों ने मेरी फसल मेरी ब्योरा पर कराया होगा.

कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि ये सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले और राज्य का पैसा पड़ोसी राज्यों से आने वाली फसलों पर खर्च न हो. हरियाणा सरकार ने इस साल सिर्फ वही बाजरा खरीदने का निर्णय लिया है, जिसका विवरण किसानों ने पहले ही मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर जमा करवा दिया है और अधिकारियों द्वारा इसे सत्यापित किया जा चुका है.

सचिव संजीव कौशल ने बताया कि इसलिए, फसल डेटा का पूर्ण और समय पर सत्यापन सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य में किसानों को अपनी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ-साथ विभाग द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहनों और सब्सिडी का लाभ भी मिल सके. उन्होंने कहा कि इस मामले में गलतियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और किसी भी चूक के मामले में अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कौशल ने बताया कि किसानों द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर जमा करवाए गए फसल डेटा को सत्यापित करने के लिए सभी जिलों में लगभग 650 कर्मचारी पहले ही तैनात किए जा चुके हैं. सत्यापन डेटा वेब एप्लिकेशन के माध्यम से दर्ज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि फसल बुकिंग की कवायद को समय पर पूरा करने के लिए आउटसोर्सिंग नीति के माध्यम से कृषि विकास अधिकारी (एडीओ) के प्रत्येक स्वीकृत पद के साथ अतिरिक्त मैनपॉवर की व्यवस्था की जा रही है.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि संबंधित उप-निदेशक, कृषि (डीडीए) संबंधित जिले की अधिकृत आउटसोर्सिंग एजेंसी से आउटसोर्सिंग नीति के माध्यम से एडीओ के प्रत्येक स्वीकृत पद के लिए एक व्यक्ति की व्यवस्था करेगा.

उम्मीदवार एक कृषि स्नातक होगा और संबंधित जिले में पर्यवेक्षक के लिए संबंधित डीसी दर पर अर्ध-कुशल व्यक्ति के मासिक वेतन का हकदार होगा. ये आउटसोर्स व्यक्ति पूरे वर्ष काम करेंगे और फसल कटाई प्रयोग, मेरी फसल मेरा ब्योरा और विभाग की अन्य गतिविधियों के लिए एडीओ की सहायता करेंगे.

कैसे होगी फसल बुकिंग प्रक्रिया?

फसल बुकिंग की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कौशल ने बताया कि संबंधित एडीओ और उनके प्रतिनिधि या सहायक मैनपॉवर ड्रॉप-डाउन विकल्प के माध्यम से विशेष खसरा संख्या में बोई गई फसल के नाम को ही भरेंगे और उसका सत्यापन करेंगे.

जमीन के मालिक के सत्यापन का कोई विकल्प नहीं है. किसी भी स्तर पर, यदि कोई एडीओ या उसका प्रतिनिधि या सहायक कर्मचारी किसी विशेष खसरा नंबर में मालिकों की सूची देखना चाहते हैं, तो वो खसरा नंबर पर क्लिक कर सकते हैं. एक पॉपअप विंडो में उस विशेष खसरे के सभी भूमि मालिकों का विवरण होगा.

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