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जहां बीजेपी-कांग्रेस ने काटा टिकट वहां गिरा मतदान प्रतिशत, नाराजगी किसपर पड़ेगी भारी?

बीजेपी और कांग्रेस ने जहां नए चेहरे उतारे वहां मतदान प्रतिशत कम ही रहा है. इसके पीछे टिकट कटने वाले नेताओं की नाराजगी और दिग्गजों के प्रति मतदाताओं की चाह कम होना माना जा रहा है. सबसे बड़ी गिरावट मतदान में सीएम मनोहर लाल के हलके करनाल में 15 प्रतिशत की दर्ज की गई.

less voting percentage in haryana assembly election
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Published : Oct 23, 2019, 8:37 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 19 साल बाद सबसे कम मतदान हुआ है. इसकी वजह तो अभी साफ नहीं हो पाई है, लेकिन मतदान प्रतिशत का आंकलन बताता है कि जहां बीजेपी ने अपने विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटे थे, वहां पर मतदान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई.

बीजेपी-कांग्रेस ने काटे टिकट
सिर्फ बीजेपी ही नहीं जहां कांग्रेस ने भी नए चेहरे उतारे वहां भी मतदान प्रतिशत कम ही रहा है. इसके पीछे टिकट कटने वाले नेताओं की नाराजगी और दिग्गजों के प्रति मतदाताओं की चाह कम होना माना जा रहा है. सबसे बड़ी गिरावट मतदान में सीएम मनोहर लाल के हलके करनाल में 15 प्रतिशत की दर्ज की गई.

बीते चुनाव में करनाल में 67.84 प्रतिशत वोट पड़े थे, जबकि इस बार 52.29 फीसदी ही मतदान हुआ है. उसके बाद पानीपत शहरी सीट पर 13 प्रतिशत कम मतदान हुआ है. यहां बीजेपी ने मौजूदा विधायक रोहिता रेवड़ी का टिकट काटा था. उनकी जगह बीजेपी ने प्रमोद विज को टिकट दिया था.

नाराजगी किसपर पड़ेगी भारी?
सूत्र बताते हैं कि रेवड़ी का टिकट कटने पर उनके समर्थक खासा नाराज थे. शहरी मतदाता विधायक की टिकट कटने के बाद वोट डालने नहीं निकले. यही गुरुग्राम में हुआ. यहां बीजेपी ने मौजूद विधायक उमेश अग्रवाल का टिकट काटा. उनकी जगह सुधीर सिंगला को टिकट दिया. शायद यही वजह रही कि गुरुग्राम में अग्रवाल के समर्थक वोटर मतदान केंद्रों तक पहुंचे ही नहीं. यहां मतदान में 12 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई.

गुरुग्राम-फरीदाबाद में गिरा मतदान का ग्राफ
बीजेपी ने फरीदाबाद सीट पर विपुल गोयल की जगह नरेंद्र गुप्ता और बादशाहपुर में राव नरबीर की जगह मनीष यादव को टिकट दिया. दोनों ही जगह मंत्रियों ने बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया, लेकिन दोनों से जुड़े मतदाता की नाराजगी अंतिम समय तक दूर नहीं हो पाई. बाकी जिन विधायकों के टिकट काटे गए थे, उनकी सीटों पर भी पांच से दस फीसदी मतदान कम हुआ है.

बीजेपी ने इनका काटा टिकट और गिर गया मतदान प्रतिशत!

नाम विधानसभा सीट गिरा मतदान प्रतिशत
राव नरबीर बादशाहपुर 11
विपुल गोयल फरीदाबाद 11
संतोष सारवान मुलाना 07
रोहिता रेवड़ी पानीपत शहरी 13
कुलवंत बाजीगर गुहला 07
श्याम सिंह राणा रादौर 10
बिक्रम ठेकेदार कोसली 10
रणधीर कापड़ीवास रेवाड़ी 08
बिमला यादव पटौदी 06
उमेश अग्रवाल गुरुग्राम 12
तेजपाल तंवर सोहना 05

स्टार चेहरे भी नहीं बढ़ा पाए मतदान
कुरुक्षेत्र की पिहोवा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह को उतारा था. उनकी काफी फैन फालोअिंग है, लेकिन वो क्षेत्र की जनता को मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंचा पाए. पिहोवा में बीते चुनाव की तुलना दस प्रतिशत कम वोट हैं. बड़ौदा सीट पर पहलवान योगश्वर दत्त मैदान में हैं, यहां भी बीते चुनाव के मुकाबले पांच प्रतिशत कम वोट पड़े हैं. योगेश्वर भी मतदाताओं में जोश नहीं भर पाए.

मतदान पर नहीं दिखा असर
दादरी में जानी-मानी पहलवान बबीता फौगाट को भाजपा ने चुनाव लड़वाया. बबीता कुश्ती के लिए तो विश्व प्रसिद्ध हैं, लेकिन उनके हलके में भी मतदाताओं में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा. दादरी में 2014 की तुलना दस प्रशित कम मतदान हुआ है.

आदमपुर विधानसभा सीट पर टिकटॉक गर्ल सोनाली फोगाट मैदान में थी, मतदान प्रतिशत बीते चुनाव की तुलना में यहां दो फीसदी ही कम रहा है. यानि कांग्रेस दिग्गज कुलदीप बिश्नोई और सोनाली की जंग में मतदाताओं ने अच्छा खासा वोट किया है. 2014 में यहां 78.28 फीसदी मतदान हुआ था. 2019 में 75.70 प्रतिशत वोट पड़े हैं.

इन सीटों पर दूसरे दलों से आए नेता

नाम विधानसभा सीट गिरा मतदान प्रतिशत
राम कुमार कश्यप इंद्री 07
परमिंद्र ढुल जुलाना 2.58
बलकौर सिंह कालांवाली 08
रामचंद्र कंबोज रानियां 09
विनोद भ्याना हांसी 08
रणबीर गंगवा नलवा 08
जाकिर हुसैन नूंह 09
नसीम अहमद फिरोजपुर झिरका 05
नगेंद्र भड़ाना फरीदाबाद एनआईटी 05

ये कांग्रेसी भी नहीं भर पाए जोश

नाम विधानसभा सीट गिरा मतदान प्रतिशत
प्रदीप चौधरी कालका 07
चंद्रमोहन बिश्नोई पंचकूला 05
शैली नारायणगढ़ 08
वरुण मुलाना 07
अशोक अरोड़ा थानेसर 07
अमित सिहाग डबवाली 08
अंशुल सिंगला जींद 09

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 19 साल बाद सबसे कम मतदान हुआ है. इसकी वजह तो अभी साफ नहीं हो पाई है, लेकिन मतदान प्रतिशत का आंकलन बताता है कि जहां बीजेपी ने अपने विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटे थे, वहां पर मतदान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई.

बीजेपी-कांग्रेस ने काटे टिकट
सिर्फ बीजेपी ही नहीं जहां कांग्रेस ने भी नए चेहरे उतारे वहां भी मतदान प्रतिशत कम ही रहा है. इसके पीछे टिकट कटने वाले नेताओं की नाराजगी और दिग्गजों के प्रति मतदाताओं की चाह कम होना माना जा रहा है. सबसे बड़ी गिरावट मतदान में सीएम मनोहर लाल के हलके करनाल में 15 प्रतिशत की दर्ज की गई.

बीते चुनाव में करनाल में 67.84 प्रतिशत वोट पड़े थे, जबकि इस बार 52.29 फीसदी ही मतदान हुआ है. उसके बाद पानीपत शहरी सीट पर 13 प्रतिशत कम मतदान हुआ है. यहां बीजेपी ने मौजूदा विधायक रोहिता रेवड़ी का टिकट काटा था. उनकी जगह बीजेपी ने प्रमोद विज को टिकट दिया था.

नाराजगी किसपर पड़ेगी भारी?
सूत्र बताते हैं कि रेवड़ी का टिकट कटने पर उनके समर्थक खासा नाराज थे. शहरी मतदाता विधायक की टिकट कटने के बाद वोट डालने नहीं निकले. यही गुरुग्राम में हुआ. यहां बीजेपी ने मौजूद विधायक उमेश अग्रवाल का टिकट काटा. उनकी जगह सुधीर सिंगला को टिकट दिया. शायद यही वजह रही कि गुरुग्राम में अग्रवाल के समर्थक वोटर मतदान केंद्रों तक पहुंचे ही नहीं. यहां मतदान में 12 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई.

गुरुग्राम-फरीदाबाद में गिरा मतदान का ग्राफ
बीजेपी ने फरीदाबाद सीट पर विपुल गोयल की जगह नरेंद्र गुप्ता और बादशाहपुर में राव नरबीर की जगह मनीष यादव को टिकट दिया. दोनों ही जगह मंत्रियों ने बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया, लेकिन दोनों से जुड़े मतदाता की नाराजगी अंतिम समय तक दूर नहीं हो पाई. बाकी जिन विधायकों के टिकट काटे गए थे, उनकी सीटों पर भी पांच से दस फीसदी मतदान कम हुआ है.

बीजेपी ने इनका काटा टिकट और गिर गया मतदान प्रतिशत!

नाम विधानसभा सीट गिरा मतदान प्रतिशत
राव नरबीर बादशाहपुर 11
विपुल गोयल फरीदाबाद 11
संतोष सारवान मुलाना 07
रोहिता रेवड़ी पानीपत शहरी 13
कुलवंत बाजीगर गुहला 07
श्याम सिंह राणा रादौर 10
बिक्रम ठेकेदार कोसली 10
रणधीर कापड़ीवास रेवाड़ी 08
बिमला यादव पटौदी 06
उमेश अग्रवाल गुरुग्राम 12
तेजपाल तंवर सोहना 05

स्टार चेहरे भी नहीं बढ़ा पाए मतदान
कुरुक्षेत्र की पिहोवा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह को उतारा था. उनकी काफी फैन फालोअिंग है, लेकिन वो क्षेत्र की जनता को मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंचा पाए. पिहोवा में बीते चुनाव की तुलना दस प्रतिशत कम वोट हैं. बड़ौदा सीट पर पहलवान योगश्वर दत्त मैदान में हैं, यहां भी बीते चुनाव के मुकाबले पांच प्रतिशत कम वोट पड़े हैं. योगेश्वर भी मतदाताओं में जोश नहीं भर पाए.

मतदान पर नहीं दिखा असर
दादरी में जानी-मानी पहलवान बबीता फौगाट को भाजपा ने चुनाव लड़वाया. बबीता कुश्ती के लिए तो विश्व प्रसिद्ध हैं, लेकिन उनके हलके में भी मतदाताओं में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा. दादरी में 2014 की तुलना दस प्रशित कम मतदान हुआ है.

आदमपुर विधानसभा सीट पर टिकटॉक गर्ल सोनाली फोगाट मैदान में थी, मतदान प्रतिशत बीते चुनाव की तुलना में यहां दो फीसदी ही कम रहा है. यानि कांग्रेस दिग्गज कुलदीप बिश्नोई और सोनाली की जंग में मतदाताओं ने अच्छा खासा वोट किया है. 2014 में यहां 78.28 फीसदी मतदान हुआ था. 2019 में 75.70 प्रतिशत वोट पड़े हैं.

इन सीटों पर दूसरे दलों से आए नेता

नाम विधानसभा सीट गिरा मतदान प्रतिशत
राम कुमार कश्यप इंद्री 07
परमिंद्र ढुल जुलाना 2.58
बलकौर सिंह कालांवाली 08
रामचंद्र कंबोज रानियां 09
विनोद भ्याना हांसी 08
रणबीर गंगवा नलवा 08
जाकिर हुसैन नूंह 09
नसीम अहमद फिरोजपुर झिरका 05
नगेंद्र भड़ाना फरीदाबाद एनआईटी 05

ये कांग्रेसी भी नहीं भर पाए जोश

नाम विधानसभा सीट गिरा मतदान प्रतिशत
प्रदीप चौधरी कालका 07
चंद्रमोहन बिश्नोई पंचकूला 05
शैली नारायणगढ़ 08
वरुण मुलाना 07
अशोक अरोड़ा थानेसर 07
अमित सिहाग डबवाली 08
अंशुल सिंगला जींद 09
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