चंडीगढ़: गोवा में हुए रेप कांड (Goa Rape Case) के बाद देश में महिला सुरक्षा का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है. महिलाओं के साथ अनगिनत अपराध होने के बावजूद अभी तक महिला सुरक्षा हाशिए पर है. महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ में पुलिस सुरक्षा को लेकर रियलिटी चेक (Reality Check On Women Safety Chandigarh) किया. हमारी टीम रात साढ़े 9 बजे सेक्टर-15 पहुंची. यहां पुलिस का दूर-दूर तक कोई नामो निशान नहीं था.
हमने महिला सुरक्षा को लेकर रियलिटी चेक चंडीगढ़ के सेक्टर 20 से शुरू किया. इसके बाद हम चंडीगढ़ की सेक्टर 18, सेक्टर 17, सेक्टर 16,सेक्टर 15, सेक्टर 14, सेक्टर 25, धनास सेक्टर 37 सेक्टर 38 सेक्टर 41 सेक्टर 42, सेक्टर 52, सेक्टर 53, सेक्टर 35, सेक्टर 36, और सेक्टर 22 तक गए, लेकिन हमें किसी भी सड़क पर और किसी भी चौक पर कोई पुलिसकर्मी या पीसीआर वैन दिखाई नहीं दी. हम करीब रात 11 बजे तक चंडीगढ़ की सड़कों पर रहे. इस बीच लोगों का और वाहनों का आवागमन जारी रहा, लेकिन पुलिसकर्मी नदारद दिखे.
सबसे पहले हमने पीजीआई (Chandigarh PGI) के सामने धनास की ओर जाती हुई सड़क का मुआयना किया. ये सड़क रात के वक्त सुनसान रहती है. इस सड़क के दोनों और घने जंगल हैं, लेकिन लापरवाही देखिए, सड़क पर लगाई गई आधी से ज्यादा स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी थी. सड़क पर गहरा अंधेरा था. यहां पर ना तो स्ट्रीट लाइट का प्रबंध मिला, ना ही पुलिस कर्मी मौजूद मिला. इसके बाद हम चंडीगढ़ के सेक्टर 14 और 25 के चौक पर पहुंचे. सेक्टर 14 में और सेक्टर 25 में पंजाब यूनिवर्सिटी के कैंपस है.
जहां पर हजारों छात्राएं पढ़ाई करती हैं. यहां पर गर्ल हॉस्टल भी है. इन छात्राओं का आसपास की सड़कों पर आना-जाना लगा रहता है. इसके बावजूद भी यहां रात साढ़े 9 बजे के बाद पुलिसकर्मी और पीसीआर वैन मौजूद नहीं थी. इसके बाद अलग-अलग सेक्टरों से होते हुए हम चंडीगढ़ के सेक्टर 53 में पहुंचे. 17 नवंबर 2017 की रात को एक ऑटो ड्राइवर ने सेक्टर 53 के जंगलों में एक लड़की से रेप की वारदात को अंजाम दिया था.
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हमारी टीम ठीक उसी जगह पहुंची जहां पर वारदात को अंजाम दिया गया था. लेकिन यहां भी पुलिसकर्मी दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं दिए. इसके अलावा हम तमाम सेक्टरों से होते हुए सेक्टर-17 तक पहुंचे. हमारी कोशिश यही थी कि हमें कहीं पर पुलिस की पीसीआर वैन नजर आ जाए, लेकिन करीब आधे चंडीगढ़ में घूमने के बाद हमें कहीं पर भी पुलिस नजर नहीं आई. हमें कई पुलिस बीट बॉक्स भी दिखाई दिए लेकिन वह भी बंद पड़े हुए थे.