चंडीगढ़: हरियाणा की नई बीजेपी-जेजेपी गठबंधन वाली सरकार में आए दिन कोई न कोई नई घटना या नया विवाद सामने आ रहा है. मंगलवार शाम चंडीगढ़ में हरियाणा के सभी सात निर्दलीय विधायकों की बिजली मंत्री रंजीत चौटाला की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. बताया जा रहा है कि इस बैठक में सरकार पर चर्चा की गई. बैठक में रोहतक जिले की विधानसभा से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने भी शिरकत की. कुछ दिन पहले बलराज कुंडू ने सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था.
बैठक में नहीं हुई सरकार पर कोई चर्चा- रणजीत चौटाला
हालांकि, बैठक में शामिल होने वाले निर्दलीय विधायक और सरकार में बिजली मंत्री रंजीत सिंह ने बैठक को सामान्य बताया है. उन्होंने कहा है कि इस दौरान सरकार को लेकर किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई. इसके साथ ही उन्होंने बलराज कुंडू के सरकार से समर्थन वापस लेने के एलान को उनकी निजी राय बताया.
नागरिक संशोधन कानून को लेकर पूछे गए सवाल पर बिजली मंत्री ने कहा कि संविधान ने संसद को कानून बनाने की शक्ति दी है और जनता के चुने नुमाइंदे जब कोई कानून संसद में पास करते हैं तो उसे लागू किया जाना चाहिए. ऐसे में कानून का विरोध जनता का विरोध होता है.
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'सीएम के पास है सुप्रीम शक्ति'
वहीं सीआईडी विवाद पर रणजीत चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री सुप्रीम शक्ति होती है और उनका अधिकार क्षेत्र है कि कौन सा विभाग किस मंत्री के पास होगा. मुख्यमंत्री को किसी भी पोर्टफोलियो को लेने, देने या फिर उसमें बदलाव करने का पूरा अधिकार होता है.