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रंजीत चौटाला को नहीं पसंद आया पूर्व जेल मंत्री का प्लान, ओपन एयर जेल कॉन्सेप्ट रुका

हरियाणा में ओपन एयर जेल को लेकर जेल मंत्री रणजीत चौटाला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राजस्थान जैसे क्षेत्रफल में बड़े प्रदेशों में ऐसा प्रपोजल कामयाब हो सकता है, क्योंकि इन प्रदेशों में काफी जगह खाली पड़ी रहती है. हरियाणा और पंजाब में इस तरह की कोई जगह नहीं है.

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Published : Jan 10, 2020, 4:50 PM IST

open air jail concept in haryana
रंजीत चौटाला को नहीं पसंद आया पूर्व जेल मंत्री का प्लान!

चंडीगढ़ः प्रदेश की बीजेपी सरकार की पिछली योजना में प्रदेश के कई हिस्सों में ओपन एयर जेल बनाए जाने का प्रपोजल लाया गया था. लेकिन सरकार की ये योजन अब ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है. जिन जिलों में अच्छे आचरण वाले कैदियों को अपने परिवार के साथ रहने की अनुमति मिलने वाली थी, लेकिन अब प्रदेश के जेल मंत्रालय की ओर से जगह की कमी को वजह बताते हुए इसे रद्द करने की बात कही गई है.

जेल मंत्री को नहीं पसंद आया प्लान!
इस मामले में जेल मंत्री रणजीत चौटाला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राजस्थान जैसे क्षेत्रफल में बड़े प्रदेशों में ऐसा प्रपोजल कामयाब हो सकता है. क्योंकि इन प्रदेशों में काफी जगह खाली पड़ी रहती है. हरियाणा और पंजाब में इस तरह की कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि ये क्षेत्रफल के हिसाब से छोटे प्रदेश हैं, इसलिए इसके बारे में सोचा जाएगा. हालांकि इस समय प्रदेश की जेलों में 30 हजार कैदी बंद है, उनसे खेती करवाने पर विचार किया जा रहा है.

रंजीत चौटाला को नहीं पसंद आया पूर्व जेल मंत्री का प्लान!

पूर्व जेल मंत्री का कॉन्सेप्ट
बता दें कि पूर्व जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार प्रदेश के कई जिलों में ओपन एयर जेली बनाने का कॉन्सेप्ट लाए थे. जिसके तहत कोई भी बंदी जेल सुपरिटेंडेंट की इजाजत से किसी भी फैक्ट्री या कृषि फार्म में काम कर सकता था और शाम को जेल में वापस भी लौटता. कृष्ण लाल पंवार के इस कॉन्सेप्ट में जेल के बाहर कैंपस भी बनाए जाने थे जिसके अंदर अलग-अलग क्वार्टर बनते और बंदी वहां अपने परिवार के साथ रहते.

ये भी पढ़ेंः बुढ़ापा पेंशन वृद्धि पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कहा- नहीं निभाया विधवा-विकलांगों से किया वादा

करनाल और फरीदाबाद में होनी थी शुरूआत
पहले चरण में करनाल जेल परिसर में ओपन एयर जेल बनाई जानी थी, जिसके लिए बैरक की पहचान भी कर ली गई थी. इनमें 50 कैदियों के लिए रहने की व्यवस्था की जानी थी. करनाल के बाद फरीदाबाद और अन्य जिलों में ये प्रपोजल लाया जाना था. ओपन एयर जेल में उन कैदियों को रखा जाना था, जो कि कभी पैरोल से लेट ना हुए हो और जेल परिसर में अनुशासन से रह रहे हो. ऐसे कैदी जेल परिसर में रहकर खेती करते और गौशालाओ में भी उनसे काम करवाया जाता.

चंडीगढ़ः प्रदेश की बीजेपी सरकार की पिछली योजना में प्रदेश के कई हिस्सों में ओपन एयर जेल बनाए जाने का प्रपोजल लाया गया था. लेकिन सरकार की ये योजन अब ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है. जिन जिलों में अच्छे आचरण वाले कैदियों को अपने परिवार के साथ रहने की अनुमति मिलने वाली थी, लेकिन अब प्रदेश के जेल मंत्रालय की ओर से जगह की कमी को वजह बताते हुए इसे रद्द करने की बात कही गई है.

जेल मंत्री को नहीं पसंद आया प्लान!
इस मामले में जेल मंत्री रणजीत चौटाला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राजस्थान जैसे क्षेत्रफल में बड़े प्रदेशों में ऐसा प्रपोजल कामयाब हो सकता है. क्योंकि इन प्रदेशों में काफी जगह खाली पड़ी रहती है. हरियाणा और पंजाब में इस तरह की कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि ये क्षेत्रफल के हिसाब से छोटे प्रदेश हैं, इसलिए इसके बारे में सोचा जाएगा. हालांकि इस समय प्रदेश की जेलों में 30 हजार कैदी बंद है, उनसे खेती करवाने पर विचार किया जा रहा है.

रंजीत चौटाला को नहीं पसंद आया पूर्व जेल मंत्री का प्लान!

पूर्व जेल मंत्री का कॉन्सेप्ट
बता दें कि पूर्व जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार प्रदेश के कई जिलों में ओपन एयर जेली बनाने का कॉन्सेप्ट लाए थे. जिसके तहत कोई भी बंदी जेल सुपरिटेंडेंट की इजाजत से किसी भी फैक्ट्री या कृषि फार्म में काम कर सकता था और शाम को जेल में वापस भी लौटता. कृष्ण लाल पंवार के इस कॉन्सेप्ट में जेल के बाहर कैंपस भी बनाए जाने थे जिसके अंदर अलग-अलग क्वार्टर बनते और बंदी वहां अपने परिवार के साथ रहते.

ये भी पढ़ेंः बुढ़ापा पेंशन वृद्धि पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कहा- नहीं निभाया विधवा-विकलांगों से किया वादा

करनाल और फरीदाबाद में होनी थी शुरूआत
पहले चरण में करनाल जेल परिसर में ओपन एयर जेल बनाई जानी थी, जिसके लिए बैरक की पहचान भी कर ली गई थी. इनमें 50 कैदियों के लिए रहने की व्यवस्था की जानी थी. करनाल के बाद फरीदाबाद और अन्य जिलों में ये प्रपोजल लाया जाना था. ओपन एयर जेल में उन कैदियों को रखा जाना था, जो कि कभी पैरोल से लेट ना हुए हो और जेल परिसर में अनुशासन से रह रहे हो. ऐसे कैदी जेल परिसर में रहकर खेती करते और गौशालाओ में भी उनसे काम करवाया जाता.

Intro:चंडीगढ़, भाजपा सरकार की पिछली योजना में प्रदेश के कई हिस्सों में ओपन एयर जेल बनाए जाने का प्रपोजल लाया गया था जो कि अब ठंडे बस्ते में चला गया है इन जिलों में अच्छे आचरण वाले कैदियों को अपने परिवार के साथ रहने की अनुमति मिलने वाली थी प्रदेश के रेल मंत्रालय की ओर से अब जगह की कमी को वजह बताया जा रहा है ।


Body:बता दे पूर्व जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार प्रदेश के कई जिलों में ओपन एयर जेली बनाने का कांसेप्ट लाए थे जिसके तहत कोई भी बंदी जेल सुपरिटेंडेंट की इजाजत से किसी भी फैक्ट्री या कृषि फार्म में काम कर सकता था और शाम को वापस भी जेल में लौटता यही नहीं जेल के बाहर केंपस भी बनाए जाने थे जिसके अंदर अलग-अलग क्वार्टर बनते और बंदी वहां अपने परिवार के साथ रहते ।

पहले चरण में करनाल जेल परिसर में ओपन एयर जेल बनाई जानी थी जिसके लिए बैरक को की पहचान भी कर ली गई थी इनमें 50 कैदी के लिए रहने की व्यवस्था की जानी थी करनाल के बाद फरीदाबाद व अन्य जिलों में यह प्रपोजल लाया जाना था ओपन एयर जेल में उन कैदियों को रखा जाना था जो कि कभी पैरोल से लेट ना हुए हो और जेल परिसर में अनुशासन से रह रहे हो ऐसे कैदी जेल परिसर में रहकर खेती करते व गौशालाओ में भी उनसे काम करवाया जाता ।

इस विषय पर जेल मंत्री रणजीत चौटाला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राजस्थान जैसे क्षेत्रफल में बड़े प्रदेशों में ऐसा प्रपोजल कामयाब हो सकता है क्योंकि इन प्रदेशों में काफी जगह खाली पड़ी रहती है । हरियाणा व पंजाब में इस तरह की कोई जगह नहीं है यह क्षेत्रफल के हिसाब से छोटे प्रदेश हैं इसलिए इसके बारे में सोचा जाएगा । उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश की जेलों में 30 हजार कैदी बंद है उनसे खेती करवाने पर विचार किया जा रहा है ।


Conclusion:ओपन एयर जेलो का प्रपोजल में देरी उन 30 हजार कैदियों के लिए एक मायूसी भरी खबर है जो एक लंबे समय से इस सुविधा की बाट जो रहे थे । इन कैदियों के लिए मायूसी के साथ-साथ एक कुछ राहत देने वाली भी खबर है वह यह कि जल्द ही इस तरह के कैदियों से कृषि आदि का कार्य करवाया जा सकता है जिससे उन्हें जेल से बाहर जाने का मौका भी मिलेगा ।
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