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कांग्रेस ने 'भगोड़ों का साथ-भगोड़ों का लोन माफ' को बताया बीजेपी सरकार का मूल मंत्र

कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि 24 अप्रैल 2020 को RTI के जवाब में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपये माफ करने की बात स्वीकार ली. साथ ही सरकार से इन घोटालेबाजों पर हो रही कृपा का कारण पूछा है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 28, 2020, 11:51 PM IST

Updated : Apr 29, 2020, 10:43 AM IST

randeep surjewala
randeep surjewala

चंडीगढ़: कांग्रेस पार्टी की ओर से केंद्र सरकार पर घोटाले के आरोप लगाए गए हैं. ये आरोप कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लगाए हैं. एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया कि 16 मार्च, 2020 को संसद में राहुल गांधी ने देश के सबसे बड़े 50 बैंक घोटाले बाजों के नाम मोदी सरकार से पूछे, लेकिन वित्तमंत्री और सरकार ने षडयंत्रकारी चुप्पी साधकर ये नाम जगजाहिर करने से इंकार कर दिया.

इस समय पूरा देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा है. रोजी रोटी की मार के चलते देश के करोड़ों मजदूरों को शहर से गांव पलायन करना पड़ा है. CMIE के मुताबिक 14 करोड़ से अधिक लोग रोजगार से हाथ धो बैठे हैं. 113 लाख फौजी जवानों, मिलिटरी पेंशनरों और सरकारी कर्मचारियों का 37,530 करोड़ रुपये महंगाई भत्ता मोदी सरकार ने काट लिया है.

सभी सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों से तथा कंपनियों से केंद्र और राज्यों के कोरोना रिलीफ फंड में हजारों करोड़ रुपये इकट्ठा किया जा रहा है. लघु उद्योग, दुकानदारी और व्यवसाय ठप्प हो गए हैं, लेकिन शर्म की बात है कि इसके बावजूद मोदी सरकार की ओर से बैंक डिफॉल्टरों को 68,607 करोड़ रु. की माफी दी जा रही है.

मोदी सरकार की ‘जन-धन-गबन’ योजना

24 अप्रैल 2020 की RTI में 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों के 68,607 करोड़ रुपये बैंक राइट ऑफ की सूची में सबसे पहला नाम मेहुल चौकसी-नीरव मोदी की जोड़ी का है. जिनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया, नक्षत्रा ब्रांड्स का 8,048 करोड़ रुपये राइट ऑफ कर दिया गया है. यही नहीं मोदी (NiMo – नीमो) + मेहुल के साथ-साथ पालनपुर के एक और भगोड़े जौहरी, जतिन मेहता की कंपनियों, विनसम डायमंड्स और फॉरएवर प्रीशियस ज्वेलरी का 6,038 करोड़ रुपये का बैंक लोन भी राइट ऑफ हो गया. एक और भगोड़े विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाईंस का 1,943 करोड़ रुपये कर्ज भी राइट ऑफ हो गया.

सरकार ने घोटालेबाजों को दिए रुपये

मोदी सरकार ने 2014-15 से 2019-20 (2019) तक बैंक घोटालेबाजों का 6,66,000 करोड़ रुपये दिया. इसमें 2014-15 से सितंबर, 2019 तक 100 करोड़ से अधिक लोन लेने वाले बैंक घोटालेबाजों के बैंक लोन राइट ऑफ की राशि ही 5,10,014 करोड़ रु. है.

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

इसके साथ ही मोदी सरकार के साढ़े पांच साल में यानि 2014-15 से 2019-20 (30 सितंबर, 2019) तक बैंक फ्रॉड के 32,868 केसेस में जनता को 2,70,513 करोड़ रुपये का चूना लगा है. क्या मोदी सरकार बताएगी कि ये सब कैसे हुआ? सरकार ने इस सब के लिए क्या कदम उठाया.

चंडीगढ़: कांग्रेस पार्टी की ओर से केंद्र सरकार पर घोटाले के आरोप लगाए गए हैं. ये आरोप कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लगाए हैं. एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया कि 16 मार्च, 2020 को संसद में राहुल गांधी ने देश के सबसे बड़े 50 बैंक घोटाले बाजों के नाम मोदी सरकार से पूछे, लेकिन वित्तमंत्री और सरकार ने षडयंत्रकारी चुप्पी साधकर ये नाम जगजाहिर करने से इंकार कर दिया.

इस समय पूरा देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा है. रोजी रोटी की मार के चलते देश के करोड़ों मजदूरों को शहर से गांव पलायन करना पड़ा है. CMIE के मुताबिक 14 करोड़ से अधिक लोग रोजगार से हाथ धो बैठे हैं. 113 लाख फौजी जवानों, मिलिटरी पेंशनरों और सरकारी कर्मचारियों का 37,530 करोड़ रुपये महंगाई भत्ता मोदी सरकार ने काट लिया है.

सभी सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों से तथा कंपनियों से केंद्र और राज्यों के कोरोना रिलीफ फंड में हजारों करोड़ रुपये इकट्ठा किया जा रहा है. लघु उद्योग, दुकानदारी और व्यवसाय ठप्प हो गए हैं, लेकिन शर्म की बात है कि इसके बावजूद मोदी सरकार की ओर से बैंक डिफॉल्टरों को 68,607 करोड़ रु. की माफी दी जा रही है.

मोदी सरकार की ‘जन-धन-गबन’ योजना

24 अप्रैल 2020 की RTI में 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों के 68,607 करोड़ रुपये बैंक राइट ऑफ की सूची में सबसे पहला नाम मेहुल चौकसी-नीरव मोदी की जोड़ी का है. जिनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया, नक्षत्रा ब्रांड्स का 8,048 करोड़ रुपये राइट ऑफ कर दिया गया है. यही नहीं मोदी (NiMo – नीमो) + मेहुल के साथ-साथ पालनपुर के एक और भगोड़े जौहरी, जतिन मेहता की कंपनियों, विनसम डायमंड्स और फॉरएवर प्रीशियस ज्वेलरी का 6,038 करोड़ रुपये का बैंक लोन भी राइट ऑफ हो गया. एक और भगोड़े विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाईंस का 1,943 करोड़ रुपये कर्ज भी राइट ऑफ हो गया.

सरकार ने घोटालेबाजों को दिए रुपये

मोदी सरकार ने 2014-15 से 2019-20 (2019) तक बैंक घोटालेबाजों का 6,66,000 करोड़ रुपये दिया. इसमें 2014-15 से सितंबर, 2019 तक 100 करोड़ से अधिक लोन लेने वाले बैंक घोटालेबाजों के बैंक लोन राइट ऑफ की राशि ही 5,10,014 करोड़ रु. है.

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इसके साथ ही मोदी सरकार के साढ़े पांच साल में यानि 2014-15 से 2019-20 (30 सितंबर, 2019) तक बैंक फ्रॉड के 32,868 केसेस में जनता को 2,70,513 करोड़ रुपये का चूना लगा है. क्या मोदी सरकार बताएगी कि ये सब कैसे हुआ? सरकार ने इस सब के लिए क्या कदम उठाया.

Last Updated : Apr 29, 2020, 10:43 AM IST
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